MP के ये 3 गांव से बच्चे होते हैं सप्लाई : 6 महीने देते हैं चोर बनाने की ट्रेनिंग, फिर शादी समारोह में करवाते है चोरी

 

 राजगढ़। आज आपको ऐसे 3 गांवों के बारे में बताएंगे, जो बच्चों को चोर बनाने की ट्रेनिंग देने के लिए कुख्यात है। बच्चों को बाकायदा ये सिखाया जाता है कि कैसे चोरी करना है और पकड़े जाओ तो कैसे झूठ बोल कर बचना है। ये तीनों गांव मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में हैं। देश के किसी शहर में शादी समारोह में चोरी हो तो पुलिस इन गांवों में धावा बोलती है। ज्यादातर मामलों में इन्हीं गांवों के बच्चे आरोपी के रूप में सामने आते हैं।

8 से 13 साल की उम्र के बच्चों को खरीद

पहले बताते हैं कि अचानक से इन गांवों की चर्चा क्यों हाे रही है। दरअसल राजस्थान के बूंदी शहर में 8 फरवरी को एक मैरिज गार्डन में चोरी हुई थी, जिसमें नकदी सहित लाखों रुपए कीमत के जेवर चोरी हुए थे। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज से चोरों की पहचान की। पुलिस इन्हें पकड़ने के लिए प्रयास कर रही थी, इसी दौरान बूंदी में ही दूसरी जगह एक और शादी में चोरी करते हुए 8 साल का एक बच्चा पकड़ा गया। जब पुलिस ने पूछताछ की तो पता कि ये बच्चा मप्र के राजगढ़ जिले का रहने वाला है। ये उन तीन गांवों में से एक में रहता है, जो चोरी की ट्रेनिंग देने के लिए बदनाम है।

बच्चे ने सुनाई एमपी के राजगढ़ जिले की गुलखेड़ी समेत तीन गांवों की कहानी

तीसरी कक्षा तक पढ़ा ये बच्चा एमपी के राजगढ़ जिले के गुलखेड़ी गांव का रहने वाला है। बोड़ा थाना क्षेत्र में सांसी बहुल गुलखेड़ी, हुलखेड़ी और कड़ियां गांव हैं। यहां सांसी जाति के लोगों का नाम अपराधों में शामिल होने के लिए कुख्यात है। बताया गया कि इन गांवों के 300 से अधिक बच्चे अलग-अलग राज्यों और शहरों में इसी तरह से शादी समारोह में चोरी की वारदातों को अंजाम देते हैं। बूंदी पुलिस ने इस मामले में राजगढ़ पुलिस की मदद से बच्चे की दादी रेखा बाई और एक वाहन मालिक को गिरफ्तार किया है। बच्चे के माता-पिता भी केस में आरोपी हैं, जो अभी फरार हैं।

रेखा के घर में ताला, पूरा परिवार गायब

सबसे पहले हम गुलखेड़ी गांव पहुंचे। बरसाती नदी पर बने पुल को पार करते ही गांव शुरू हो जाता है। पुल के पास ही बड़ी संख्या में गांव के लोग ताश के पत्तों पर जीत-हार के दांव लगाते हुए दिखे। वहीं कुछ लोग शराब की दुकान पर मिले। रेखा के बारे में पूछा तो पता चला कि उसका घर गांव के बीच में है। वहां पहुंचे तो ताला लगा मिला, क्योंकि उसे कुछ दिन पहले ही बूंदी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसके बेटे-बहू फरार चल रहे हैं।

रेखा के पति तख्त सिंह की पिछले साल कोविड में मौत हो चुकी है। इसके बाद से रेखा ही अपने गिरोह की सरगना है। 52 वर्षीय रेखा अब तक 8 बार गिरफ्तार हो चुकी है। पोते और अपनी गैंग के साथ वह राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली में कई बड़े हाथ मार चुकी है। चार महीने पहले उसे राजस्थान की राजसंमद पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसके साथ उसके बेटे अमित सिसौदिया और गैंग के कबीर भानेरिया व एक बच्चे को पकड़ा था।

बाहरी व्यक्ति से बात नहीं करने का नियम

इस गांव में कोई भी किसी बाहरी व्यक्ति से बात नहीं कर सकता। यदि कोई ऐसा करता है तो उसे बाकी गांववालों के कोप का शिकार होना पड़ता है। हमने कई लोगों से बात करने की कोशिश की, लेकिन कोई तैयार नहीं हुआ। आखिर में इस गांव की एक युवती इस शर्त पर राजी हुई कि उसकी पहचान उजागर नहीं होनी चाहिए। वह पढ़ाई कर रही है। उसने बताया कि पूरे गांव के लोग चोरी नहीं करते हैं, लेकिन अधिकतर का पेशा यही है। उसके मामा को भी पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।

गांव के धनी लोग गरीब ग्रामीणों के बच्चों को एक से दो साल के लिए खरीदते हैं। इसके लिए बकायदा बोली लगती है। बच्चों को खरीदने की रकम एक से बीस लाख रुपए के बीच होती है। ये लोग बच्चों को चाेरी की ट्रेनिंग देकर उनसे शादियों में चोरी कराते हैं। जब खरीदने की रकम से पांच-छह गुना कमाई करके वह बच्चा दे देता है तो उसे आजाद कर दिया जाता है। मुंगावली और राजस्थान में रहने वाले सांसी परिवारों से भी बच्चों को यहां ट्रेनिंग के लिए लाते हैं।

6 महीने देते हैं ट्रेनिंग, फिर कराते हैं चोरी

700 घर वाले गुलखेड़ी गांव की आबादी 4 हजार के लगभग है। नई पीढ़ी में गांव के कई युवक पढ़-लिख कर नौकरी भी कर रहे हैं। कुछ एमबीबीएस कर रहे हैं। यहां पुलिस-फॉरेस्ट विभाग सहित कई लोग पटवारी और दूसरे पदों पर कार्यरत हैं। बावजूद इसके अधिकतर परिवार का मुख्य पेशा बच्चों से चोरी कराना और शराब बेचना है।

ट्रेनिंग में बच्चों को ये सिखाते हैं

आप सोच रहे होंगे कि बच्चों को ट्रेनिंग में सिखाते क्या हैं? इस बारे में उस युवती ने बताया कि ये बच्चे कम पढ़े-लिखे और गरीब घर के होते हैं। जहां चोरी करने जाना होता है, वो हाई प्रोफाइल वाली फैमिली होती है। ऐसे में उस शादी में शामिल होने वाले बच्चे को उनके बच्चाें की तरह मैनर्स आना चाहिए। इन बच्चों को अच्छे कपड़े पहनने, ठीक से खाना खाना और बोलचाल का ढंग सिखाया जाता है।

इसके बाद उन्हें बताया जाता है कि कैसे शादी के बीच में दुल्हन या लड़की वालों के जेवर-पैसे वाले बैग चोरी करना है। बैग लेकर कैसे निकलना है? पकड़े जाने पर क्या झूठ बोलना है? जब ये पकड़े जाते हैं तो बोलते हैं कि मम्मी का बैग समझ कर उठा लाया था। अधिकांशत: लोग बच्चा समझकर छोड़ देते हैं। कभी-कभी पकड़े भी जाते हैं तो कोर्ट बच्चों को ज्यादा सजा नहीं देती और ये जल्दी सुधार गृह से छूट जाते हैं। वहां से छूटते ही फिर से वो ही काम शुरू कर देते हैं। इस कारण ये गिरोह बच्चों से चोरी करावाता है।

शादी में चोरी को अंजाम देते हैं ये बच्चे

परिवार से कॉन्ट्रेक्ट करने और रकम देने के बाद गैंग के लोग बच्चे को अपने साथ शादी के सीजन में अलग-अलग राज्याें और शहरों में ले जाते हैं। उनका टारगेट उत्तर भारत के राज्य और शहर होते हैं। इनका फोकस राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब पर होता है। ये लग्जरी कार, ट्रेन और फ्लाइट से सफर करते हैं। शादियों में ये सूट-बूट पहनकर शामिल होते हैं। गिरोह में महिला, पुरुष और बच्चा शामिल होते हैं।

देखने में लगता है कि ये सभी एक ही परिवार के हैं। बड़े सदस्यों का काम शादी समारोह में फैलकर गहने-पैसों की रेकी करना होता है। फिर बच्चे को इशारा करते हैं। इसके बाद बच्चा बैग चोरी कर लेता है। इसके बाद वे बारात से निकल कर ऑटो या दूसरे सार्वजनिक वाहनों से फरार होते हैं। आगे उनके गिरोह के लोग कार लेकर खड़े होते हैं। इसके बाद यह सुरक्षित स्थान पर चले जाते हैं।

दूसरे सरनेम वालों की किराए पर लेते हैं गाड़ी

बच्चों से चोरी कराने वाले गिरोह दूसरे सरनेम वालों से किराए पर गाड़ी लेते हैं। बूंदी सदर थाने के टीआई अरविंद भारद्वाज के मुताबिक सांसी गिरोह के लोग दूसरी जाति के लोगाें की गाड़ी लेकर चलते हैं। मेरे ही केस में आरोपियों ने बारात घर पहुंचने के लिए जिस वाहन का प्रयोग किया था, वो देवहरी बैरागी के नाम पर है। देवहरि भी उमरिया गांव थाना पचौर का रहने वाला है। उसे चोरी के हिस्से में 20 प्रतिशत मिलता था। चैकिंग के दौरान गाड़ी मालिक नाम दूसरा होता है तो पुलिस भी शक नहीं करती। इससे यह बच जाते हैं।

रेखा को पकड़ने के लिए बूंदी पुलिस को बनना पड़ा था सर्वेयर

बूंदी चोरी के प्रकरण में सरगना रेखा सिंह सांसी को दबोचने वहां की पुलिस राजगढ़ के गुलखेड़ी गांव पहुंची। यदि पुलिस सीधे गांव जाती तो रेखा भाग जाती। इसलिए बूंदी पुलिस को फर्जी सर्वेयर बनना पड़ा। सर्वेयर के तौर पर वे गांव में जाकर रेखा के घर गए और पुख्ता किया कि यह वही महिला है जिसकी हमें तलाश है। पहचान पुख्ता होने के बाद स्थानीय बोड़ा थाने की पुलिस की मदद से रेखा को दबोच लिया था।

जरूरत का हर सामान गांव में उपलब्ध

चोरी और अवैध शराब की कमाई से तीनों गांवों की तस्वीर बदल गई है। लग्जरी घर के साथ सभी तरह के इलेक्ट्रिक गैजेट भी उनके पास हैं। कार से लेकर हर घर में दो से तीन दोपहिया वाहन हैं। तीनों गांवों में हर राज्य की शराब मिल जाएगी। तीनों ही गांव के अधिकांश घरों में जरूरत का हर सामान गांव में ही उपलब्ध है। उनकी कोशिश रहती है कि गांव से बाहर न जाना पड़े। इसका कारण है कि गांव से बाहर निकलने पर पकड़े जाने का डर रहता है।

हर महीने औसतन 12 से 15 शहरों की पुलिस पहुंचती है

तीनों गांवों के बाद हम बड़ा (राजगढ़) थाने पहुंचे। यहां हमारी मुलाकात थाना प्रभारी संदीप सिंह मीणा से हुई। हमें बताया कि हर महीने 12 से 15 अलग-अलग राज्यों और शहरों की पुलिस आती है। सभी के आरोपी गुलखेड़ी, हुलखेड़ी और कड़िया गांव से जुड़े होते हैं। सभी मामले शादी में चोरी संबंधी होते हैं। तीनों गांवों की आबादी 8 हजार के लगभग है, यहां 500 से अधिक लोगों पर 10 से 15 अपराध दर्ज हैं। अधिकतर अपराध चोरी के हैं, जो राजगढ़ से बाहर दर्ज हैं। मारपीट और आबकारी एक्ट के प्रकरण भी दर्ज हैं। तीनों गांवों में जागरूकता के साथ कार्रवाई भी होती रहती है। अभी कुछ समय पहले ही गुलखेड़ी गांव के बाहर 26 से अधिक मकान तोड़े गए। यहां शराब बनाकर बेची जा रही थी।

सिक्के का दूसरा पहलू भी दिखा

तीनों गांवों की पड़ताल के बाद ये भी महसूस हुआ कि सांसी परिवारों की जिंदगी का दूसरा पहलू भी है। कड़िया गांव में हमारी मुलाकात पूर्व सरपंच पद्म सिंह भनेरिया और वर्तमान सरपंच मोहर सिंह से हुई। बताया कि तीनों गांवों में 20 के लगभग बच्चे एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। 30 से अधिक लोग पुलिस विभाग में काम करते हैं। 200 से अधिक टीचर हैं। कुछ तो फारेस्ट कर्मी और पटवारी भी हैं। खुद पद्म सिंह भनेरिया 1989 में दर्शन शास्त्र से एमए हैं। बताया कि 1983 में हमारे गांवों में समिति बनाकर इस बदलाव की बुनियाद रखी गई थी। तब हम 8-10 लोग रात में गांव के हर घर में तीन टाइम जांच करते थे। रात 10, फिर एक बजे और फिर तड़के 4 बजे पुरुषों की अटेंडस लेते थे कि वो गांव में है या कहां है। इसका सकारात्मक असर दिखा। कुछ अभी भी चोरी की वारदात में लिप्त हैं, जिनके वजह से सभी बदनाम हैं।

कुछ वारदातें जिन्हें इस गैंग ने अंजाम दिया

दुल्हन की मां पर खुजली पाउडर डालकर बैग उड़ाया

स्थान-राजस्थान का बूंदी। तारीख-8 फरवरी 2023

वारदात– 8 साल के बच्चे ने बूंदी के हरियाली रिसोर्ट में दुल्हन की मां के हाथ पर खुजली का पाउडर डालकर 10 लाख रुपए के गहनों से भरा बैग चुरा लिया था। महिला के चिल्लाने पर लोगों ने बच्चे को दबोच लिया। घटना को अंजाम देने के लिए उसके साथ आए 3 युवक फरार हो गए थे। पूछताछ में बच्चे ने बताया कि इससे पहले उसकी गैंग ने होटल शीशमहल में राजभंवर निवासी उलेड़ा बूंदी की बेटी एकता कंवर के भात कार्यक्रम के दौरान पांच लाख रुपए के गहनों से भरा बैग और 15 हजार नकदी उड़ाया था। वहां वारदात को अंजाम देने के बाद गैंग हरियाली रिसोर्ट पहुंची थी। बच्चे के खुलासे पर बूंदी पुलिस ने एमपी की राजगढ़ पुलिस की मदद से गैंग की सरगना गुलखेड़ी निवासी रेखा सिंह सांसी और ड्राइवर देवहरी बैरागी को गिरफ्तार किया है।

सब बारात को खाना खिला रहे थे और चोर बैग उड़ा रहे थे

स्थान-राजस्थान का जालोर। तारीख-6 फरवरी 2023

वारदात–आहोर में एक मैरिज गार्डन में चल रहे शादी समारोह में बच्चे की मदद से गैंग ने 20 लाख रुपए के गहनों से भरा बैग चोरी कर लिया। वारदात के समय सभी लोग बारात को खाना खिलाने में व्यस्त थे। यह पूरी वारदात CCTV में कैद है। गिरफ्तार रेखा गैंग ने ही इस वारदात को अंजाम दिया था।

बूंदी वाले बच्चे ने ही यहां की चोरी

स्थान-राजस्थान का राजसमंद। तारीख-6 नंवबर 2022

वारदात-कांकरोली इलाके में स्वास्तिक टॉकीज के पास गली नंबर 1 में रहने वाले बिहारी लाल विजयवर्गीय के घर में स्वर्ण सीढी आरोहण कार्यक्रम था। कुमावत वाटिका में चल रहे कार्यक्रम के दौरान दोपहर तीन बजे कमरे से बैग चोरी हो गया। बैग में एक स्मार्ट फोन, 36 ग्राम गोल्ड ज्वेलरी, 19 हजार रुपए थे। सीसीटीवी में बूंदी में पकड़े गए बच्चे ने ही यहां भी वारदात की थी। इस प्रकरण में कांकरोली पुलिस को पूछताछ करनी है।

वरमाला के दौरान उड़ाया जेवर से भरा पर्स

स्थान-राजस्थान का अलवर। तारीख-4 दिसंबर 2022

वारदात-अलवर शहर में बिच्छू की गली निवासी सौरभ सोनी के बहन काजल की शादी बस स्टैंड स्थिति चित्रगुप्त धर्मशाला में थी। वरमाला कार्यक्रम के दौरान स्टेज के पास टेबल पर रखा दुल्हन की मां का पर्स दो बच्चों ने पार कर दिया। डेढ़ लाख रुपए कैश और नाक की नथ, अंगूठी और ईयर रिंग समेत करी डेढ़ लाख के जेवर थे। पर्स में ही कन्यादान के लिफाफे और मोबाइल भी था। वारदात सीसीटीवी में कैद हो गई। इसमें दो बच्चे और एक महिला दिख रही है।

इधर फोटो शूट हो रहा था, उधर जेवर चोरी हो गए

स्थान-राजस्थान का जयपुर। तारीख-13 दिसंबर 2022

वारदात-सांगानेर निवासी श्याम सुन्दर शर्मा के बेटे की शादी समारोह मनभर मैरिज गार्डन में चल रहा था। रात साढ़े 8 बजे फोटो शूट के दौरान श्याम सुन्दर का बैग एक बच्चे ने उड़ा दिया।

बैग में सोने का हार, चार चूड़ियां, मंगलसूत्र, अंगूठी, टीका, चांदी की करधनी और दो जोड़ी पायजेब थी। सीसीटीवी फुटेज में एक बच्चा और एक बड़े साथी के साथ निकलते हुए दिखाई दिया।