MP : वीडियो देखकर न करे कोरोना का आयुर्वेदिक इलाज, हो जाएगी मुश्किल जान जाने का खतरा : पढ़ ले ये खबर
अष्टांग आयुर्वेद कालेज के एसोसिएट प्रोफेसर डाक्टर अखलेश भार्गव ने बताया उनके पास भी इस तरह के मैसेज को लेकर लगातार फोन आ रहे हैं। जब तक किसी भी आयुर्वेदिक दवाई का प्रमाणीकरण न हो तब तक नहीं लेना चाहिए। इससे फायदे के बजाय नुकसान भी हो सकता है। मार्च 2020 में कोरोना संक्रमण फैलने के दौरान आयुष मंत्रालय ने कई बड़े वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों के साथ बैठक की थी, जिसमें कोरोना की दवाइयों को लेकर गाइडलाइन तय हुई थी। इसके बाद ही लोगों को काढ़ा व होम्योपैथिक आर्सेनिक 30 टेबलेट बांटी गई थी।
रिसर्च भी नहीं : विशेषज्ञ डाक्टर ने बताया आक्सीजन की कमी को लेकर भी इंटरनेट मीडिया पर चल रहे वीडियो में बताया जा रहा है बर्फीले स्थानों पर जाकर कमांडर एक पोटली (अजवाइन, लौंग, कपूर, काली मिर्च) हाथ में बांधकर सूंघते हैं। इससे आक्सीजन का स्तर बढ़ता है, लेकिन जब तक किसी तरह की रिसर्च नहीं होगी, तब तक ऐसी दवाइयां लेने की सलाह नहीं दी जा सकती। कोई वीडियो वायरल करता है तो उसकी रिसर्च दिखाए। इस तरह के वीडियो लोगों की जान खतरे में डाल सकते हैं।
खतरनाक बीमारी है कोरोना
लोग जागरूक होने के बाद भी इंटरनेट मीडिया पर फैलाई जा रही भ्रामक खबरों पर भरोसा करेंगे, तो वे खुद के साथ ही खिलवाड़ कर रहे हैं। किसी तरह का भ्रम है, तो आयुर्वेद विशेषज्ञों से बात करनी चाहिए। जब तक आयुष विभाग से कोई भी दवाई प्रमाणीकृत नहीं होगी, तब तक कोई भी डाक्टर उसका नाम देने की सलाह नहीं दे सकता।
तरह की जानकारी भ्रामक है, वीडियो व किसी तरह की पोस्ट पर भरोसा नहीं करें। डाक्टर की सलाह लें और सही तरह से इलाज कराएं। आयुष मंत्रालय की तरफ से जो भी दवाइयां दी जा रही हैं केवल वे ही लें। आक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए प्राणायाम सबसे अच्छा उपाय है।
सतीश चंद्र शर्मा, प्राचार्य अष्टांग आयुर्वेद कालेज