MP : उमस के चलते अब लोगों का बुरा हाल, राजधानी सहित इन जगहों में गरज-चमक के साथ अब हो सकती है 'धमाकेदार बारिश'

 

ग्वालियर। उमस के चलते अब लोगों का बुरा हाल हो गया है। पिछले तीन चार दिनों से बारिश न होने से उमस बढ़ गई है। बुधवार को सुबह से तेज धूप निकलने से दिन भर बुरा हाल होता रहा। शाम शहर के कुछ क्षेत्रों में बूंदाबादी होने से उमस बढ़ गई। इससे जुलाई में पहली बार दिन का तापमान 42 डिग्री के पार पहुंच गया। गर्मी और उमस ने देर शाम तक लोगों का बुरा हाल कर दिया।

मौसम विभाग का कहना है कि प्रदेश में 8 जुलाई से पूर्वी हिस्से में मानूसन की शुरूआत हो जाएगी। इससे तापमान में कुछ कमी आएगी। वहीं 9 जुलाई को मानसून का असर देखने को मिलेगा। इसके साथ ही ग्वालियर में भी बारिश शुरु हो जाएगी। विभाग ने बताया कि बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर में अभी तक कोई प्रभावी सिस्टम नहीं बन रहा था। ट्रफ लाइन उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिमी बंगाल के उत्तरी हिस्से में पहुंच गई थी।

पश्चिमी विक्षोभ का लगातार आगमन हो रहा था। जिसका प्रभाव राजस्थान तक पड़ रहा था। जबकि पश्चिमी विक्षोभ मानसून के समय श्रीनगर या उसके ऊपर प्रभाव नहीं होना चाहिए। यहीं कारण था कि बारिश रुक गई थी।

वहीं राजधानी भोपाल में भी गरज-चमक के साथ बारिश की बूंदें बैरागढ़, एयरपोर्ट रोड, अवधपुरी, कोलार, होशंगाबाद रोड, चार इमली, चूना भट्टी सहित नए और पुराने शहर के कई इलाकों में पड़ीं। इस दौरान 32 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा भी चली। अधिकतम तापमान 37.8 डिग्री रहा जो सामान्य से 5 डिग्री अधिक था। न्यूनतम तापमान 26.7 डिग्री (सामान्य से 3 डिग्री ज्यादा) रहा।

ग्वालियर। उमस के चलते अब लोगों का बुरा हाल हो गया है। पिछले तीन चार दिनों से बारिश न होने से उमस बढ़ गई है। बुधवार को सुबह से तेज धूप निकलने से दिन भर बुरा हाल होता रहा। शाम शहर के कुछ क्षेत्रों में बूंदाबादी होने से उमस बढ़ गई। इससे जुलाई में पहली बार दिन का तापमान 42 डिग्री के पार पहुंच गया। गर्मी और उमस ने देर शाम तक लोगों का बुरा हाल कर दिया।

मौसम विभाग का कहना है कि प्रदेश में 8 जुलाई से पूर्वी हिस्से में मानूसन की शुरूआत हो जाएगी। इससे तापमान में कुछ कमी आएगी। वहीं 9 जुलाई को मानसून का असर देखने को मिलेगा। इसके साथ ही ग्वालियर में भी बारिश शुरु हो जाएगी। विभाग ने बताया कि बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर में अभी तक कोई प्रभावी सिस्टम नहीं बन रहा था। ट्रफ लाइन उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिमी बंगाल के उत्तरी हिस्से में पहुंच गई थी।

पश्चिमी विक्षोभ का लगातार आगमन हो रहा था। जिसका प्रभाव राजस्थान तक पड़ रहा था। जबकि पश्चिमी विक्षोभ मानसून के समय श्रीनगर या उसके ऊपर प्रभाव नहीं होना चाहिए। यहीं कारण था कि बारिश रुक गई थी।

वहीं राजधानी भोपाल में भी गरज-चमक के साथ बारिश की बूंदें बैरागढ़, एयरपोर्ट रोड, अवधपुरी, कोलार, होशंगाबाद रोड, चार इमली, चूना भट्टी सहित नए और पुराने शहर के कई इलाकों में पड़ीं। इस दौरान 32 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा भी चली। अधिकतम तापमान 37.8 डिग्री रहा जो सामान्य से 5 डिग्री अधिक था। न्यूनतम तापमान 26.7 डिग्री (सामान्य से 3 डिग्री ज्यादा) रहा।