आगामी दिनों में बड़े त्योहार और शादी-ब्याह का सीजन शुरू, दीपावली आते ही बाजार हुआ जगमग : धनतेरस की तैयारी शुरू
कोरोना संक्रमण के बीच अब बाजारों में त्योहारी चमक दिखने लगी है। नवरात्र में गुलजार रहने वाले सराफा बाजार में अब पुष्य नक्षत्र और दीपावली की तैयारियां शुरू हो गई हैं। दोनों मूल्यवान धातुओं के भाव में गत वर्ष की तुलना में अप्रत्याशित उछाल के बावजूद ग्राहकों का खरीदी के प्रति रुझान कम नहीं हुआ है। नवरात्र में भी सराफा बाजार में कारोबार उम्मीद से कई गुना अच्छा रहा। वर्तमान में आरटीजीएस में चांदी 62700 रुपये किलो और सोना के भाव 52650 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जबकि गत वर्ष अक्टूबर-नवंबर में सोना 37 हजार और चांदी 40 हजार रुपये के आसपास थी।
पुष्य नक्षत्र और धनतेरस पर लोग सोने-चांदी के सिक्के खरीदना पसंद करते हैं, लेकिन अबकी बार दोनों धातुओं के भाव में काफी उछाल आया है। भाव में वृद्धि से कई ग्राहकों का बजट भी गड़बड़ाया है, लेकिन सोना-चांदी की खरीदी के प्रति क्रेज अभी भी बरकरार है। ग्राहकों के बजट को देखते हुए पुष्य नक्षत्र और धनतेरस के लिए सराफा व्यवसायियों द्वारा बड़ी संख्या में महालक्ष्मी और श्रीगणेश के सोना-चांदी के कम वजन के सिक्के तैयार करवाए जा रहे हैं।
गत वर्ष से 40-50 प्रतिशत की तेजी
व्यवसायी ऋषभ संघवी ने बताया कि सराफा बाजार में कामकाज पटरी पर लौट रहा है। आगामी दिनों में बड़े त्योहार और शादी-ब्याह का सीजन शुरू होने से ग्राहकों ने खरीदी शुरू कर दी है। गत वर्ष की तुलना में सोना-चांदी के भाव में काफी तेजी है। दोनों धातुओं के भाव में 40 से 50 प्रतिशत की तेजी है। सराफा व्यवसायी प्रतीक जैन के अनुसार दीपावली पर लक्ष्मी जी और गणेश जी की पूजा का महत्व है। इसलिए लोग पुष्य नक्षत्र व धनतेरस पर सोना-चांदी के सिक्के पूजा के लिए खरीदते हैं। सराफा में सोना की तुलना में चांदी के सिक्के ज्यादा बिकते हैं। उच्च गुणवत्ता व शुद्धता के मामले में रतलाम के सराफा बाजार ने देशभर में साख जमाई है। यही कारण है कि रतलाम के सराफा बाजार में देश के विभिन्ना स्थानों से आभूषण व अन्य खरीदी के लिए ग्राहक आते हैं। अनलॉक में परिवहन साधकों के संचालन से अब बाहर से भी ग्राहक खरीदी के लिए आने लगे हैं।
मूर्तियों की भी रहती है मांग
व्यवसायी कीर्ति बड़जात्या ने बताया कि दीपावली पर पूजन के लिए सिक्कों के साथ लक्ष्मी जी व गणेश जी की मूर्तियों की मांग भी रहती है। कई लोग पूजन के लिए मूर्तियां खरीदकर ले जाते हैं। चांदी में 300 से 30 हजार रुपये तक की मूर्ति उपलब्ध रहती है। नवरात्र से बाजार में उठाव आ गया है, लेकिन कोरोना संक्रमण और धातुओं के भाव में वृद्धि से ग्राहकों की क्रय शक्ति पर असर पड़ा है। पुष्य नक्षत्र व धनतेरस पर सोना में 1, 2, 5, 10 ग्राम के सिक्के तथा चांदी में 5, 10, 20, 50, 100 ग्राम के सिक्के ज्यादा बिकते हैं।
एक नजर भाव में उतार-चढ़ाव पर
तारीख - चांदी - सोना
28 अक्टूबर - 62700 - 52650
27 अक्टूबर - 62600 - 52300
26 अक्टूबर - 62100 - 52500
24 अक्टूबर - 62900 - 52600
23 अक्टूबर - 63200 - 52650
22 अक्टूबर - 63100 - 52700
21 अक्टूबर - 63700 - 52700
20 अक्टूबर - 62800 - 52300
19 अक्टूबर - 63100 - 52400
17 अक्टूबर - 61600 - 52200
16 अक्टूबर - 62400 - 52200
15 अक्टूबर - 61100 - 52000
14 अक्टूबर - 61300 - 52100
13 अक्टूबर - 62600 - 52600
(नोट : आरटीजीएस भाव चांदी प्रति किलो व सोना प्रति 10 ग्राम रुपये में)