वर्जिनिटी वापस पाने का तरीका है hymenoplasty : जानें इसके बारे में

 
महिमा सिंह इंदौर वर्जिनिटी स्पेशलिस्ट 
वर्जिनिटी ऐसा शब्द है, जिसके बारे में सुनते ही लोगों के मन में तरह-तरह के खयाल आने लगते हैं। खासकर उनके जिनकी शादी होने वाली है। कई लड़कों की यही चाहत होती है कि जिससे उसकी शादी हो, वह वर्जिन हो। हालांकि आज साइंस की तरक्की से खोई हुई वर्जिनिटी को वापिस भी पाया जा सकता है। आखिर क्या है हाईमनोप्लास्टी यानी हाइमन सर्जरी और यह कैसे होती है? किन लड़कियों को पड़ती है इसकी जरूरत और किस तरह से लगातार इसके मामले बढ़ रहे हैं, बताते हैं इस रिपोर्ट में:

जरूरी नहीं है कि उन्हीं लड़कियों की वर्जिनिटी लॉस हो सकती है, जो सेक्शुअली ऐक्टिव हों, बल्कि इसकी कुछ और भी वजह हो सकती हैं। हालांकि हमारे समाज में इसे सेक्स संबंधों और पवित्रता से जोड़कर ही देखा जाता है। इसलिए अक्सर लड़कियां घबराई रहती हैं। कुछ लोग तो ऐसी लड़की से शादी करने तक के लिए मना कर देते हैं। यही कारण है कि राजधानी दिल्ली में साल दर साल हाइमनोप्लास्टी करवाने वाली लड़कियों की संख्या बढ़ रही है। इस सर्जरी में लड़कियां अपनी वर्जिनिटी को वापिस पा सकती हैं। इसके बारे में किसी को पता भी नहीं चलता। डॉक्टरों के मुताबिक लड़कियां यह सर्जरी इसलिए भी करवाती हैं ताकि उनके पति को यह ना पता लगे कि वह शादी से पहले ही यौन संबंध बना चुकी हैं। इस सर्जरी को प्राइवेट अस्पताल में करवाने पर 50 से 60 हजार रुपये का खर्च आता है। वहीं सरकारी अस्पताल में यह मुफ्त में की जाती है।

क्या है हाइमनोप्लास्टी या हाइमन सर्जरी?

लोकनायक अस्पताल के सीनियर प्लास्टिक सर्जन डॉ़ पी एस भंडारी बताते हैं कि वर्जिन लड़कियों में एक मेंबरेन (झिल्ली) होती है, जो कई बार सेक्स के दौरान डैमेज हो जाती है। हालांकि कई बार इसकी और भी वजह हो सकती हैं। ऐसे में वे लड़कियां जिनकी हाल-फिलहाल में शादी होनी होती है वह इस बात को लेकर काफी चिंता में रहती हैं कि कहीं इस वजह से उनका रिश्ता ना टूट जाए। ऐसे में वह यह सर्जरी करवाने का फैसला लेती हैं। इस सर्जरी की मदद से खोई हुई वर्जिनिटी वापिस पाई जा सकती है। यह न सिर्फ प्राइवेट, बल्कि अब सरकारी अस्पतालों में भी होने लगी है।

ऐसे होती है सर्जरी
इस सर्जरी में मेंबरेन को एक तरीके से रिकवर करने की कोशिश की जाती है। सेक्स के दौरान जो मेंबरेन क्षतिग्रस्त होती है, यदि उसके कुछ हिस्से बचते हैं, तो उन्हें जोड़ कर दोबारा मेंबरेन बनाई जाती है। जिनमें मेंबरेन बची ही नहीं है, उनकी मेंबरेन टिशूज़ से बनाई जाती है। इस तरह से लड़कियां दोबारा वर्जिन बन सकती हैं। इस सर्जरी में सिर्फ लोकल एनेस्थिसिया दिया जाता है।

क्यों पड़ती है इसकी जरूरत?
वे लड़कियां जो शादी से पहले सेक्स करती हैं या फिर जिनके साथ रेप जैसी घटनाएं घटती हैं, वे शादी से पहले इस सर्जरी का सहारा लेती हैं, क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है कि शादी होने पर यदि पति को पता लगेगा कि लड़की की वर्जिनिटी टूट चुकी है, तो उनका वैवाहिक जीवन खराब हो सकता है।

आधे घंटे में हो जाती है सर्जरी
डॉ भंडारी के मुताबिक, इस सर्जरी को करने में मात्र आधा घंटा लगता है, लेकिन इससे पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है जैसे जिसकी सर्जरी कर रहे हैं, वह पीरियड्स के दिनों में ना हो या फिर उसे किसी तरह का कोई इंफेक्शन ना हो। आधे घंटे की सर्जरी के बाद आधे से एक घंटे के लिए मरीज को अस्पताल में रखा जाता है। अगले दो दिनों तक मरीज हल्का-फुल्का काम कर सकता है। ऐसे काम नहीं करने के लिए कहा जाता है, जिससे सर्जरी को नुकसान पहुंचता है।

बिना सेक्स के भी डैमेज हो जाती है मेंबरेन
अक्सर लोगों की यही अवधारणा है कि अगर किसी लड़की की मेंबरेन डैमेज है, तो वह सेक्सुअली एक्टिव रही है, लेकिन डॉक्टर्स बताते हैं कि यह जरूरी नहीं है। डॉ़ भंडारी का कहना है कि जो लड़कियां स्पोर्ट्स से ताल्लुक रखती हैं, उन लड़कियों की मेंबरेन डैमेज होने का खतरा ज्यादा रहता है। दरअसल पैर स्ट्रेच करना, जंपिंग, हॉर्स राइडिंग, साइकलिंग या रेसिंग जैसी गतिविधियों से मेंबरेन डैमेज हो सकती है क्योंकि इसमें टांगों को काफी स्ट्रैच किया जाता है। पैरों और टांगों को स्ट्रैच करने की वजह से ही इसका खतरा बढ़ जाता है।

इतने समय पहले होती है सर्जरी
यूं तो यह सर्जरी कभी भी करवाई जा सकती है, लेकिन डॉक्टर यही सलाह देते हैं कि शादी से चार हफ्ते पहले ही यह सर्जरी कराई जाए। डॉ भंडारी का कहना है कि शादी से चार हफ्ते पहले ही यह सर्जरी की जाती है, ताकि इन चार हफ्तों में रिकवरी हो जाए। जितनी भी लड़कियां हाइमनोप्लास्टी सर्जरी के लिए अस्पताल जाती हैं, उनमें से 95 प्रतिशत लड़कियां ऐसी होती हैं, जो अपने पैरंट्स के साथ नहीं, बल्कि दोस्तों के साथ आती हैं। ज्यादातर लड़कियां डॉक्टर्स को बताती हैं कि वह इस सर्जरी के बारे में अपने पैरंट्स को नहीं बताना चाहतीं।

कितनी बढ़ रही है सर्जरी
डॉ भंडारी के मुताबिक लोकनायक अस्पताल में पिछले लगभग 4 साल से हाइमनोप्लास्टी सर्जरी हो रही है, लेकिन बीते एक साल से यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। दरअसल अब लोगों को पता चलने लगा है कि सरकारी अस्पताल में भी यह सर्जरी हो रही है। इस साल आंकड़ा और भी बढ़ता नजर आ रहा है। उनका कहना है कि बीते चार साल में उन्होंने लगभग 15 से 20 हाइमनोप्लास्टी सर्जरी की हैं, लेकिन इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक हर हफ्ते एक सर्जरी हो रही है। जनवरी से लेकर अब तक लगभग 10 से 12 सर्जरी हो चुकी हैं। कुछ अभी कतार में भी हैं। इसके लिए अस्पताल में सिर्फ दो महीने की वेटिंग दी जा रही है।

छोटे शहरों से भी आती हैं लड़कियां
उनका कहना है कि पहले केवल दिल्ली जैसे बड़े शहरों की लड़कियों को ही इस सर्जरी के बारे में पता था, लेकिन मीडिया, सोशल मीडिया और इंटरनेट के माध्यम से अब छोटे शहरों की लड़कियों को भी इसके बारे में पता लगने लगा है। ऐसे में अब अस्पताल में ना सिर्फ दिल्ली बल्कि मुरादाबाद, गाजियाबाद जैसे कई अन्य बड़े और छोटे शहरों की लड़कियां भी सर्जरी करवाने आ रही हैं।