Rewa Womens day special : रीवा की बेटी श्लेषा और उनकी टीम ने बांटे 850 कंबल, खुद की पॉकेट मनी से खर्च किये डेढ़ लाख
( ग्राउंड एमपी 17 ऋतुराज द्विवेदी की रिपोर्ट ) REWA NEWS : महिला दिवस पर आज हम आपको एक ऐसी सदस्य से मिलाना चाहते हैं जो लगातार अपने जीवन में गरीब बेसहारा लोगों के लिए हमेशा तत्पर रहीं है। जी हां हम बात कर रहे हैं रीवा की श्लेषा शुक्ला की... श्लेषा को बचपन से ही माता- पिता से यही प्रेरणा मिलती रहेगी हमेशा गरीबों का अच्छा से अच्छा करो जितना हो सके उतना करो, उन्हीं की प्रेरणा पाते हुए अपने छात्र जीवन में श्लेषा रीवा से निकलकर पढ़ाई करने दिल्ली पहुंची जहां दिल्ली में श्लेषा फाउंडेशन (Shlesha Foundation) की शुरुआत हुई वही मदद के रूप में एक टीम मिली और वही से श्लेषा फाउंडेशन (Shlesha Foundation) की शुरुआत हुई आज श्लेषा टीम में 12 से 18 लड़के लड़कियां काम कर रहे हैं और लगातार लॉकडाउन (lockdown) से लेकर कड़ कड़ाती ठंड में भी श्लेषा फाउंडेशन द्वारा कार्य जारी रहा।
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श्लेषा के माता पिता |
ऐसे शुरू हुई श्लेषा "प्रमुख" बेनिसन हेल्पिंग सोसायटी की शुरुआत
दिल्ली में जॉब के दौरान 2015 में एक दोस्त की बर्थडे पार्टी से गर्ल्स का ग्रुप लौट रहा था। एक बच्ची अपनी मां के साथ कड़ाके की ठंड में फुटपाथ पर ठिठुरती दिखी। यह दृश्य बड़ा ही मार्मिक था। बच्ची की वेदना सही नहीं गई। सभी गर्ल्स ने अपने-अपने स्टॉल निकालकर उस बच्ची को ढक दिया। दूसरे दिन मां और बच्ची को कंबल खरीदकर दिया।
श्लेषा और उनकी टीम
दिनभर काम रात में गरीबो की सेवा
इसी बीच मन में एक ख्याल आया कि क्यों न अपने शहर में गरीबों के लिए कुछ किया जाए। ऐसे में 12 से 18 लोगों ने मिलकर बेनिसन हेल्पिंग सोशल वेलफेयर सोसाइटी (Bennison Helping Social Welfare Society) बनाई। इसके जरिए ज्यादातर कामकाजी महिलाएं और गर्ल्स एकजुट हुईं। सभी दिनभर काम करती हैं। ठंड के दिनों में रात 12 बजे से 3 बजे तक शहर की मुख्य सड़कों-चौराहों पर ठंड से तड़प रहे गरीबों को कंबल देती हैं।
ठंड से ठिठुर रहे गरीबों को बांटे कंबल
शीतलहरी व सर्द हवाओं से कड़कती ठंड को देखते हुए शहर के कई मोहल्लों में देर रात ठंड से ठिठुरते गरीब, असहाय, निर्धन लोगों के बीच बेनिसन हेल्पिंग सोशल वेलफेयर सोसाइटी की टीम ने देर रात कई जगहों पर सोये हुए लोगों के बीच पहुंचकर कंबल वितरण किया। ठंड से कंपकंपा रहे लोगों को जब रात में अचानक कंबल मिला तो ये लोग कंबल पाकर खुश हो गये और संस्था के अध्यक्ष श्लेषा शुक्ला एवं उनकी पूरी टीम को फुटपाथ में लेटे हुए गरीब एवं निर्धन लोगों ने धन्यवाद करते हुए भावुक हो गए।
लाभार्थी ने शीतलहर की इस रात में उनका हाल चाल देखने आए व कंबल देकर मदद करने पर वे लोग थोड़ी देर के लिए भावुक हो गये और बेनिसन हेल्पिंग सोशल वेलफेयर की इस पहल की सराहना की। बेनिसन हेल्पिंग सोशल वेलफेयर सोसायटी की अध्यक्ष श्लेषा शुक्ला ने कहा कि संस्था द्वारा गरीब व निर्धन,असहायों को सर्दी से बचाव के लिए शहर के कई मोहल्लों एवं फुटपाथ पर रात में सो रहे बेसहारा लोगों को सर्दी से बचाव के लिए कंबल वितरण किया गया।
उन्होंने कहा कि भीषण ठंड को देखते हुए कंबल वितरण निरंतर जारी रहेगा। देर रात कंबल वितरण होता देख लोगों ने कहा कि कम्बल वितरण कर सर्दी से ठिठुरते गरीब असहाय के चेहरे पर मुस्कान ला दी। बेनिसन हेल्पिंग सोशल वेलफेयर सोसाइटी ने कम्बल वितरण कर खुले आसमान के नीचे रात गुजारते गरीबों को यह एहसास दिलाया कि समाज मे मानवता खत्म नहीं हुई है.
रीवा न्यूज़ मीडिया से बातचीत करते श्लेषा शुक्ला (Shlesha Shukla) ने बताया दिल्ली में जब मैं पढ़ाई कर रही थी तभी मुझे असहाय गरीब परिवार को देखकर यह दिमाग में आया कि क्यों ना हम अपने एरिया में छोटे स्तर पर गरीबों की मदद करना शुरू करें और वहीं से मदद करने का यह सिलसिला शुरू हो गया.
आपको बता दे श्लेषा शुक्ला रीवा जिले के आनंद नगर बोदाबाग निवासी 30 वर्षीय APS यूनिवर्सिटी से MBA करने के बाद दिल्ली में HR मैनेजर रहीं। पिछले साल इंदौर में सीनियर ऑफिस मैनेजर (senior office manager) बनकर वापस आ गईं, लेकिन कोविड की वजह से स्थितियां बदल गईं। ऐसे में अपने घर रीवा आ गईं।
समाज और गरीब वर्ग के लिए मदद करना चालू
ठंड के दिनों की मदद से दिल को सुकून मिलता था। मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए दोस्तों से बात की। सभी का साथ मिला और हम कंबल वाली बन गए। आपको बता दें कि श्लेषा के पिता महेश प्रसाद शुक्ला (Mahesh Prasad Shukla) आर्मी रिटायर हैं और माता गीता शुक्ला (Geeta Shukla) बैकुंठपुर शाहपुर के स्वास्थ्य विभाग में नर्सिंग ऑफिसर (nursing officer) के पद पर पदस्थ हैं।
12 से 18 लोग टीम में कर रहे काम
श्लेषा ने बताया कि उनकी टीम में 12 से 18 लोग हैं। ज्यादातर लड़कियां है। इनमें अपर्णा द्विवेदी,स्मृति केसरवानी, शालिनी शुक्ला, प्रतिमा पाण्डेय, अंजलि निषाद, प्रिया पाण्डेय, प्रतिभा शुक्ला पुलिसकर्मी, दीप्ति पटेल पुलिसकर्मी, मीनाक्षी पाण्डेय पुलिसकर्मी, प्रिया शुक्ला पुलिसकर्मी, संध्या पाण्डेय होटलकर्मी, कोमल पाठक, सौरभ शुक्ला, ऋषभ तिवारी,अवनीश द्विवेदी सतेन्द्र सिंह, गौरव पांडेय ऋषब सेन शामिल हैं।
अब तक किये 1.50 लाख रुपए खर्च
रीवा की कंबल गर्ल्स (Rewa's blanket girls)
2015 में 5 कंबल
2016 में 40 कंबल
2017 में 60 कंबल
2018 में 100 कंबल
2019 में 100 कंबल
2020 में 100 कंबल
2021-22 में पॉकेट मनी से अकेले 850 कंबल बांट चुकी हैं।
कलेक्टर और एसपी हुए थे प्रभावित
श्लेषा ने बताया कि इस साल हमारे अभियान से तत्कालीन कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी (Dr. Ilaiah Raja T) और एसपी नवनीत भसीन काफी प्रभावित हुए थे। कई दिन तो कलेक्टर और एसपी ने खुद साथ में कंबल बंटवाए। कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी ने कहा था कि अच्छा प्रयास है, लेकिन मदद जरूरतमंद तक जरूर पहुंचनी चाहिए। ये अभियान 15 अक्टूबर से शुरू होकर 15 फरवरी तक लगातार चार महीने तक चलता रहा है।
इन जगहों पर बांटे कंबल
कंबल बांटने की मुहिम में शहर की कई पुलिसकर्मियों का भी साथ मिला। ऐसे में सभी अपनी-अपनी ड्यूटी कर रात 12 बजे तक फ्री हो जाती थी। इसके बाद नया बस स्टैड से रेलवे स्टेशन, समान थाना से लेकर बिछिया अस्पताल, शिल्पी प्लाजा, एसबीआई, नगर निगम, अस्पताल चौराहा, अमहिया मार्ग, यूनिवर्सिटी मार्ग, चिरहुला मंदिर के आसपास सबसे ज्यादा कंबल बांटे है। हमारी टीम की गर्ल्स खुद भीषण ठंड में स्कूटी से चलती थी।
शादी बरात में बच्चे भोजन को भी करते हैं वितरित
आपको बता दें कि श्लेषा फाउंडेशन (Shlesha Foundation) द्वारा गरीब बच्चों को जिन्हें भोजन नहीं मिल पाता है जिसे किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिल पाती है वहां श्लेषा फाउंडेशन पहुंचकर शादी बारात में बचे हुए खाने को गरीबों तक पहुंचाने का कार्य भी कर रही है इस कार्य को लेकर कलेक्टर एसपी भी सराहना कर चुके हैं।
दिन में 7 से 8 जगह से आते हैं फोन
जहां कोरोना काल के बाद में लगातार शादियों में पाबंदी की गई थी वही सरकार द्वारा पाबंदियों से मुक्त होकर रीवा जिले में लगातार शादियों की भरमार होने लगी वही शादियों में बचे हुए भोजन को श्लेषा फाउंडेशन (Shlesha Foundation) ने गरीब बच्चों को भोजन प्राप्त करवाया है।
श्लेषा फाउंडेशन की टीम
रीवा में 18 लोग
भोपाल में 12 लोग
इंदौर में 8 लोग
दिल्ली में 25 लोगों की टीम लगातार राहत का कार्य कर रही है।
8 बच्चों दिव्यांग बच्चों की श्लेषा फाउंडेशन ने की मदद
आपको बता दें कि इन दिनों श्लेषा फाउंडेशन (Shlesha Foundation) द्वारा कैंसर रोग से पीड़ित बच्चों को लगातार सहायता की जा रही है टीम के हर एक सदस्य छोटी मोटी रकम इकठ्ठा कर गरीबों पीड़ित बच्चों तक मदद के सारे प्रयास कार्य किए जा रहे हैं यहां सबसे ज्यादा कैंसर रोग पीड़ित बच्चे हैं वही 8 बच्चे कैंसर से पीड़ित है जहां एक ही परिवार के चार दिव्यांग बच्चे इसका शिकार है जिसमें अभी तक 8 से 10 लाख रुपए का खर्च हो चुका है।
जो हम तक नहीं पहुंच पाते उन तक हम पहुंचते हैं
बेनिसन हेल्पिंग सोशल वेलफेयर सोसाइटी की अध्यक्षा श्लेषा शुक्ला एवं उनकी टीम द्वारा गरीबों और असहाय लोगों को रात्रि में निशुल्क कंबल प्रदान किया जाता है । इस भीषण ठंड में रात्रि में घूम घूम कर बेनिसन हेल्पिंग सोशल वेलफेयर सोसाइटी (Bennison Helping Social Welfare Society) के द्वारा कंबल प्रदान किया जाता है , जो कि इस ठंड के मौसम में चैलेंजिंग होता है।
यदि कंबल वितरण दिन के समय में किया जाता है तो जिन व्यक्तियों के पास सामर्थ्य है वह लोग भी कतार में आ जाते हैं और काफी भीड़ और दिक्कतों का सामना हम सब को करना पड़ता है । यही कारण है कि हम लोग रात्रि में पहुंच कर इस स्थिति को देखकर जिन व्यक्तियों को जरूरत है उनको इस भीषण ठंड से बचने के लिए कंबल प्रदान किया जाता है ।