सतना SP धर्मवीर​ सिंह यादव की बनी फर्जी फेसबुक आईडी : साइबर अपराधियों ने परिचितों से मांगे पैसे

 


मध्यप्रदेश में साइबर अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद है कि वे अब पुलिस के आला अधिकारियों को भी नहीं छोड़ रहे है। दरअसल सतना पुलिस अधीक्षक धर्मवीर​ सिंह यादव की फेक फेसबुक आईडी बनाकर ठग परिचितों से पैसे की डिमांड कर रहे है। जैसे ही ठगों द्वारा पैसे मांगने की बात एसपी को दूर संचार के माध्यम से पता चली तो वे अपनी ओरिजनल फेसबुक आईडी से फेक आईडी बनने की जानकारी पोस्ट की।

युवक से बेतहाशा प्यार, घर तक छोड़ा, उसी ने जिंदगी भर साथ निभाने की कसमें खाकर बनाए शारीरिक संबंध; बाद में निकला एक बच्चे का पिता

जैसे ही सोशल मीडिया में ये बात फैली तो हड़कंप मच गया। आम यूजर का यही कहना था कि जब पुलिस अधीक्षक की फेसबुक आईडी ही सुरक्षित नहीं है। तो आम जनता की फेसबुक आईडी का क्या होगा। बहरहाल साइबर सेल को पूरे मामले की जानकारी एसपी द्वारा उपलब्ध करा दी गई है। साइबर एक्सपर्टो की टीम लगातार आरोपियों को ट्रैस कर रही है।

दिल दहला देने वाली घटना : शव को रौंदते रहे वाहन, सुबह सड़क पर चिपके मिले चीथड़े; खरोंचकर निकाले, अंगुलियां तो 1 Km दूर मिलीं

एसपी का नाम और 3 हजार रुपए की मांग

सोशल मीडिया में वायरल हो रहे एसपी की बनी फेक फेसबुक आईडी के नाम पर ठग ने सिर्फ 3 हजार रुपए की डिमांड की है। जब यूजर ने पैसे भेजने के लिए एकाउंट नंबर की मांग की तो शातिर ठग ने कहा कि फोन पे करो। ऐसे में आरोपी ने बिना कुछ सोचे समझे डंके की चोंट पर नंबर शेयर कर दिया। हालांकि यूजर एसपी के नाम पर ठग को पैसे दिए अथवा नहीं दिए। इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है। वहीं सूत्रों को दावा है कि साइबर सेल एसपी का नाम आ जाने के बाद से अलर्ट है। वह हर कदम फूंक फूंककर रख रही है। जबकि इस पूरे मामले में एसपी धर्मवीर​ सिंह यादव ने खुद अपने ओरिजनल एकाउंट से पूरे घटना क्रम को बया किया है।

पति के पीठ पीछे पत्नी चला रही थी सेक्स रैकेट : पत्नियां घर में हाथ बंटाने ब्यूटी पार्लर पर दिन रात करती हैं मेहनत, पकड़ी गईं तो खुली पाेल, कर रहीं थी जिस्मफरोशी का धंधा

बड़े अधिकारियों के नाम पर मिल जाते है पैसे

बता दें कि इन दिनों शातिर ठगों द्वारा लूट के नए-नए तरीके खोजे रहे हैं। दावा है कि पहले आम आदमियों के साथ ऑनलाइन फ्रॉड ज्यादा होता था। लेकिन आम यूजर धीरे धीरे जागरूक हो गया। साथ ही कहीं न कहीं पैसे की किल्लत भी रोड़ा पैदा करने लगी। ऐसे में साइबर अपराधियों ने उन लोगों को तलाशना शुरू किया। जिसकी समाज में ब्रांड बैल्यू ज्यादा है। ऐसे में ये लूट का सिलसिला भी चल गुजरा। कई ठग यार दोस्तों से पैसे मांगे भी, लोग दे ​भी दिए। लेकिन जब ऑनलाइन फ्रॉड के बारे में पता चला तो कई लोगों ने शिकायत की। यहां पुलिस ने बराबर मदद नहीं की। तो आम और मध्यमवर्गीय लोगों से लेकर समाज का बड़ा तबका भी सोशल मीडिया की बातों को नजर अंदाज करने लगा। ऐसे में शातिर ठग आला अधिकारियों के नाम का उपयोग करते हुए फेसबुक में फेक आईडी बनाकर डिमांड शुरू की।