मऊगंज में प्रशासनिक 'सर्जिकल स्ट्राइक': कलेक्टर ने रातों-रात बदल दिए कई तहसीलदारों के ठिकाने!

 

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/ मऊगंज जिला, अपनी स्थापना के बाद से ही प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में, जिला कलेक्टर संजय कुमार ने एक बड़ा और महत्वपूर्ण प्रशासनिक फेरबदल किया है। इस फेरबदल का मुख्य उद्देश्य जिले में कार्य व्यवस्था को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाना है। विशेष रूप से, तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के मध्य कार्य विभाजन को बेहतर ढंग से व्यवस्थित किया गया है, ताकि जनता से जुड़े कार्यों का निपटारा तेजी से और बिना किसी बाधा के हो सके। यह फैसला मऊगंज के समग्र विकास और सुशासन की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

प्रशासनिक फेरबदल की आवश्यकता क्यों पड़ी?
किसी भी नए जिले के लिए शुरुआती दौर में प्रशासनिक ढाँचे को मजबूत करना सबसे बड़ी चुनौती होती है। मऊगंज जिले में भी, विभिन्न क्षेत्रों में राजस्व और न्यायालयीन कार्यों को सुचारु रूप से चलाने के लिए कुछ बदलावों की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। पुराने अनुभव और नए जिले की जरूरतों को देखते हुए, कलेक्टर ने यह फैसला लिया। इस फेरबदल से न केवल अधिकारियों की कार्यकुशलता बढ़ेगी, बल्कि आम लोगों को भी सरकारी सेवाओं का लाभ उठाने में आसानी होगी।

तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के कार्यक्षेत्र में बड़ा बदलाव
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश क्रमांक 104/स्था./2025 के अनुसार, अधिकारियों के कार्यक्षेत्र में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य हर अधिकारी को उसकी विशेषज्ञता और अनुभव के अनुसार सही जिम्मेदारी देना है। यह सुनिश्चित करेगा कि हर क्षेत्र में न्यायिक और प्रशासनिक कार्य बिना किसी रुकावट के चलते रहें।

प्रमुख अधिकारियों के नए दायित्व क्या हैं?

  • श्री बी.के. पटेल: अब तक जो जिम्मेदारी वे संभाल रहे थे, उसमें बदलाव करते हुए उन्हें तहसीलदार, मऊगंज और सीतापुर का प्रभार सौंपा गया है। यह एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है, क्योंकि ये दोनों क्षेत्र जिले के प्रमुख प्रशासनिक केंद्र हैं।
  • श्री उमाशंकर शर्मा: इन्हें प्रभारी नायब तहसीलदार, मऊगंज वृत्त देवतालाब का कार्यभार दिया गया है। देवतालाब क्षेत्र के राजस्व संबंधी कार्यों के लिए वे जिम्मेदार होंगे।
  • श्री शिवम गौतम: इनकी नियुक्ति मऊगंज, हनुमना और खुटखरी के लिए नायब तहसीलदार के रूप में की गई है। इन तीनों क्षेत्रों के राजस्व और अन्य प्रशासनिक कार्यों को देखने की जिम्मेदारी उनकी होगी।
  • श्री बुद्धसेन माझी: इन्हें भी मऊगंज, हनुमना और खुटखरी का प्रभारी नायब तहसीलदार बनाया गया है। ये श्री गौतम के साथ मिलकर इन क्षेत्रों की कार्य व्यवस्था को संभालेंगे।

अन्य अधिकारियों के महत्वपूर्ण बदलाव क्या हैं?

  • श्री सुनील द्विवेदी: इन्हें मऊगंज वृत्त पहाड़ी और नईगढ़ी, वृत्त नईगढ़ी का प्रभारी नायब तहसीलदार बनाया गया है। यह क्षेत्र राजस्व की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।
  • श्री बी.आर. प्रजापति: जो पहले कार्यालय कलेक्टर (भू-अभिलेख शाखा) में नायब तहसीलदार थे, अब उन्हें हनुमना, रामपुर और खटखरी का प्रभारी नायब तहसीलदार बनाया गया है। यह बदलाव भू-अभिलेखों के निपटारे में उनके अनुभव का लाभ उठाने के लिए किया गया है।
  • श्री नीरज कुमार पटैरे: पूर्व नायब तहसीलदार, नईगढ़ी, वृत्त रामपुर अब भू-अभिलेख शाखा, कार्यालय कलेक्टर, मऊगंज की जिम्मेदारी संभालेंगे। भू-अभिलेखों से जुड़े कार्यों के लिए उनकी नई भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी।

कलेक्टर का यह कदम क्यों है महत्वपूर्ण?
कलेक्टर संजय कुमार का यह फैसला सिर्फ एक तबादला नहीं है, बल्कि यह जिले की प्रशासनिक कार्यप्रणाली को सुदृढ़ करने की दिशा में एक दूरदर्शी कदम है। यह सुनिश्चित करता है कि हर पद पर योग्य और अनुभवी अधिकारी ही तैनात हो। इससे सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन, राजस्व संग्रह और भूमि विवादों का निपटारा जैसी चीजें अधिक प्रभावी ढंग से हो सकेंगी।

इस आदेश को जारी करने के बाद, इसकी एक प्रतिलिपि मध्य प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव, राजस्व विभाग सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को भेजी गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह फैसला न केवल जिले के भीतर, बल्कि राज्य स्तर पर भी महत्वपूर्ण है।

यह बदलाव कैसे प्रभावित करेगा आम जनता को?
जब प्रशासनिक व्यवस्था मजबूत होती है, तो उसका सीधा लाभ जनता को मिलता है। राजस्व संबंधी कार्य, भूमि के रिकॉर्ड से जुड़े मुद्दे और अन्य सरकारी कामकाज तेजी से निपटेंगे। यह सुनिश्चित करेगा कि लोगों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए अनावश्यक रूप से भटकना न पड़े। यह कदम सुशासन (good governance) की दिशा में एक ठोस पहल है, जो मऊगंज जिले को एक बेहतर और अधिक व्यवस्थित प्रशासनिक इकाई बनाएगा।