REWA : ब्राम्हण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय त्रिपाठी बोले- आश्रम के अध्यक्ष द्वारा लगाए आरोप सिर्फ षड्यंत्र और राजनीतिक साजिश

 

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। रीवा परशुराम आश्रम के अतिक्रमण का मामला तूल पकड़ता जा रहा है जा रहा है प्रसाशन के द्वारा बिगत दिनों पूर्व परशुराम आश्रम का निर्माण एन एच आई कि जमीन पर पिछले कई वर्षों से कब्जा करके रखा था जिसे पुलिस बल एवं प्रसाशनिक अधिकारियों की मदत से परशुराम आश्रम के अतिक्रमण को धरासाई कर दिया गया था जिसके बाद से कांग्रेस पार्टी सहित कईं संगठन के कार्यकता पहुचे और साधू संतो के लिए प्रसाशन के सामने खड़ा हुए थे।

स्थानीय विधयाक एवं रीवा प्रसाशन के विरोध में जमकर विरोध किया गया जगह जगह पर बीजेपी सरकार का पुतला भी दहन किया गया वही अपने निजी काम से जिले के बाहर गए हुए अखिल भारतीय ब्राम्हण समाज के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष संजय त्रिपाठी जब अगले दिन पहुचकर इटौरा परशुराम आश्रम में साधु संतो की पीड़ा सुनी और साथ परशुराम आश्रम को ट्रस्ट में देने की बात कही गई थी और साधु संतों को ढारस बधाया की परशुराम आश्रम का भव्य निर्माण रीवा में ही कराया जाएगा परशुराम आश्रम ट्रस्ट को दे दिया जाएगा क्योंकि ब्राम्हण एवं साधु संतों की हिफाजत करना हमारा कर्तव्य है हमारी जिम्मेदारी है मैं अखिल भारतीय ब्राम्हण समाज का अंतराष्ट्रीय अध्यक्ष अतः हमारी जिमेदारी बनती है हम इनकी हिफाजत करें । 

बिगत दिनों पहले हमारे ऊपर परसुराम आश्रम के अध्यक्ष श्री धर द्विवेदी के द्वारा एसपी कार्यालय में गलत शिकायत की गई थी कि मेरे द्वारा साधू संतो डराया धमकाया जा रहा क्योकि शिकायती पत्र में जो टाइम दर्शाया गया है उस टाइम पर मैं था ही नही जिस समय मैं गया था उस समय मैं अकेला गया था वहां सभी लोग उपलब्ध थे साथ ही मीडिया भी खड़ी हुई थी ये सब राजनीति के चलते मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा गया है और फर्जी शिकायत की गई है,अगर परशुराम आश्रम में किसी भी साधु संत एवं श्रीधर द्विवेदी जी के साथ किसी भी तरह के हादसे होते है तो इसमें हमारी कोई जिम्मेदारी नही होगी क्योंकि पूर्व में नागेंद्र सिंह कर्चुली के ऊपर जिस तरह से हमला हुआ था इस हमले का आरोप भी मेरे ऊपर लगाया गया था जबकि उस हमले के आरोपीयो का पता नही चल पाया है । 

अखिल भारतीय ब्राम्हण समाज के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष सजंय त्रिपाठी ने शासन प्रसाशन से अपील किये है कि मेरे ऊपर लगाये गए आरोप गलत है अगर किसी भी साधु संत एवं श्री धर दिवेदी जी के साथ किसी भी प्रकार का हादसा होता है तो उसमें हमारे ऊपर आरोप न लगाएं जाए।