बड़ी खबर: भोपाल में 8 पुलिसकर्मी निलंबित! ट्रांसफर आदेश न मानने पर DCP श्रद्धा तिवारी का सख्त एक्शन, विभाग में हड़कंप
ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) राजधानी भोपाल में पुलिस विभाग के भीतर अनुशासनहीनता और आदेशों की अवहेलना को लेकर एक कड़ा संदेश दिया गया है। अपने स्थानांतरण (ट्रांसफर) के आदेशों का पालन न करने के आरोप में 8 पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित (सस्पेंड) कर दिया गया है। यह बड़ी और सख्त कार्रवाई डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (DCP) श्रद्धा तिवारी द्वारा की गई है, जिससे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।
किस-किस पर गिरी गाज?
निलंबित किए गए पुलिसकर्मियों में विभिन्न रैंक के अधिकारी और जवान शामिल हैं, जो दर्शाता है कि कार्रवाई में किसी भी पद का लिहाज नहीं किया गया है। सस्पेंड होने वालों में:
- साबिर खान- उप निरीक्षक (थाना टीलाजमालपुरा)
- रामअवतार- सहायक उप निरीक्षक (रक्षित केंद्र)
- नरेश कुमार शर्मा- प्रधान आरक्षक क्रमांक 1906 (थाना श्यामला हिल्स)
- मनोहरलाल- प्रधान आरक्षक क्रमांक 1851 (थाना बागसेवनिया)
- चंद्रमौल मिश्रा प्रधान आरक्षक क्रमांक 2091 (थाना कमलानगर)
- वीरेंद्र यादव आरक्षक क्रमांक 1517 (थाना हनुमानगंज)
- कपिल चंद्रवंशी आरक्षक क्रमांक 4682 (थाना हनुमानगंज)
- प्रशांत शर्मा आरक्षक क्रमांक 3305 (थाना अपराध शाखा)
क्यों हुई कार्रवाई?
जानकारी के अनुसार, इन पुलिसकर्मियों का हाल ही में स्थानांतरण किया गया था, लेकिन वे अपने नवीन पदस्थापना स्थल पर रिपोर्ट नहीं कर रहे थे। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद, जब इन पुलिसकर्मियों ने आदेशों की अवहेलना जारी रखी, तो DCP श्रद्धा तिवारी ने इसे गंभीरता से लिया।
पुलिस बल में अनुशासन और कमांड चेन का पालन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। ट्रांसफर आदेशों का पालन न करना एक गंभीर अनुशासनहीनता मानी जाती है, क्योंकि इससे पुलिस बल के संचालन और विभिन्न थानों व इकाइयों में कार्य प्रभावित होता है। DCP श्रद्धा तिवारी ने स्पष्ट संदेश दिया है कि किसी भी स्तर पर अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
विभाग में संदेश और संभावित प्रभाव:
इस कार्रवाई से भोपाल पुलिस बल में एक मजबूत संदेश गया है कि स्थानांतरण नीति का कड़ाई से पालन किया जाएगा और जो भी पुलिसकर्मी इन आदेशों की अवहेलना करेगा, उसके खिलाफ तत्काल और कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह कदम पुलिस विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने में भी सहायक हो सकता है।
फिलहाल, निलंबित पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की जा सकती है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी। इस घटना के बाद, पुलिसकर्मियों के बीच अपने ट्रांसफर आदेशों का समय पर पालन करने को लेकर सतर्कता बढ़ने की उम्मीद है।