‘ये गद्दार है, अंग्रेजों का दल्ला है’ सिंधिया के BJP में जाते ही कांग्रेसियों का फटा कलेजा
Mar 19, 2020, 12:42 IST
ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद हाहाकार मची हुई है। एक तरफ मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरने के मुहाने पर खड़ी है तो वहीं ज्योतिरादित्य के नक्शे कदम पर कई और दिग्गज नेताओं के भी चलने की संभावना बढ़ चुकी है। कांग्रेस में 18 साल तक नेता रहने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया का कांग्रेस छोड़कर जाने से कांग्रेस और उसका पूरा इकोसिस्टम भड़का हुआ है।
कांग्रेस के नेता तो अब उन्हें गद्दार भी कहने से नहीं चूक रहे हैं। जिस कद्दावर नेता को कांग्रेस 18 वर्षों तक महाराज कह कर संबोधित करती रही, उसे ही अब गद्दार कह कर संबोधित करने लगी हैं।
दरअसल, सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफे के बाद लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि जिस पार्टी ने इतना दिया है, वो उससे बेईमानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिंधिया के इस फैसले से पार्टी का बहुत नुकसान हुआ है और लगता है कि मध्य प्रदेश में हमारी सरकार नहीं बच पाएगी। अधीर रंजन ने सिंधिया के इस फैसले को पार्टी के साथ गद्दारी करार दिया।
अधीर ने मीडिया से कहा, ‘पार्टी के खिलाफ जाकर गद्दारी करेंगे तो उन्हें एक्सपेल करना ही पड़ेगा। जो बीजेपी हमें खत्म करना चाहती है, उसे आप मजबूत करेंगे तो पार्टी को ऐक्शन तो लेने ही पड़ेगें।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मुश्किल हालात में पार्टी को छोड़ जाना बेईमानी है। पार्टी का नुकसान तो जरूर होगा। लगता है कि मध्य प्रदेश में हमारी सरकार नहीं बच पाएगी। लेकिन बीजेपी की आज की राजनीति यही है कि विपक्ष जहां भी है, उसे तोड़ दो।’
हालांकि गद्दार कहने का सिलसिला यहीं नहीं थमा। उनके इस्तीफे को लेकर एमपी कांग्रेस के दिग्गज नेता अरुण यादव ने तो यहां तक कह दिया कि सिंधिया के खून में ही दलाली है। अरुण यादव ने ट्वीट कर कहा-
‘’ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपनाए गए चरित्र को लेकर मुझे जरा भी अफसोस नहीं है। सिंधिया खानदान ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी जिस अंग्रेज हुकूमत और उनका साथ देने वाली विचारधारा की पंक्ति में खड़े होकर उनकी मदद की थी , आज ज्योतिरादित्य ने उसी घिनौनी विचारधारा के साथ एक बार फिर खड़े होकर अपने पूर्वजों को सलामी दी है। ‘’
ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपनाए गए चरित्र को लेकर मुझे ज़रा भी अफसोस नहीं है ।सिंधिया खानदान ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी जिस अंग्रेज हुकूमत और उनका साथ देने वाली विचारधारा की पंक्ति में खड़े होकर उनकी मदद की थी,
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अरुण यादव ने यह भी कहा कि आने वाला वक्त अपने स्वार्थों के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं के 15 वर्षों तक किए गए ईमानदारी पूर्ण जमीनी संघर्ष के बाद पाई सत्ता को अपने निजी स्वार्थों के लिए झोंक देने वाले जयचंदों – मीर जाफरों को कड़ा सबक सिखाएगा।
आज ज्योतिरादित्य ने उसी घिनौनी विचारधारा के साथ एक बार पुनः खड़े होकर अपने पूर्वजों को सलामी दी है । @ANI @PTI_News @ians_india @aajtak @ZeeNews @HindiNews18
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ऐसे ही दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस निर्णय के लिए उन्हें संघी घोषित करने की चेष्टा भी की। एक वामपंथी यूजर को जवाब देते वक्त दिग्गी राजा कहते हैं, “ आज कांग्रेस को आवश्यकता है कि वे उन सभी लोगों को मिटा दे , जो गांधीवाद के ऊपर संघी विचारधारा को प्राथमिकता देते हैं। पंडित नेहरू हमेशा ऐसे लोगों से लड़ते रहे। परंतु आरएसएस के अलग-अलग मुखौटों को धारण करने की कला अतुलनीय है ” ।
A big Hug to you Saket. What Congress needs today is to purge all those who are closer to Sangh Ideology than the Gandhi Nehruvian Ideology. Pt Nehru all his life fought these people. But then RSS great strategy and capacity to don different मुखौटा is unmatched!!https:// tatus/1237303419783622656
Let the spring clean start now.
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यही नहीं कांग्रेस के कई समर्थकों ने भी सिंधिया को भला-बुरा कहा।
कमलनाथ के समर्थक सिंधिया ( @JM_Scindia) के इस्तीफे से काफी गुस्से में हैं और उनको लगातार गद्दार कहकर संबोधित कर रहे हैं। देखें...http:// risis
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सिंधिया के इस्तीफे पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘जब भाजपा देश की अर्थव्यवस्था, सामाजिक संरचना और न्यायपालिका को खत्म करने पर तुली हुई है तो ऐसे समय में भाजपा से हाथ मिलाना स्वार्थ की राजनीति को दर्शाता है। सिंधिया ने जनता के भरोसे और विचारधारा को धोखा दिया है और ऐसे लोग सिर्फ सत्ता के भूखे होते हैं। ऐसे लोग जितनी जल्दी पार्टी को छोड़ दें, वो उतनी ही बेहतर बात है।’
Joining hands with BJP in a time of national crisis speaks volumes about a leaders self-indulgent political ambitions. Especially when the BJP ruining the economy, democratic institutions, social fabric and as well the Judiciary.1/2
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राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी इस पर ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘मुझे उन लोगों पर हैरानी हो रही है जिन्हें कांग्रेस से जुड़े गांधी परिवार के सरनेम से आपत्ति होती थी। वही लोग आज सिंधिया के इस्तीफे को पार्टी के लिए बड़ा झटका बता रहे हैं। सच्चाई ये है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जनता के नेता के तौर पर और कुशल प्रशासक के तौर पर बहुत अच्छे नहीं हैं।’
Amazing that those who usually find fault with #Gandhis leading Congress because of their surname are finding a #scindia leaving #INC as big jolt for the party!
Fact is but for his surname even @JM_Scindia has little to show as mass leader, political organiser or administrator.
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कांग्रेस के नेशनल कोआर्डिनेटर डिजिटल कम्यूनिकेशन गौरव पांधी ने लिखा- ‘ गद्दार , गद्दार ही रहेगा और कोई भी तर्क विश्वासघात को सही नहीं ठहरा सकता है। समय! ‘
A traitor is a traitor and no amount of arguments & reasoning can justify treachery. Period!
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वहीं कांग्रेस विधायक और राज्य के बड़े नेताओं में शुमार जीतू पटवारी ने लिखा-
‘ एक इतिहास बना था 1857 में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की मौत से , फिर एक इतिहास बना था 1967 में संविद सरकार से और आज फिर एक इतिहास बन रहा है… – तीनों में यह कहा गया है कि हाँ हम है… ‘
एक इतिहास बना था 1857 में झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की मौत से, फिर एक इतिहास बना था 1967 में संविद सरकार से और आज फिर एक इतिहास बन रहा है..।- तीनों में यह कहा गया है कि हाँ हम है....
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कांग्रेस के नेताओं का इस तरह से किसी भी नेता पर व्यक्तिगत हमले के कारण ही आज यह पार्टी शून्य की ओर बढ़ रही है। नेताओं के किनारा करने के बाद भी गांधी परिवार के चाटुकार सीख नहीं ले रहे हैं और सिंधिया जैसे नेताओं को गद्दार कहकर संबोधित कर रहे हैं।