रीवा में 36 घंटे की बारिश का तांडव! शहर पानी-पानी, 23 लोग बाढ़ से रेस्क्यू, गैस पाइपलाइन फूटी और घरों में घुसा पानी
ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) पिछले 36 घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश ने रीवा में विकराल रूप ले लिया है, जिससे पूरा शहर बाढ़ की चपेट में आ गया है. चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी का मंजर है, जिसने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. 24 घंटे में 200 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई है, जिसने लंबे समय से बारिश का इंतजार कर रहे लोगों की उम्मीदों को चीख-पुकार में बदल दिया है.
खैरा गांव में बाढ़, 23 लोगों का सफल रेस्क्यू
गुरुवार और शुक्रवार की रात हुई जोरदार बारिश के कारण चोरहटा थाना अंतर्गत खैरा गांव पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ गया. कई घर पानी में डूब गए, जिससे लोग अपनी जान बचाने के लिए रात भर छतों पर फंसे रहे. सुबह होते ही SDERF (राज्य आपदा आपातकालीन प्रतिक्रिया बल) की टीम हरकत में आई. श्रीमती मीनाक्षी चौहान, जिला सेनानी के निर्देशानुसार, प्लाटून कमांडर विकास पाण्डेय और उनकी टीम ने तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और फँसे हुए 23 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला. निकाले गए लोगों में रजनीश साकेत, लीलाबाई, मालती, राजेश, गुडिय़ा, साहित, प्रभा, समीक्षा, क्रतेश, खिलाड़ी साकेत, पप्पू प्रसाद, ममता देवी, आदर्श, ज्योति, सत्यप्रकाश, रामसिया, गीता, शिवानी, विक्की साकेत, लकी, छोटेलाल साकेत, और सियावती साकेत जैसे नागरिक शामिल हैं, जिन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
समान स्कूल के पास फूटी गैस पाइपलाइन, मची भगदड़
शहर के समान स्कूल में जलभराव की गंभीर स्थिति बन गई थी, जहां घुटनों तक पानी भर जाने से छात्राओं और शिक्षकों का पहुंचना तक मुश्किल हो गया था. नगर निगम की टीम पानी निकालने के लिए जेसीबी मशीन से नाली बनाने का काम कर रही थी, तभी जमीन के नीचे मौजूद गैस पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो गई. पाइपलाइन फटते ही अचानक आग भड़क उठी और ऊंची-ऊंची लपटें उठने लगीं, जिससे चारों तरफ भगदड़ मच गई. लोगों ने जान बचाने के लिए भागना शुरू कर दिया. सूचना मिलते ही आईओसीएल की टीम मौके पर पहुंची और गैस पाइपलाइन को सुधारने का काम शुरू किया, जिसके बाद स्थिति नियंत्रण में आई और लोगों ने राहत की सांस ली.
प्रमुख मार्गों पर यातायात ठप्प, अवैध प्लाटिंग बनी वजह
बारिश ने शहर के प्रमुख मार्गों को भी जलमग्न कर दिया है. बोदाबाग से करहिया मंडी जाने वाला मार्ग पूरी तरह से जलमग्न हो गया है, जिससे संपर्क टूट गया है. मुक्तिधाम के पास पानी का जमाव बढ़ता गया और मंदिर से लेकर पेट्रोल पंप तक सड़क पर 10 फीट से अधिक पानी भर गया है. इस स्थिति के पीछे अवैध प्लाटिंग को मुख्य कारण माना जा रहा है. मुनाफे के चक्कर में नालों को पाटकर या उन्हें संकरा करके प्लाटिंग की गई है, जिससे पानी निकासी का रास्ता पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है. अब यही पानी वापस शहर की ओर बढ़ रहा है.
पॉश कॉलोनियों में भी हाहाकार, घरों में घुसा पानी
रीवा शहर की सबसे पॉश और वैध कॉलोनियों में से एक नेहरू नगर (वार्ड क्रमांक 13) भी एक बार फिर डूब गया है. अरबों रुपये नाला और नाली निर्माण पर खर्च किए जाने के बावजूद, बारिश में यहां के हालात हर साल बिगड़ते हैं. शुक्रवार रात 2 बजे के बाद स्थिति और बदतर हो गई, जब बारिश का पानी लोगों के घरों में घुस गया, जिससे उनकी नींद उड़ गई और उन्हें अपने सामान बचाने के लिए रात भर जूझना पड़ा. नगर निगम राहत पहुंचाने में पूरी तरह विफल रहा.
इसी तरह, बीच शहर में शिल्पी प्लाजा के सामने बसी विकास कॉलोनी में भी रात भर हाहाकार मचा रहा. सरकारी आवासों में पानी घुस गया, जिससे लोगों का लाखों का सामान खराब हो गया.
मेडिकल कॉलेज और बांधों की स्थिति
श्याम शाह मेडिकल कॉलेज का करोड़ों रुपए का नया अकादमिक भवन भी अव्यवस्था का शिकार हो गया है. इसकी पार्किंग बेसमेंट में पानी भर गया और पानी निकासी के लिए लगाया गया पंप भी काम नहीं आया. गनीमत रही कि उस समय वहां वाहन पार्क नहीं थे.
लगातार बारिश के कारण नदियों का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है. बकिया बराज के 10 और बीहर बराज के 3 गेट खोल दिए गए हैं. पानी की लगातार आवक के कारण और गेट खोलने की संभावना है. वहीं, बाण सागर बांध भी भरने की कगार पर पहुंच गया है, जिसका जलस्तर 339.30 मीटर तक पहुंच गया है.
प्रशासन और नगर निगम की टीमें जलभराव जैसी समस्याओं से निपटने और राहत व बचाव कार्य में जुटी हुई हैं, लेकिन सवाल यह है कि आपदा आने पर ही क्यों कार्यवाही की जाती है, जो काम पहले कर लेना था, वह अब किया जा रहा है.