MP : नई व्यवस्था में बदलाव : अब भोपाल और इंदौर में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू , पुलिसकर्मी नहीं दे सकेंगे गलत जानकारी, रिकॉर्डिंग के साथ लोकेशन भी होगी ट्रेस

 

भोपाल. भोपाल और इंदौर में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने के साथ ही इन दोनों शहरों में लगभग 16 साल पुराने वायरलेस सिस्टम की विदाई भी शुरू हो गई है। पुलिस अमला आधुनिक ट्रंकिंग सिस्टम, डिजिटल वायरलेस सेट से लैस होगा। 15 करोड़ से इंदौर में आधुनिक ट्रंकिंग सिस्टम को शुरू करने की कवायद की जा रही है। जनवरी 2022 में इतनी ही लागत से भोपाल में भी ये सिस्टम आकार लेगा।

आधुनिक ट्रंकिंग सिस्टम के अमल में आते ही तकरीबन बेकार हो चुके पुराने वायरलेस सेट को हटाया जाएगा। बता दें कि इससे पहले वर्ष 2005 में भोपाल में ट्रंकिंग सिस्टम लगाया गया था। इसके तहत जिला पुलिस को 1500 से अधिक वायरलेस सेट मुहैया कराए थे। वायरलेस सेट का उपयोग पुलिस अधिकारियों, पुलिसकर्मियों, डायल-100, यातायात पुलिस को संचार व्यवस्था के लिए करती है।

रिकॉर्डिंग के साथ ही लोकेशन भी होगी ट्रेस

आधुनिक ट्रंकिंग सिस्टम कई चैनल्स और फ्रीक्वेंसी पर एकसाथ काम करने में सक्षम है। एक बार में कई ग्रुप्स में अधिकारी बात कर सकेंगे। अलग-अलग फ्रीक्वेंसी पर कई ग्रुप्स में अधिकारी निर्देश दे सकेंगे। यहां की गई बात की रिकॉर्डिंग और संबंधित वायरलेस सेट की लोकेशन ट्रेस होगी। संबंधित कर्मी लोकेशन की गलत जानकारी नहीं दे पाएंगे।

इधर, कई जिलों में टावर्स की शिफ्टिंग

पुराने से नए भवन में थानों की शिफ्टिंग के बाद धार, सतना और इंदौर जिले में टावर्स नए सिरे से लगाए जाएंगे। इंदौर जोन में सबसे ज्यादा टॉवर्स की शिफ्टिंग होगी। इंदौर जिले के खुड़ैल थाना, धार जिले के टांडा, सांदलपुर, धरमपुरी, बाग, अमझेरा, सागौर और मनावर थाने में लगे टावर्स को शिफ्ट किया जाएगा। सतना जिले के नयागांव से मैहर देहात थाने के नए भवन में, कोटर थाने के पुराने भवन से नए भवन में और सभापुर थाने से नए थाना परिसर में टॉवर शिफ्ट होगा।

इस प्रक्रिया में वायरलेस सेट खोने पर उसे डिएक्टिवेट किया जा सकेगा। साथ ही गोपनीयता के लिए फ्रीक्वेंसी और सेट को इनक्रिप्टेड किया जाएगा। एडीजी (दूरसंचार) संजय कुमार झा के अनुसार इंदौर में आधुनिक ट्रंकिंग सिस्टम स्थापित किया गया है। अगले चरण में भोपाल में भी इसे लगाया जाएगा।