MP : कल से खुलेंगी ज्वेलरी, कपड़ा, जूता-चप्पल, मेहंदी-सौंदर्य, हार-फूल की दुकानें

 

उज्जैन .बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिले में अब जनता कर्फ्यू 26 अप्रैल तक बढ़ा दिया है। खास बात यह है कि यह कर्फ्यू 19 अप्रैल से जिले के सभी नगरीय के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी लागू रहेगा। यानी जिले की पूरी सीमा में प्रतिबंध व पाबंदियां रहेंगी। रोज सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक दुकानें खुलेंगी रहेंगी। इनके अलावा शादी-ब्याह के सीजन को देखते हुए ज्वेलरी, बर्तन, कपड़ा, जूता-चप्पल, मेहंदी-सौंदर्य, हार-फूल की दुकानें भी इस अवधि में खोली जा सकेंगी।

यह निर्णय शनिवार को जिला क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में लिया गया। उच्च शिक्षा मंत्री व जिले के कोरोना प्रभारी डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में तय हुआ कि शादी-ब्याह में 25 वर एवं 25 वधू पक्ष के सहित कुल 50 लोग ही शामिल हो सकेंगे। विवाह का आयोजन धर्मशाला, गार्डन आदि स्थानों पर निर्धारित संख्या का कड़ाई से पालन करते हुए किया जा सकेगा।

विवाह में बैंड-बाजा एवं प्रोसेशन प्रतिबंधित रहेगा। उल्लंघन करने वाले कार्रवाई के दायरे में आएंगे। बैठक में सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक पारस जैन, रामलाल मालवीय, बहादुर सिंह बोरमुंडला, कलेक्टर आशीष सिंह व एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी आदि मौजूद थे।

ये भी निर्णय...चरक में 56 ऑक्सीजन बेड बढ़ाए

जरूरत के हिसाब से 100 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन क्रय की जाए। कलेक्टर ने कहा कि 50 के आदेश भी कर दिए हैं। चरक में 56 नए ऑक्सीजन बेड बढ़ाए गए हैं।

भर्ती में से ऐसे मरीजों का चिह्नित कर जिनको ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं है, नॉन ऑक्सीजन बेड पर आरडी गार्डी में शिफ्ट किया जाए। ताकि गंभीर रोगियों के लिए बेड खाली हो सके।

अस्पताल पहुंचने वाले प्रत्येक मरीज को गंभीरतापूर्वक स्टाफ द्वारा अटेंड किया जाएगा। इसे लेकर वरिष्ठ अधिकारी मातहतों को निर्देश जारी करेंगे।

आगे की प्लानिंग : जिले में 1500 ऑक्सीजन बेड बढ़ाए जाएंगे

बढ़ते कोरोना रोगियों को ध्यान में रखते हुए 1500 ऑक्सीजन बेड बढ़ाने की प्लानिंग की जाने लगी है। वर्तमान में शासकीय अस्पतालों में 556 ऑक्सीजन के बेड हैं। इनमें से शनिवार दोपहर तक 516 बेड पर मरीज भर्ती थे। माधवनगर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट के लिए मंत्री और दो विधायकों ने 50-50 लाख रुपए विधायक निधि से जारी करने पर सहमति दी।

सामुदायिक केंद्रों पर बेड बढ़ाए, जिला स्तर पर दबाव कम होगा

पीटीएस में 600 से 700 नॉन-ऑक्सीजन बेड चालू किए जा सकते हैं। इसके लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं।

विकासखंड व तहसीलों में संचालित सामुदायिक स्वास्थ केंद्रों में ऑक्सीजन बेड बढ़ाए जाने चाहिए। ताकि जिला स्तर पर दबाव कम हो सके।

रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति कम होने पर स्पष्ट किया कि शासन से पर्याप्त आपूर्ति का आग्रह किया जा रहा है।

इस भीड़ के लिए जनप्रतिनिधि भी जिम्मेदार, बोले- शादियां हैं, लोगों को कैसे मना करें?

डॉ मोहन यादव, उच्च शिक्षा मंत्री व प्रभारी मंत्री- लॉकडाउन हल नहीं है। हमें लोगों को बीमार होने से बचाने और बीमारों की जान बचाने के उपाय करने की जरूरत है। बीमारों को अच्छा इलाज सुविधाजनक रूप से मिल जाए यह जरूरी है। हमें यह व्यवस्था करना पड़ेगी कि बीमार की पहचान तुरंत कर ली जाए, इसे अभियान के रूप में ले सकते हैं।

पारस जैन, विधायक उत्तर- अभी लॉकडाउन लगाया तो क्या नतीजा आया, मरीजों की संख्या बढ़ी ही है। फिर हमें जनता की राय भी देखना पड़ेगी। शादी का सीजन है। इसलिए बीमारों के इलाज की व्यवस्था अच्छी करेंगे, लोगों को जागरूक करेंगे। वे मास्क, डिस्टेंसिंग का पालन करें। आगे देखेंगे क्या होता है। टोटल लॉकडाउन भी कर सकते हैं।

अनिल फिरोजिया, सांसद- टोटल लॉकडाउन आखिरी हथियार है। फिलहाल हमें लोगों को बचाना है। लॉकडाउन से मरीजों की संख्या कम नहीं हुई है। बढ़ जरूर गई है। जब लॉकडाउन नहीं था तब कम मरीज निकल रहे थे। मौतों की संख्या भी बढ़ गई है। इसलिए सबसे पहले इलाज की व्यवस्था कराई जा रही है। लोगों को इंजेक्शन, ऑक्सीजन तुरंत मिले। बाद में टोटल लॉकडाउन पर सोचेंगे।

महेश परमार, विधायक तराना- मेरी सोच तो यह है कि प्रदेश की गूंगी बहरी सरकार कुछ तो करे। लोगों की जान बचना चाहिए, बस। यदि टोटल लॉकडाउन जरूरी है तो लगाया जाए। पहली प्राथमिकता तो लोगों के इलाज की बेहतर व्यवस्था को देना चाहिए।