CRIME : दो मनचलों से परेशान छात्रा का दिनदहाड़े नदी में मिला शव, पुलिस ने नहीं सुनी शिकायत : परिजनों ने किया चक्काजाम

 
   

मुरैना (कैलारस)। कैलारस और नेपरी गांव के बीच बने नवीन टूलेन पुल के नींचे क्वारी नदी में मंगलवार तड़के कॉलेज छात्रा का शव मिला। बताया जाता है कि उसे कैलारस के दो युवक काफी समय से फोन पर अश्लील बातें कर परेशान कर रहे थे। छात्रा की मौत के बाद गुस्साए लोगों ने मुरैना-शिवपुरी रोड पर जाम लगाया। आरोपित युवकों पर हत्या के आरोप लगाए। पिता की शिकायत पर दोनों आरोपितों पर एससीएसटी एक्ट के अलावा आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस हत्या के एंगल से भी जांच कर रही है।

मंगलवार की सुबह 6 बजे नदी किनारे नेपरी गांव का एक ग्रामीण शौच करने गया था। इसी दौरान उसे नए पुल के नींचे नदी किनारे कीचड़ व गड्ढों क बीच भरे पानी में एक युवती पड़ी दिखी। पुलिस मौके पर पहुंची और कुछ ही देर में पहचान नीतू पुत्री जगदीश उर्फ जगन्नाथ शाक्य निवासी अंबेडकर रोड कैलारस के रूप में हुई।

19 साल की नीतू बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा थी। पिता जगन्नाथ शाक्य ने बताया कि उसकी बेटी के मोबाइल पर 9-10 महीने से कैलारस का राहुल शिवहरे मोबाइल नंबर 7000083193 से और हेमंत दीक्षित मोबाइल नंबर 9399585489 से बार-बार फोन करके परेशान कर रहे थे। दोनों अश्लील बातें करते थे।

बकौल जगन्नाथ फरवरी मे कैलारस थाने में आवेदन दिया गया परंतु पुलिस ने यह कहकर लौटा दिया कि फोन करने वालों को समझा देंगे। उनका आरोप है कि राहुल शिवहरे और हेमंत दीक्षित ने बेटी की हत्या कर शव पुल से नदी में फेंका है। मीडिया ने राहुल शिवहरे और हेमंत दीक्षित के मोबाइलों पर फोन लगाया तो दोनों ने कॉल नहीं उठाए। बाद में दोनों के फोन स्विच ऑफ हो गए।

कैलारस को हाथरस बनाने की धमकी

घटना के बाद सुबह जब मृतका के स्वजन व अन्य ग्रामीणों ने जाम लगाया तो वहां जौरा विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी पंकज उपाध्याय समर्थकों के साथ पहुंच गए। पंकज ने घटना का पूरा दोष भाजपा सरकार को देते हुए कहा कि जहां-जहां भाजपा सरकार है, वहां-वहां अनुसूचित जाति की बेटियों के साथ ऐसी घटनाएं हो रही हैं। चक्काजाम के स्थल और फिर कैलारस थाने में पंकज ने दोहराया कि इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई की जाए नहीं तो कैलारस भी हाथरस हो जाएगा।

एक दिन पहले पिता को फोन देते हुए कहा, राहुल-हेमंत गंदी बातें करते हैं

आरोपित राहुल शिवहरे और मेहंत दीक्षित इतना परेशान करने लगे कि, मौत से एक दिन पहले यानी 4 अक्टूबर को अपना मोबाइल पिता को देते हुए कहा कि राहुल शिवहरे और हेमंत दीक्षित उसे बार-बार फोर करके गंदी-गंदी अश्लील बातें करते हैं। अश्लील मैसेज भेजते हैं। इसके दूसरे दिन ही शव पुल के नीचे मिला है। स्वजनों के अनुसार नीतू ने अच्छे अंकों से 12वीं पास की थी और डॉक्टर बनने का सपना लेकर कॉलेज में दाखिला लिया था। पढ़ाई में मदद के लिए पिता ने उसे करीब एक साल पहले ही स्मार्ट फोन दिलाया था।

दो बार लगाया जाम, कार्रवाई पर ही माने

मृतक छात्रा के परिजन और गुस्साए लोगों ने दो बार घटनास्थल के पास ही एमएस रोड पर जाम लगाया। पहले सुबह 8 बजे जाम लगाया और आरोपित राजकुमार शिवहरे और हेमंत दीक्षित के नामजद एफआइआर की मांग की। इसके बाद पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर उसकी कॉपी मृतका के पिता को सौंपी। तब करीब 40 मिनट बाद जाम खुला। इसके बाद आरोपितों पर आत्महत्या के लिए उकसाने की बजाय हत्या का मामला दर्ज करने की मांग लेकर दोपहर डेढ़ बजे से फिर सैकड़ों लोग नेपरी पुल के पास मुख्य सड़क पर चक्काजाम कर बैठ गए। करीब एक घंटे यह जाम चला। इस दौरान दोपहर साढ़े 3 बजे तक छात्रा का शव नदी में ही पड़ा रहा। साढ़े तीन बजे के करीब पुलिस ने जबरन शव को उठाकर पोस्टमार्टम के लिए पहुंचाया। पुलिस के साथ फोरेेंसिक टीम भी मामले की जांच में जुटी है।

इनका कहना है

रोज खाना खाने के बाद पूरा परिवार एक साथ सोने जाता है, लेकिन सोमवार की रात बेटी ने सबसे पहले खाना खाया और सो गई। सुबह 5 बजे पत्नी उठी तो बेटी उसे बिस्तर पर नहीं मिली। पहले गांव में फिर कैलारस बस स्टैंड पर उसे खोजने गया। लौटकर आ रहा तो पुल पर भीड़ देखी। वहां से देखा तो मेरी बेटी की लाश नदी में पड़ी थी। बेटी को राहुल शिवहरे व हेमंत दीक्षित परेशान कर रहे थे। अगर आठ महीने पहले मेरी शिकायत पुलिस सुन लेती तो मेरी बेटी जिंदा होती। राहुल-हेमंत ने मेरी बेटी को मार डाला।

मृतका के पिता जैसा मीडिया को बताया

पुल के नीचे छात्रा का शव मिला है। यह हत्या है या आत्महत्या, इसकी जांच कर रहे हैं। पुलिस के साथ फॉरेंसिक टीम भी जांच में जुटी है। मृतका के पिता की शिकायत पर हेमंत दीक्षित और राहुल शिवहरे के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल दोनों फरार हैं, उनकी तलाश कर रहे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारणों का सही से पता लग जाएगा।

एसएस रघुवंशी, एसडीओपी, कैलारस

अगर यह पुलिस को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला लग रहा है तो इसमें पुलिस भी बराबर की दोषी है। फरवरी में मृतका का पिता जब शिकायत लेकर आया तब उसका थाने में आवेदन क्यों नहीं लिया गया। पुलिस की दादागिरी से अपराधियों का मनोबल बढ़ा है। यह मामला हत्या का है। इस पूरी घटना की उच्च स्तरीय जांच की जाए।

रामनिवास रावत कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस


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