WORLD ASTHMA DAY : कोरोना और अस्थमा दोनों ही बीमारियों के लक्षण होते है कॉमन, जाने किन बातों का रखे ध्यान ..

 



नई दिल्ली | ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा (GINA) की ओर से हर साल मई महीने के पहले मंगलवार को वर्ल्ड अस्थमा डे सेलिब्रेट किया जाता है और इस बार यह 4 मई को मनाया जा रहा है. इसका मकसद दुनिया भर के लोगों के बीच इस बीमारी को लेकर जागरुकता फैलाना है. विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) के अनुसार, अस्‍थमा के मरीजों को कोरोना का खतरा ज्‍यादा है. यह वायरस नाक, गले या फेफड़ों के साथ रेस्पिरेटरी ट्रैक्‍ट को नुकसान पहुंचाता है जिससे अस्‍थमा का अटैक या निमोनिया हो सकता है.

सूखी खांसी और सांस की तकलीफ- कोरोना और अस्थमा दोनों में कॉमन

सूखी खांसी और सांस लेने में तकलीफ ये दोनों ही लक्षण कोरोना वायरस और अस्थमा दोनों बीमारियों में कॉमन हैं जिस वजह से कई बार यह पता लगाना मुश्किल होता है कि मरीज को अस्थमा की समस्या की वजह से ये सारे लक्षण महसूस हो रहे हैं या फिर कोरोना से संक्रमित होने की वजह से. ऐसे में बेहद जरूरी है कि अस्थमा के मरीज सतर्क रहें और अपना कोविड टेस्ट करवाएं ताकि उनका इलाज समय पर शुरू हो सके. 

दोनों ही बीमारियां फेफड़ों पर असर डालती हैं

अस्थमा और कोरोना वायरस ये दोनों ही मरीज के फेफड़ों पर असर डालते हैं. अगर किसी मरीज का अस्थमा बढ़ा हुआ है तो उसके फेफड़ों में सूजन हो जाती है जिससे कोरोना के लक्षण गंभीर होने का खतरा अधिक होता है. इसलिए बेहद जरूरी है कि अस्थमा के मरीज अपना ध्यान रखें और बीमारी को कंट्रोल में रखें.

इनहेलर और अस्थमा की दवा कोरोना के गंभीर लक्षण को कम कर सकती है

यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड की एक स्टडी की मानें तो अस्थमा के इलाज में इस्तेमाल होने वाली एक कॉमन दवा कोविड 19 के मरीजों की रिकवरी प्रक्रिया को तेज करने में मदद कर सकती है. इस स्टडी को लैन्सेट जर्नल में प्रकाशित किया गया है जिसके मुताबिक इन्हेलर के जरिए ली जाने वाली ग्लूकोकोर्टिकॉयड दवा गंभीर कोविड-19 और अस्पताल में भर्ती होने के खतरे को कम कर सकती है. 

मास्क लगाने में दिक्कत हो तो बाहर न निकलें

अस्थमा के मरीज अक्सर शिकायत करते हैं कि मास्क लगाने पर उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगती है और ऐसा लगता है कि उनका दम घुट रहा है. लिहाजा मौजूदा समय में जब कोरोना के मामले इतने ज्यादा बढ़ रहे हैं अस्थमा के मरीज घर से बाहर बिल्कुल न निकलें. 

वैक्सीन लेने से पहले डॉक्टर से बात करें

अगर अस्थमा के मरीजों को कोविड इंफेक्शन हो जाता है तो उन्हें तब तक वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए जब तक वे पूरी तरह से रिकवर न हो जाएं. साथ ही में अगर वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद अस्थमा के मरीजों में कोई इंफेक्शन या एलर्जी हो जाए तो रिकवर होने के कम से कम 1 महीने बाद ही दूसरी डोज लेनी चाहिए. साथ ही वैक्सीन लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात जरूर करें.