PM Modi Mother Death LIVE Updates : 100 साल की उम्र में हीरा बा ने तड़के 3.30 बजे ली अंतिम सांस, PM मोदी ने मां को दी मुखाग्नि, देखिए

 

PM Modi Mother Death News LIVE Updates: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीरा बा का शुक्रवार सुबह निधन हो गया। पीएम मोदी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। 100 साल की उम्र में हीरा बा ने अहमदाबाद के अस्पताल में तड़के 3.30 बजे अंतिम सांस ली। दो दिन पहले ब्लड प्रेशर की शिकायत के बाद उन्हें गांधीनगर से यहां लाया गया था। तब सूचना मिलने पर तत्काल पीएम मोदी अहमदाबाद आए थे और मां से मिले थे। डॉक्टरों की टीम लगातार हीरा बा की सेहत पर नजर रखी हुई थी और लगातार बताया जा रहा था कि उनकी हालत स्थिर है, लेकिन शुक्रवार को ब्रह्म मुहूर्त में हीरा बा ने दुनिया को अलविदा कह दिया।

गांधीनगर में मां हीरा का अंतिम संस्कार किया गया। खुद प्रधानमंत्री मोदी ने मुखाग्नि दी।

प्रधानमंत्री ने भाई पंकज मोदी के घर पर मां के पार्थिव शरीर को नमन किया, अंतिम यात्रा में हिस्सा लिया और अर्थी को कंधा भी दिया। थोड़ी देर में अंतिम संस्कार किया जाएगा। पीएम मोदी खुद शव वाहन में सवार होकर मुक्तिधाम तक पहुंचे।

फोटो: गांधीनगर में पीएम मोदी ने मां के पार्थिव शरीर को नमन किया


पीएम मोदी जब अहमदाबाद एयरपोर्ट पर पहुंचे तब मां के निधन के बाद पहली बार उनकी झलक नजर आई। मां को खोने का दुख पीएम मोदी के चेहरे पर साफ झलक रहा था। पीएम मोदी यहां से भाई पंकज के घर जाएंगे जहां मां रहती थीं। थोड़ी देर में अस्पताल से पार्थिव शरीर रवाना किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm narendra modi ) दिल्ली से अहमदाबाद पहुंच गए हैं। पीएम मोदी गांधीनगर जाएंगे, जहां से अंतिम यात्रा निकलेगी। भाजपा (bjp) के तमाम राष्ट्रीय नेता अहमदाबाद पहुंच रहे हैं। केंद्रीय मंत्रियों के साथ ही योगी आदित्यनाथ, शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी अंतिम यात्रा में हिस्सा लेंगे।

सूचना मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से अहमदाबाद रवाना हो गए। थोड़ी देर में पहुंचेंगे। हीरा बा गांधीनगर में अपने छोटे बेटे पंकज मोदी के साथ रहती थीं। यहीं से अंतिम यात्रा निकलेगी और अंतिम संस्कार होगा।

शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए यह जानकारी दी गई। पोस्ट में लिखा गया, शानदार शताब्दी का ईश्वर चरणों में विराम... मां में मैंने हमेशा उस त्रिमूर्ति की अनुभूति की है, जिसमें एक तपस्वी की यात्रा, निष्काम कर्मयोगी का प्रतीक और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध जीवन समाहित रहा है। मैं जब उनसे 100वें जन्मदिन पर मिला तो उन्होंने एक बात कही थी, जो हमेशा याद रहती है कि काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से।'