MP : बेसहारा बुजुर्गों से अमानवीय घटना के बाद हरकत में आया प्रशासन, कमिश्नर ने कलेक्टरों को याद दिलाई संवेदनशीलत

 

इंदौर। नगर निगम की टीम द्वारा भिक्षुकों और बेसहारा बुजुर्गों को अमानवीय तरीके से उठाकर शहर से बाहर भेजने के मामले के तूल पकड़ने के बाद अब हर जिला प्रशासन को संवेदनशीलता याद दिलाई जा रही है। इसी सिलसिले में रविवार को संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा ने वीडियो कांफे्रंसिंग के जरिए संभाग के आठों जिलों के कलेक्टरों से चर्चा की। उन्होंने इंदौर सहित पूरे संभाग में भिक्षुकों के बेहतर पुनर्वास के निर्देश दिए हैं।

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संभागायुक्त ने कहा कि हर जिले में शाम चार बजे से यह देखें कि उनके क्षेत्र में कहीं भिक्षुक बेसहारा तो नहीं हैं? उन्हें पूरी संवेदनशीलता और मानवीयता के साथ रैन-बसेरा में शिफ्ट किया जाए। जहां रैन-बसेरा नहीं है, वहां सामाजिक न्याय विभाग की सहायता से अन्य उपयुक्त स्थल का चयन किया जाए। संभागायुक्त ने यह भी कहा कि रैन बसेरों में भोजन और सोने की उम्दा व्यवस्थाएं सुनिश्चित होनी चाहिए। ठंड को देखते हुए अलाव की व्यवस्था भी होनी चाहिए। संभागायुक्त ने कहा कि एक मोबाइल वैन के जरिए इनका मेडिकल चेकअप भी कराएं। ऐसे भिक्षुक जो मानसिक रूप से अस्वस्थ नजर आएं, उन पर विशेष ध्यान दिया जाए।

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दरअसल, तीन दिन पहले इंदौर में नगर निगम की टीम ने बेसहारा बुजुर्ग भिक्षुकों को गाड़ी में भरकर इंदौर-देवास बायपास रोड पर शहर के बाहर पटक दिया। इस घटनाक्रम का वीडियो वायरल होने के बाद समाज में हर जगह इसकी निंदा शुरू हो गई। 

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मीडिया में भी यह मामला प्रमुखता से उठाया गया। विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी इस मामले को हाथोहाथ लेकर सरकार अधिकारियों के इस रवैए को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा किया। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान तक शिकायत पहुंची तो वे भी नाराज हुए। उनके निर्देश के बाद निगम के रैन-बसेरा प्रभारी उपायुक्त प्रतापसिंह सोलंकी को निलंबित कर दिया गया और दो मस्टरकर्मियों बृजेश लश्करी और विश्वास वाजपेयी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया।