PUNE : पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट में आग लगने से पांच मजदूरों की मौत, कोविशील्ड टीकों के निर्माण को नहीं हुआ कोई नुकसान..

 

PUNE : पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट में आग लगने से पांच मजदूरों की मौत, कोविशील्ड टीकों के निर्माण को नहीं हुआ कोई नुकसान..


पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मंजरी परिसर की एक इमारत में बृहस्पतिवार को आग लगने से पांच लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने यह जानकारी दी. इससे पहले, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि आग की घटना से कोविशील्ड टीकों के निर्माण को कोई नुकसान नहीं हुआ है

सीरम इंस्टीट्यूट में आग में जान गंवाने वाले सभी पांच मजदूर हैं. इनमें से दो पुणे और दो उत्तर प्रदेश के थे. एक मजदूर बिहार से था. इनके नाम हैं- महेंद्र इंगळे, प्रतिक पाष्टे, बिपीन सरोज, सुशील कुमार पांडे और रमाशंकर हरिजन. मृतकों के परिवार के प्रति सीरम इंस्टीट्यूट ने संवेदना व्यक्ति की है और 25-25 लाख मुआवजा देने की बात कही है.

कोविड-19 के राष्ट्रव्यापी टीकाकरण कार्यक्रम के लिए ‘कोविशील्ड’ टीके का निर्माण सीरम संस्थान के मंजरी केन्द्र में ही किया जा रहा है. सूत्रों ने कहा कि जिस भवन में आग लगी वह सीरम केन्द्र की निर्माणाधीन साइट का हिस्सा है और कोविशील्ड निर्माण इकाई से एक किमी दूर है, इसलिए आग लगने से कोविशील्ड के निर्माण पर कोई असर नहीं पड़ा है.

महापौर मुरलीधर मोहोल ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि आग की घटना में जान गंवाने वाले पांच लोग भवन के तल पर काम कर रहे थे. उन्होंने कहा कि अग्निशमन अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान शव बरामद किये.

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि राज्य सरकार ने घटना की जांच के आदेश दे दिये हैं. पवार ने कहा, 'मैंने पुणे नगर निगम से घटना के बारे में जानकारी ली है और इस घटना की विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया गया है.' मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पत्रकारों से कहा कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार बिजली संबंधी खामी के चलते आग लगी. उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, आग वहां नहीं लगी जहां कोविड-19 टीकों का निर्माण किया जा रहा है बल्कि उस इकाई में लगी है जहां बीसीजी टीके बनाए जा रहे हैं.

पुणे पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता ने कहा कि जिस भवन में आग लगी, उसमें फंसे सभी लोगों को बाहर निकाल लिया गया है. घटना में कोई घायल नहीं हुआ. उन्होंने कहा, 'आग बुझाने वाले पानी के 15 टैंकरों को काम में लगाया गया और शाम करीब साढ़े चार बजे उसपर काबू पा लिया गया.'

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