EPFO Reforms: PF की महाक्रांति! 2025 में EPFO के 5 बड़े बदलाव, निकासी अब 72 घंटे में

 
पीएफ निकासी, अंतिम निपटान और नौकरी स्थानांतरण के लिए ईपीएफओ ने 5 बड़े बदलावों की घोषणा की है, जिससे प्रक्रियाएं तेज़ और आसान होंगी।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) भारत में संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए सबसे बड़े सामाजिक सुरक्षा प्रदाताओं में से एक है। लगभग 8 करोड़ सक्रिय ग्राहकों की बढ़ती संख्या के साथ, संगठन पर अपनी सेवाओं को तेज़, पारदर्शी और कुशल बनाने का दबाव था। 2025 में घोषित सुधारों का उद्देश्य सदस्यों के लिए उपयोग में आसानी (Ease of Use) बढ़ाना, जटिल प्रक्रियाओं को सरल बनाना और पूरी सेवानिवृत्ति बचत प्रक्रिया को मज़बूत करना है। ये बदलाव ईपीएफओ को एक आधुनिक और तकनीकी रूप से उन्नत संस्था बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

पहला बड़ा बदलाव: सरलीकृत निकासी ढाँचा

  • आंशिक अग्रिम की श्रेणियां: क्या पीएफ निकासी के नियम बदल गए हैं?
  • ईपीएफओ ने आंशिक अग्रिमों (Partial Advances) के लिए मौजूद पिछली 13 जटिल श्रेणियों को घटाकर केवल तीन व्यापक श्रेणियों में मिला दिया है। यह पुनर्गठन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए किया गया है, जिससे सदस्यों के लिए अपने कारणों को वर्गीकृत करना और दावा प्रस्तुत करना आसान हो गया है।

तीन नई व्यापक श्रेणियां हैं:

  • आवश्यक आवश्यकताएँ (Essential Needs): बीमारी, शिक्षा और विवाह।
  • आवास आवश्यकताएँ (Housing Needs): घर खरीदने, निर्माण या ऋण चुकाने के लिए।

विशेष परिस्थितियाँ (Special Circumstances): इस श्रेणी के तहत, सदस्यों को निकासी का कोई विशिष्ट कारण बताने की आवश्यकता नहीं होगी। पहले, कारण स्पष्ट करना अनिवार्य था, जिसके कारण अक्सर दस्तावेज़ीकरण की कमी के चलते अस्वीकृति और शिकायतें होती थीं। यह नियम लाखों सदस्यों को राहत देगा।

निकासी सीमा और सेवा अवधि में मानकीकरण: पीएफ का पैसा कैसे निकालें?
इन सुधारों के तहत, सदस्यों को पात्र शेष राशि का 100% तक निकालने की अनुमति दी गई है, जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के शेयर शामिल हैं। केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) ने निकासी की संख्या में भी वृद्धि की है:

  • शिक्षा के लिए: 10 बार तक निकासी की अनुमति।
  • विवाह के लिए: 5 बार तक निकासी की अनुमति।

इसके अलावा, सभी आंशिक निकासी के लिए न्यूनतम सेवा अवधि को 12 महीने तक मानकीकृत कर दिया गया है। इसका मतलब है कि 12 महीने की सेवा के बाद, सदस्य नई और सरल श्रेणियों के तहत आंशिक निकासी के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह नियम पारदर्शिता और एकरूपता सुनिश्चित करेगा।

दूसरा बड़ा बदलाव: स्वचालित नौकरी स्थानांतरण
फॉर्म 13 की समाप्ति: ऑटोमैटिक पीएफ ट्रांसफर कैसे होता है?
यह सुधार नौकरी बदलने वाले कर्मचारियों के लिए गेम चेंजर साबित होगा। ईपीएफ सदस्यों को अब मैन्युअल रूप से फॉर्म 13 के माध्यम से पीएफ स्थानांतरण के लिए आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी।

स्वचालित स्थानांतरण प्रक्रिया: जब कोई कर्मचारी नई नौकरी ज्वाइन करता है और नया नियोक्ता कर्मचारी की ज्वाइनिंग तिथि को सफलतापूर्वक अपडेट करता है, तो पीएफ स्थानांतरण स्वचालित रूप से शुरू हो जाएगा। यह इसलिए संभव है क्योंकि कर्मचारी का यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) नौकरी बदलने पर भी वही रहता है।

केवाईसी और यूएएन की भूमिका
इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आपका यूएएन सक्रिय और सीडेड हो, और केवाईसी (KYC) प्रक्रिया पूरी तरह से पूर्ण हो। एक बार जब आप ये शर्तें पूरी कर लेते हैं और नए नियोक्ता से अपना पहला वेतन प्राप्त करते हैं, तो आपका पीएफ ट्रांसफर बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के शुरू हो जाएगा। इस कदम से पिछली कंपनियों के साथ कागजी कार्रवाई में अटकने वाले स्थानांतरणों के कारण होने वाली देरी और परेशानी काफी हद तक खत्म हो जाएगी।

तीसरा बड़ा बदलाव: ईपीएफओ 3.0 और डिजिटल प्रगति
ऑटो-क्लेम सेटलमेंट और ओटीपी सत्यापन: ईपीएफओ 3.0 क्या है?
ईपीएफओ 3.0 संगठन के डिजिटल परिवर्तन का प्रतीक है। यह एक सुव्यवस्थित डिजिटल पोर्टल पेश करता है, जिसका प्राथमिक लक्ष्य दावा प्रक्रिया को बेहतर बनाना है। ऑटो-क्लेम सेटलमेंट की शुरुआत से आवश्यकता पड़ने पर धनराशि तक त्वरित पहुँच संभव होगी।

डिजिटल प्रगति के मुख्य बिंदु:

  • दावा प्रक्रिया में सुधार: ऑटो-क्लेम सेटलमेंट के माध्यम से, आवश्यक निकासी को बिना मानवीय हस्तक्षेप के तेज़ी से संसाधित किया जाएगा।
  • विवरण सुधार में आसानी: सदस्य ओटीपी सत्यापन के माध्यम से अपने व्यक्तिगत और सेवा विवरण में ऑनलाइन सुधार कर सकेंगे। इससे वर्तमान समय लेने वाली और कागज़-आधारित सुधार प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी।

एटीएम और यूपीआई निकासी की सुविधा
ईपीएफओ 3.0 के तहत, ईपीएफओ एटीएम और यूपीआई के माध्यम से निकासी की सुविधा देने की योजना बना रहा है। यह सुविधा सदस्यों के लिए फंड तक पहुंच को और अधिक सुविधाजनक बनाएगी, खासकर आपात स्थितियों के दौरान।

  • चौथा बड़ा बदलाव: अंतिम पीएफ निपटान में सुधार
  • आंशिक भुगतान की प्रक्रिया: पीएफ का अंतिम निपटान कैसे होगा?

पहले, अंतिम भविष्य निधि (पीएफ) निपटान दावों को अक्सर पूरी तरह से अस्वीकार कर दिया जाता था, भले ही अस्वीकृति का कारण केवल आंशिक था (जैसे कि कुछ अवधियों के लिए नियोक्ता द्वारा अंशदान न करना)।

  • इस सुधार के तहत, ईपीएफओ ने आंशिक भुगतान की प्रक्रिया को सक्षम किया है। इसका मतलब है कि:
  • यदि किसी अवधि के लिए नियोक्ता का अंशदान लंबित है, तो उपलब्ध अंशदान का भुगतान किया जाएगा, और पूरे दावे को अस्वीकार नहीं किया जाएगा।
  • अधिकारियों को आंशिक भुगतान के सभी मामलों को एक आंशिक भुगतान रजिस्टर में दर्ज करना होगा और उनकी मासिक समीक्षा करनी होगी।
  • जैसे ही लंबित राशि उपलब्ध होती है, कार्यालय द्वारा दावेदारों से नए दावे पर ज़ोर दिए बिना ही शेष राशि का आगे भुगतान करने के लिए कार्रवाई की जाएगी।
  • इस कदम का उद्देश्य दावों की अस्वीकृति दर को कम करना और सदस्यों को अनावश्यक रूप से परेशान होने से बचाना है।

पांचवां बड़ा बदलाव: ऑटो निपटान सीमा में वृद्धि

  • बढ़ी हुई सीमा और त्वरित भुगतान: क्या पीएफ ऑटो सेटलमेंट की सीमा बढ़ गई है?
  • यह सबसे महत्वपूर्ण और तत्काल राहत देने वाले सुधारों में से एक है। ईपीएफओ ने अग्रिम दावों के लिए स्वतः निपटान (Auto Settlement) सीमा को पहले के ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दिया है।

नई सीमा: ₹5,00,000 (पाँच लाख रुपये)।
त्वरित वितरण: इस प्रक्रिया के तहत, दावों का निपटान 72 घंटों के भीतर किया जाएगा।

यह सुधार ₹5 लाख तक के दावों को बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के स्वचालित रूप से संसाधित करने की अनुमति देता है, जिससे दक्षता (Efficiency), पारदर्शिता और सदस्यों को आपातकालीन धन की उपलब्धता सुनिश्चित होती है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने इसे "जन-केंद्रित कदम" बताया है।

अन्य महत्वपूर्ण पहल
ईपीएफओ ने अपने सदस्यों के लिए अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए कई अन्य छोटे लेकिन महत्वपूर्ण सुधार भी शुरू किए हैं:

  • पासबुक लाइट (Passbook Lite): आसान पहुंच और देखने के लिए।
  • एकल-लॉगिन पोर्टल (Single-Login Portal): विभिन्न ईपीएफओ सेवाओं तक पहुंचने के लिए एकल लॉगिन सुविधा।
  • स्थानांतरण प्रमाणपत्रों (अनुलग्नक K) तक आसान पहुँच: स्थानांतरण संबंधी दस्तावेज़ों की उपलब्धता को सरल बनाना।

इसके अतिरिक्त, ईपीएफओ ने कर्मचारी नामांकन अभियान, 2025 भी शुरू किया है, जिसका उद्देश्य उन वेतनभोगी व्यक्तियों को कवर करना है जिन्हें 2017 और 2025 के बीच उनके नियोक्ता द्वारा ईपीएफ लाभों से वंचित रखा गया था। यह अभियान 1 नवंबर को शुरू हुआ है और इसका उद्देश्य सामाजिक सुरक्षा के दायरे को बढ़ाना है।

ये सभी सुधार ईपीएफओ सेवाओं को अधिक तीव्र, सुचारू, तकनीकी रूप से उन्नत और कुशल बनाने के लक्ष्य को दर्शाते हैं, जिससे लगभग 8 करोड़ सक्रिय ग्राहकों के लिए सेवानिवृत्ति बचत आसान और सरल हो जाएगी।