SIDHI : जिला अस्पताल का हाल बेहाल बच्चा वार्ड में 40 डिग्री तापमान : बर्न यूनिट के मरीज वार्ड के बाहर हवा खाने को मजबूर

 
SIDHI : जिला अस्पताल का हाल बेहाल बच्चा वार्ड में 40 डिग्री तापमान : बर्न यूनिट के मरीज वार्ड के बाहर हवा खाने को मजबूर

सीधी. जिला अस्पताल का हाल बेहाल है। यहां बर्न यूनिट तक में भर्ती मरीजों के लिए ठंडी हवा का इंतजाम नही है। ऐसे में मरीज पेड़ के नीचे हवा खाने को मजबूर हैं। यही हाल बच्चा वार्ड का है जहां 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर के तापमान में नवजातों को झुलसने के लिए छोड़ दिया गया है।

अस्पताल का हाल देख कर दिल कांप उठता है। आलम यह कि यहां भर्ती मरीजों को ठंडी हवा तक मयस्सर नहीं है। जब बर्न यूनिट जहां एसी अनिवार्य है वहां के मरीज भी जब इस भीषण गर्मी में बेहाल हैं तो और क्या कहा जाय। एसी तो दूर कूलर तक का इंतजाम नहीं है इस वार्ड में। कमोबेश यही हाल बच्चा वार्ड का है। अन्य मरीजों की हालत क्या होगी सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है।

अब आग से झुलसे लोगों पर तो जैसे अस्पताल प्रशासन नमक छिड़कने जैसा काम कर रहा है। मरीजों ने कई बार शिकायत की पर कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में मरीज पंखे की हवा जो लू बरसा रही है उसी में ये जले मरीज भुनने को विवश हैं। इस वार्ड में एक एसी लगी है पर उसे मरम्मत की दरकार है। लेकिन स्वास्थ्य महकमा उसकी मरम्मत तक नहीं करा पा रहा।

मेडिकल वार्ड
पूरे वार्ड में दो वार्ड में एसी लगाई गई है, जिसमें से ज्यादातर एसी खराब हैं। ऐसे में पंखे से ही काम चल रहा है। लिहाजा रात में ज्यादातर मरीज वार्ड से बाहर निकल कर पेड़ की छांव में सोने चले जाते हैं।

बच्चा वार्ड
बच्चा वार्ड में एसी लगाई ही नहीं गई है। ऐसे में 40 डिग्री से अधिक के तापमान में ये नवजात झुलसने को मजबूर हैं। ऐसा भी नहीं कि अस्पताल प्रशासन इस वार्ड में एसी लगाने की सोच भी रहा हो।

बर्न यूनिट
एसी बंद होने से गर्मी में मरीज बेचैन हैं। ऐसे में वो भी ठंडी हवा के लिए वार्ड से बाहर निकल कर बैठते हैं। लेकिन अस्पताल प्रशासन को इनका दर्द महसूस नहीं होता।

आईसीयू
क्रिटिकल केस में मरीजों को आईसीयू में भर्ती किया जाता है ताकि उन्हें बेहतर इलाज मिल सके। लेकिन यहां भी स्थिति दयनीय है। दीवार पर एसी टंगी है पर कनेक्शन नहीं है।



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