इन 5 आसान उपायों को अपनाकर कोरोना वायरस से करें बचाव, जानें डॉक्‍टर्स किन दवाइयों से कर रहे हैं इलाज

 

नई दिल्‍ली. कोरोना वायरस का असर सर्च इंजन गूगल पर भी पड़ गया है. गूगल ने अपने होमपेज पर सर्च बार के नीचे DO THE FIVE. Help stop coronavirus नाम से एक लिंक दिया है. इस लिंक पर क्लिक करने से एक नया पेज खुलेगा. इसमें लोगों को कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचाव के तरीकों की जानकारी दी गई है. बचाव के ये तरीके वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की ओर से जारी दिशानिर्देश हैं. इसमें बताया गया है कि लोग कैसे सावधानी बरतकर अपने बचाव के साथ ही संक्रमण (Infection) को फैलने से रोक सकते हैं. गूगल (Google) ने इन सुझावों को ट्विटर पर भी शेयर किया है. आइए इसके आधार पर समझते हैं कि हमें कोरोना से बचाव के कौन से 5 तरीके अपनाने हैं...

भारत (India) में अब तक कोरोना वायरस के 177 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं. इनमें 4 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 लोग स्‍वस्‍थ्‍य होकर घर लौट चुके हैं. कोरोना वायरस दुनिया के 160 से ज्‍यादा देशों को अपनी चपेट में ले चुका है. इससे लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं. विशेषज्ञ कह रहे हैं कि इस वैश्किव महामारी (Pandemic) से डरने की जरूरत नहीं है. जहां सरकार इसकी रोकथाम के लिए तमाम कोशिशें कर रही है. वहीं, हर व्‍यक्ति अपने स्‍तर पर भी संक्रमण के फैलने की रफ्तार पर ब्रेक लगाने के लिए पहल कर सकता है.

रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) ने सुरक्षा उपायों की एक सूची जारी की थी. इसमें बताया गया है कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए अपने हाथ दिन में कई बार धोएं. नाक, मुंह और आखों को ढककर रखें ताकि इंफेक्शन दूर रहे. साथ ही दरवाजे के हैंडल, मोबाइल फोन जैसी चीजों को छूने के बाद हाथों को जरूर धोएं.

कई लोगों का मानना है कि सर्जिकल मास्क के इस्‍तेमाल से संक्रमण के जोखिम को रोक सकता है. ये कुछ हद तक सही है, लेकिन इससे पूरा बचाव नहीं होगा. डॉक्टर्स का कहना है कि N95 मास्क का ही इस्तेमाल करें, जो आसानी से उपलब्ध है. खांसी या छींक आने पर मुड़ी हुई कोहनी से कवर करें.

अगर आपको फ्लू या कोरोना वायरस जैसे लक्षण महसूस हों तो लापरवाही बिना किए तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. अगर आप विदेश से लौटे किसी व्यक्ति से मिलने के बाद बीमार महसूस कर रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. अपने चेहरे को बार-बार छूने से बचें. नाक, आंख या चेहरे को छूने से पहले साबुन से 26 सेकेंड तक हाथ धोएं.

ज्‍यादातर समय घर पर ही रहें. भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें. अगर आप बीमार महसूस कर रहे हैं तो सबसे अच्छा है ऑफिस न जाएं और आराम करें. ऑफिस जाने पर आप दूसरे लोगों में भी इंफेक्शन फैला सकते हैं.

चीन ने जापान की दवा से किया संक्रमित लोगों का इलाज

अब तक कोरोना वायरस की सटीक दवा नहीं आई है. इस बीच कोरोना की कारगर दवा को लेकर चीन के डॉक्टर्स की तरफ से कई दावे किए जा रहे हैं. जापान के मीडिया के अनुसार, चीन के डॉक्टर्स का कहना है कि जापान में एन्फ्लूएंजा के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा कोरोना वायरस के मरीजों पर प्रभावी है. चीन के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक अधिकारी झांग शिनमिन ने कहा कि फूजीफिल्म की एक सहायक कंपनी टोयामा केमिकल की विकसित फेवीपिरविर दवा के वुहान और शेनजेन में 340 मरीजों पर अच्छे परिणाम मिले हैं. ये दवा बहुत सुरक्षित है और मरीजों के उपचार में बहुत प्रभावी है. शेनजेन में जिन मरीजों को ये दवा दी गई, उनकी रिपोर्ट 4 दिन में निगेटिव आई. हालांकि, हम ये स्‍पष्‍ट कर देना चाहते हैं कि इन दवाओं का इस्‍तेमाल डॉक्‍टरों की देखरेख में ही किया जा सकता है. बिना डॉक्‍टर की सलाह लिए इन दवाओं का उपयोग किसी भी सूरत में न करें.

जापान में सामने आए फेवीपिरविर दवा के अच्‍छे नतीजे

जापान में भी डॉक्टर्स हल्के से ज्यादा सभी लक्षणों वाले कोरोना वायरस के मरीजों पर फेवीपिरविर दवा का इस्‍तेमाल कर रहे हैं. डॉक्टर्स को उम्मीद है कि यह दवा मरीजों के शरीर में वायरस को बढ़ने से रोकेगा. हालांकि, जापान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस दावे को खारिज कर दिया है. मंत्रालय का कहना है कि ये दवा कोरोना वायरस के गंभीर लक्षण वाले मरीजों पर कारगर नहीं है. वहीं, भारत के राजस्‍थान में जयपुर के सवाई मानसिंह अस्‍पताल में भर्ती कोरोना पॉजिटिव तीन लोगों को रेट्रोवायरल ड्रग से ठीक किया गया. इनमें दो इटली से जयपुर आए थे और एक जयपुर का ही रहने वाला है. जयपुर के कोरोना संक्रमित व्‍यक्ति की उम्र 85 साल बताई जा रही है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने इसके लिए गाइडलाइन जारी कर कहा है कि किन मरीजों पर इस ड्रग का इस्तेमाल किया जा सकता है. भारत से पहले चीन और अमरीका में भी इसका इस्तेमाल हो चुका है.