एक्शन में रीवा कलेक्टर : 22 अधिकारियों को थमाया नोटिस, विभाग में मचा हड़कंप

 

REWA NEWS : रीवा कलेक्टर मनोज पुष्प ने 22 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। बताया गया कि मध्यप्रदेश के भाजपा सरकार की महत्वाकांक्षी योजना सीएम हेल्पलाइन की निगरानी भोपाल मुख्यालय से की जाती है। फिर भी रीवा जिले के जिम्मेदार प्रकरणों में लगातार लापरवाही बरत रहे है। ऐसे में कलेक्टर द्वारा साप्ताहिक समीक्षा की जाती है।

कलेक्टर ने समीक्षा बैठक में पाया कि प्रकरणों के निराकरण में कई विभाग के अधिकारी रूचि नहीं ले रहे है। दिसम्बर माह के लंबित प्रकरणों में 20 प्रतिशत से कम निराकरण करने वाले 22 अधिकारियों का डाटा तैयार कर कारण बताओ नोटिस दिया है। नोटिस का तीन दिवस में संतोषजनक उत्तर प्राप्त न होने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।

इनको मिला नोटिस
कलेक्टर ने एसडीओ लोक निर्माण विभाग शैलेन्द्र दुबे 0 प्रतिशत, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी वंदना जैन 4 प्रतिशत, बीएमओ डॉ. आरके पाठक 6 प्रतिशत, कनिष्ठ अभियंता एसके गुप्ता 7 प्रतिशत, बीएमओ डॉ. नागेन्द्र मिश्रा 7 प्रतिशत, सहायक यंत्री ननि पीएन शुक्ला 8 प्रतिशत, प्रभारी सहायक संचालक पिछड़ावर्ग योगेन्द्रराज को 8 प्रतिशत पर नोटिस दिया है।

तहसीलदार चन्द्रमणि सोनी मिले लापरवाह
इसी तरह बीएमओ डॉ. अखिलेश सिंह 9 प्रतिशत, तहसीलदार चन्द्रमणि सोनी 10 प्रतिशत, सहायक यंत्री पीएचई अरूण तिवारी 10 प्रतिशत, बीएमओ डॉ. एसडी कोल 13 प्रतिशत, जिला संयोजक ट्राइबल डीएस परिहार 13 प्रतिशत, सीएमओ जयंत वर्मा 14 प्रतिशत और तहसीलदार आरपी त्रिपाठी को 16 प्रतिशत निराकरण करने पर नोटिस दिया है।

शाहपुर थाना प्रभारी को नोटिस
कलेक्टर ने जारी नोटिस में कनिष्ठ अभियंता रामलखन मिश्रा 16 प्रतिशत, सीएमओ महेश पटेल 16 प्रतिशत, बीएमओ डॉ. आदित्य सिंह 17 प्रतिशत, तहसीलदार सुधाकर सिंह 18 प्रतिशत, शाहपुर थाना प्रभारी उपनिरीक्षक पुलिस बालकेश सिंह 19 प्रतिशत और कनिष्ठ अभियंता ऊर्जा विभाग पुष्पेन्द्र कुशवाहा को 19 प्रतिशत निराकरण करने पर नोटिस दिया है।

एपीएसयू के कुल सचिव भी नपे
कलेक्टर ने सहायक कुल सचिव अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय बाबूलाल साकेत 19 प्रतिशत और बीएमओ डॉ. प्रशांत शुक्ला 19 प्रतिशत प्रकरणों का निराकरण करने पर नोटिस दिया है। कलेक्टर ने कहा है कि सभी अधिकारी दिसम्बर माह के प्रकरण संतुष्टि पूर्वक निराकृत करके प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। अन्यता विभाग वार संबंधित के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।