कोर्ट का आदेश : अब अभिवावकों से ट्यूशन फीस वसूल सकेंगे CBSE स्कूल

 
कोर्ट का आदेश : अब अभिवावकों से ट्यूशन फीस वसूल सकेंगे CBSE स्कूल

इंदौर. कोरोना संक्रमण बढ़ते मामलों के कारण मध्यप्रदेश में सभी सरकारी और प्रायवेट स्कूल बंद हैं। स्कूल बंद होने से ऑनलाइन क्लास शुरू हुई है लेकिन अभिभावकों को राहत मिलती नहीं दिख रही है। हाइकोर्ट की इंदौर खंडपीठ के अंतरिम आदेश ने अभिवावकों को बड़ा झटका दिया है। हाइकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में कहा है कि सीबीएसई स्कूल ट्यूशन फीस वसूल कर सकेंगे।

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सीबीएसई स्कूल लॉकडाउन अवधि की ट्यूशन फीस ले सकेंगे। यदि किसी विद्यार्थी की फीस जमा नहीं होती है तो स्कूल प्रशासन उसे स्कूल से बाहर कर सकेगा। हाईकोर्ट में याचिका एसोशियन ऑफ अनएडेड सीबीएसई स्कूल्स ने दायर की थी। जस्टिस एससी शर्मा की पीठ ने मंगलवार को स्कूलों को फीस वसूलने के अधिकार दे दिए। आदेश में स्पष्ट है कि स्कूल मैस और ट्रांसपोर्टेशन जैसे चार्ज नहीं ले सकेंगे। एसोशियन ने सरकार द्वारा दिए गए आदेशों को चुनौती दी थी। सरकार ने 24 अप्रैल को आदेश दिए थे कि सभी स्कूल संचालकों को टीचिंग स्टाफ का वेतन स्कूल बंद होने के बाद भी देना है। 16 मई को फीस को लेकर गाइडलाइन जारी की थी।

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स्कूलों का तर्क
स्कूल एसोशियन का तर्क था कि गाइडलाइन में सरकार को फीस वसूली को लेकर कोई आदेश देने की इजाजत नहीं है।

पालकों की मांग
अधिवक्ता विभोर खंडेलवाल ने बताया, पैरेंट्स एसोशियन की मांग थी कि ट्यूशन फीस में 50 प्रतिशत की छूट दी जाए। लॉकडाउन के तीन माह की फीस न ली जाए। बाकी फीस किस्तों में वसूलें। फीस में इस वर्ष इजाफा न करने की भी मांग की थी।

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समूह जाएगा कोर्ट
5000 पालकों के समूह जागो पालक जागो से जुड़े अधिवक्ता चंचल गुप्ता ने बताया, हमारी पहली मांग 'नो स्कूल-नो फीस' और दूसरी मांग बच्चों की सेहत, सुरक्षा को ताक पर रखकर कराई जा रही ऑनलाइन पढ़ाई बंद करवाने की है। हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत कर सभी बिंदुओं पर विस्तार से पक्ष रखा जाएगा। बहरहाल कोर्ट ने सरकार के आदेश पर अंतरिम रोक लगाकर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी। स्कूलों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पीयूष माथुर, शासन की ओर से विवेक दलाल ने पैरवी की।

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मध्यप्रदेश में सीबीएसई बोर्ड की स्कूलें
मध्यप्रदेश में सीबीएसई के करीब 981 स्कूल हैं। इन स्कूलों में लाखों छात्र पढ़ते हैं। छात्रों की समस्या को देखते हुए सीबीएसई ने हाल ही में भोपाल में क्षेत्रीय सेंटर भी खोलने फैसला किया था। इस बार 10वीं और 12वीं की परीक्षा में मध्यप्रदेश से करीब 1 लाख से ज्यादा छात्र शामिल हुए हैं।



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