Russia vs Ukraine : SIDHI के शुभम पहुँचे नई दिल्‍ली : शाम को ट्रेन से पहुँचेगे रीवा; बोले, छह किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचा बार्डर

 

Russia vs Ukraine : SIDHI के शुभम पहुँचे नई दिल्‍ली : शाम को ट्रेन से पहुँचेगे रीवा; बोले, छह किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचा बार्डर

सीधी। सीधी के शुभम द्विेवेदी नई दिल्‍ली पहुंच गए हैं। यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे मध्य प्रदेश के सीधी जिले में रहने वाले शुभम द्विवेदी ने रीवा मीडिया को फोन पर बताया कि एक महीने पहले से ही यूक्रेनियन मीडिया में रूस के बढ़ते दबाव को देखकर युद्ध की बात आ रही थी। हम पढ़ाई कर रहे थे लेकिन मन में डर बना हुआ था कि यदि ऐसा हुआ तो हम क्या करेंगे। भारतीय दूतावास का इंतजार कर रहे थे।

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शुभम बताते हैं कि 24 फरवरी सुबह करीब 4 बजे मेरी नींद खुली और देखा कि एयर ट्रेफिक कंट्रोल डैमेज कर दिया गया है। पहला हमला कीव में हुआ। इसके बाद लगातार हमले होते रहे। सुबह हमारे कालेज के कई छात्र एयरपोर्ट गए हुए थे लेकिन एयर ट्रैफिक कंट्रोल डैमेज होने के कारण 150 छात्र वापस लौट रहे थे इस दौरान वह करीब 6 घंटे तक जाम में फंसे रहे तो वही 7 घंटे का समय लौटने में लगा। सभी दूसरे दिन कालेज पहुंचे।

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शुभम ने बताया कि भारतीय दूतावास 26 फरवरी कॉलेज में आया। छात्रों से फॉर्म भरवाए गए जिसमें उनके नाम, पिता का नाम, ईमेल आईडी, पासपोर्ट सहित कई अन्य जानकारियां भरी गई। करीब 3 घंटे के अंदर लिस्ट में नाम आ गया। और हम वापस भारत को आने को तैयार हुए।

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छह किलोमीटर तक चलना पड़ा पैदल

शुभम बताते हैं कि रोमानिया बॉर्डर पर 15 से 20 किलोमीटर की लंबी लाइन गाड़ियों की लग गई थी। जिसके कारण वहां से आना जाना बड़ा मुश्किल था। ऐसे में हमारे कॉलेज के मेंबर डॉक्टर सुनील शर्मा और भारतीय दूतावास के जरिए 6 किलोमीटर पैदल चलकर रोमानिया एयरपोर्ट पहुंचे। जहां से दिल्ली रवाना हुए।

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रोमानिया के लोगों ने किया वेलकम

शुभम बताते हैं कि मन में लग रहा था कि हम भारत कैसे पहुंचे लेकिन रोमानिया बॉर्डर पर पहुंचते ही जब यहां के लोगों ने वेलकम किया तो मन को तसल्ली मिली। ऐसा महसूस हुआ कि हम अपने वतन को पहुंच जाएंगे। इस दौरान यहां के अधिकारी और कर्मचारियों का भी अच्छा सहयोग रहा सभी ने सपोर्ट किया।

एयरपोर्ट पर विवेक कर रहा था इंतजार

विवेक पांडे दिल्ली में रह रहे हैं जिनकी बात शुभम से इन दिनों होती रही। फ्लाइट को 1:30 बजे पहुंचना था लेकिन 2.40 बजे के करीब पहुंची इस दौरान विवेक अपने मित्र के इंतजार में बैठे रहे।

सारी सुविधाएं मिली, फ्लाइट का बड़ा किराया

बस से एयरपोर्ट तक पहुंचने के दौरान खाना, पानी, सुविधाएं मिली। फ्लाइट में भी किराया नहीं लगा। इसके पहले जिन छात्रों को आना पड़ा है उन्हें 80 से 85 हजार रुपये तक का किराया देना पड़ा है। हालांकि शुभम दुबई होकर आने को तैयार थे उस समय उन्होंने 38 हजार किराया दिया था।

देना होगा फ्लैट का किराया

यूक्रेन में फ्लैट ले कर रह रहे शुभम बताते हैं कि भारतीय मुद्रा के हिसाब से 12 हजार रुपये महीने किराया देना होगा इसके साथ ही 42 सौ रुपए करीब 3 माह तक टिपलो का देना होगा।

आर्या से हुई बात 

शुभम के मित्र आर्या से बात हुई है। आर्या बिहार के रहने वाले हैं उन्होंने बताया है कि रोमानिया बॉर्डर बंद कर दिया गया है। दरअसल यहां आने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में यहां लोग 15 घंटे से अधिक जाम में फंसे हुए हैं।

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