REWA : कोरोना का नया रूप आने को तैयार : भूल गए हैं सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क, सेनेटाइजेशन का कार्य भी हुआ बंद, लोग पूरी तरह हुए बेफ्रिक

 

REWA : कोरोना का नया रूप आने को तैयार : भूल गए हैं सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क, सेनेटाइजेशन का कार्य भी हुआ बंद, लोग पूरी तरह हुए बेफ्रिक

रीवा। कोरोना का संक्रमण नए रूप में आने को तैयार है। कभी भी संकट के रूप में रीवा पहुंच सकता है। शासन ने प्रतिबंधों पर छूट क्या दी, लोग पूरी तरह से बेफिक्र हो गए। शहर के प्रमुख हिस्सों में जहां भीड़भाड़ सुबह से शाम तक जमा होती है, उन स्थानों पर भी कोरोना गाइडलाइन का कहीं भी पालन होता नहीं दिखा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और भीड़ वाले स्थानों पर मास्क लगाना लोग भूलते जा रहे हैं। इसमें प्रशासनिक स्तर पर भी प्रयास कमजोर कर दिए गए हैं। प्रशासनिक टीमों द्वारा मास्क लगाने के लिए कहीं पर भी टोका-टाकी नहीं हो रही है। साथ ही दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग बनाने के लिए पूर्व में किए गए इंतजाम भी हटा दिए गए हैं और अब हर जगह पहले की तरह ही भीड़भाड़ नजर आ रहा है। शहर के प्रमुख स्थानों पर रीवा मीडिया की टीमों में पहुंचकर पड़ताल किया, जहां पर पाया गया कि महज पांच से दस प्रतिशत लोगों के चेहरे पर भी मास्क है। साथ ही इसमें कुछ ही ऐसे मिले जिन्होंने ठीक से मास्क लगाया हो। किसी ने कान में फंसा रखा था तो किसी ने केवल मुंह बंद किया था। कुछ ने तो जेब में रखा था, ताकि कोई पूछे तो उसे दिखा सकें। इस तरह की लापरवाही आने वाले दिनों में कोरोना के संक्रमण को बढ़ा सकती हैं।

सिरमौर चौराहा

शहर के सबसे व्यस्ततम स्थानों में से है। यहां हनुमान मंदिर के पास चाट-फुल्की खाने वाले लोग हर मिनट औसत पांच से आठ की संख्या में पहुंचे। ठेलों के पास सोशल डिस्टेंसिंग भूल नास्ता करते रहे। मास्क हर दस में से दो या तीन लोग ही लगाए मिले।

खटकहाई मार्ग

यह पुराने बाजार का हिस्सा है। जहां पर पैदल और दोपहिया वाहनों से बड़ी संख्या में लोग आते हैं। यहां भी सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क नहीं नजर आया। कुछ महिलाएं दुपट्टे से अपना चेहरा ढंके नजर आईं लेकिन वह कोरोना को रोकने में कारगर नहीं है।

सब्जी मंडी

सब्जी मंडी में भी शहर के हर हिस्से के लोग आते हैं। यहां दुकानों के बाहर भीड़ नजर आई लेकिन मास्क कम ही लोग लगाए मिले। इस तस्वीर में १६ लोगों के चेहरे नजर आ रहे हैं। जिसमें केवल दो महिलाओं ने मास्क लगा रखा है। एक व्यक्ति ने मफलर से मुंह बांधा है। चार महिलाओं ने दुपट्टे से चेहरा बांध रखा है। अन्य सभी कोरोना को भूलकर खरीदी कर रहे हैं।

प्रकाश चौराहा

यहां पर भी दुकानों में खरीदी के लिए भीड़ जमा मिली। महज पांच प्रतिशत लोगों के चेहरे पर ही मास्क रहा। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं दिखा। यहां पर कुछ युवतियां दुपट्टे से चेहरा ढंके नजर आईं। दुकानों के बाहर भीड़ में लोग जुटे रहे। पूंछने पर कहा कि अब कोरोना नहीं है, इसलिए वह भी नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं।

शिल्पी प्लाजा मार्ग

शहर का प्रमुख बाजार शिल्पी प्लाजा है, यहां पर जिले के बाहर से भी लोग खरीदी के लिए आते हैं। वाहनों से चलने वाले लोग चेहरा खोलकर घूमते नजर आए। यहां की दुकानों के बाहर पहले रस्सियां लगाई गई थी, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग बनाई जा सके लेकिन अब यह भी बंद हो गया है। पूर्व में यहां पर मास्क नहीं लगाने वालों पर चालान होता था लेकिन अब पुलिस और नगर निगम के कर्मचारी किसी को रोकने के लिए तैनात नहीं किए गए हैं।

शिल्पी प्लाजा के पीछे पार्किंग एरिया

शिल्पी प्लाजा के पीछे वाहन पार्किंग एरिया में दिन भर चाय-पान के लिए लोगों की आवाजाही रहती है। यहां पर भी ठीक तरह से मास्क लगाकर आने वाले लोगों की संख्या कम ही रही। जिन लोगों ने मास्क लगाया भी था, वह किसी मतलब का नहीं। पूछने पर लोगों ने कहा कि, अभी जरूरत नहीं समझते, बाद में नियमों का पालन करेंगे।

वेंकट मार्ग

इस मार्ग में गुजरने वालों के मास्क लगाए जाने पर निगरानी की गई तो पता चला कि दस में एक या दो लोग ही मास्क लगाकर निकल रहे हैं। इससे जाहिर होता है कि लोग स्वयं कोरोना के नए संकट को आमंत्रित कर रहे हैं।

नगर निगम

नगर निगम कार्यालय में शहर के सभी वार्डों से लोग आते हैं। यहां पर कोई यह टोकने वाला नहीं कि लोग मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी करें। पहले निगम कार्यालय में जगह-जगह सूचनाएं चस्पा की गई थी। विभन्न शाखाओं में अपना काम पहले कराने के चक्कर में लोग एक दूसरे से संटकर खड़े नजर आए। बैठने के लिए रखी गई कुर्सियों में भी सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क नजर नहीं आया।

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