मध्यप्रदेश में सामने आया लव जिहाद का मामला, अरशद नाम के युवक ने आशु बनकर युवती को फ़साकर एक साल तक करता रहा यौन शोषण : फिर ...

 

भोपाल. मध्यप्रदेश में लव जिहाद का एक और मामला सामने आया है। राजधानी भोपाल के थाने में एक युवती ने शिकायत दर्ज कराई है कि एक युवक ने अपना नाम बदलकर उसके साथ दोस्ती की और फिर एक साल तक उसका शारीरिक शोषण किया। वहीं लव जिहाद के इस मामले को लेकर बजरंग दल ने भी थाने पहुंचकर आरोपी के खिलाफ नए कानून के तहत क़क्ष्ङ दर्ज करने की मांग की है।

अरशद ने आशु बनकर फंसाया

लव जिहाद का शिकार हुई पीड़ित युवती बालाघाट जिले की रहने वाली है जो भोपाल में रहकर पढ़ाई करती है। युवती का कहना है कि उसकी 2019 में युवक से मुलाकात हुई थी। तब युवक ने अपना नाम आशु बताया था और इसके बाद दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ती गईं और युवक ने कई बार उसका शारीरिक शोषण किया। अब युवती को पता चला है कि जिसे वो आशु समझती थी वो दरअसल अरशद है और उसने नाम बदलकर उसे धोखा दिया है। पीड़िता ने भोपाल के अशोका गार्डन थाने में मामले की शिकायत की है।

बजरंग दल ने की नए कानून के तहत कार्रवाई की मांग

वहीं युवती के साथ नाम बदलकर यौन शोषण किए जाने की खबर मिलने के बाद बड़ी संख्या में बजरंग दल के कार्यकर्ता भी अशोका गार्डन थाने पहुंचे और नए कानून के तहत आरोपी पर मामला दर्ज करने की मांग की। इसी बीच पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी थाने पहुंचे और मामले की जांच शुरु की।

मध्यप्रदेश में लव जिहाद को लेकर बना है नया कानून

बता दें कि बीते दिनों ही मध्यप्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक- 2020 को लागू किा गया है। जिसमें कड़े प्रावधान किए गए हैं। कानून के मुताबिक शादी या अन्य कपटपूर्ण तरीके से कराया गया धर्मांतरण अपराध की श्रेणी में होगा। इस मामले में अधिकतम 10 वर्ष की कैद की सजा है। वहीं एक लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। धर्म छिपाकर (कथित लव जिहाद) शादी के अपराध में तीन वर्ष से दस साल तक की जेल और 50 हजार रुपये के दंड का प्रावधान है। वहीं सामूहिक धर्म परिवर्तन का प्रयास पर पांच से दस साल तक की कैद और एक लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। नाबालिग,अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के संग ऐसा अपराध करने पर दो से दस वर्ष की कैद का प्रावधान है। वहीं कम से कम 50 हजार रुपये जुर्माने का रखा गया है। यही नहीं इस बिल में अपनी इच्छा से धर्म परिवर्तन करने वाले या कराने वाले शख्स को 60 दिन पहले जिला दंडाधिकारी को सूचित करना जरूरी होगा। ऐसा न करने पर कम से कम तीन से पांच वर्ष की कैद और कम से कम 50 हजार रुपए के अर्थदंड का प्रावधान है।