कोरेक्स सिटी रीवा को नशा-मुक्त करने का बड़ा कदम! विंध्य में पहली बार 5000 से ज़्यादा नशीली सिरप खाक, ऑपरेशन क्लीन का नया चैप्टर! 

 

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) नशे के खिलाफ 'ऑपरेशन क्लीन' चला रही रीवा पुलिस ने विंध्य क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल की है. पहली बार, बड़ी मात्रा में जब्त की गई नशीली कोरेक्स सिरप को वैज्ञानिक तरीके से नष्ट किया गया है. यह कदम रीवा में तेज़ी से फैल रही नशे की समस्या, खासकर युवाओं में कोरेक्स के बढ़ते सेवन, पर लगाम लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है.

5157 शीशियां भस्म: नशे के खिलाफ बड़ी कार्रवाई
पुलिस के अनुसार, रीवा जिले के सात थानों में एनडीपीएस एक्ट के तहत साल 2019 और 2020 में जब्त की गई कुल 5157 नशीली कोरेक्स सिरप की शीशियों को शुक्रवार को सतना जिले की प्रिज्म सीमेंट फैक्ट्री में उच्च अधिकारियों की मौजूदगी में नष्ट किया गया.

इस महत्वपूर्ण विनष्टीकरण प्रक्रिया के दौरान डीआईजी राजेश सिंह चंदेल, ड्रग विनष्टीकरण समिति के सदस्य, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड सतना के सदस्य, रीवा एसपी विवेक सिंह, सतना एसपी आशुतोष गुप्ता, एसडीओपी उदित मिश्रा और संबंधित थानों के प्रभारी मौजूद रहे.

रीवा: कोरेक्स के नशे का गढ़, 40% युवा चपेट में!
यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब रीवा को "कोरेक्स सिटी" के रूप में पहचान मिलने लगी है. एक रिसर्च के मुताबिक, रीवा में करीब 40% युवा नशे की चपेट में हैं, जिनमें कोरेक्स का नशा प्रमुख है. सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी की रिसर्च और कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा का रीवा को 'कोरेक्स सिटी' कहना, इस समस्या की भयावहता को दर्शाता है.

उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला और सांसद जनार्दन मिश्रा जैसे बड़े नेता भी सार्वजनिक मंचों से रीवा में युवाओं के बीच बढ़ते नशे को लेकर चिंता जता चुके हैं. सांसद जनार्दन मिश्रा ने तो अटल पार्क के लोकार्पण पर लोगों से पार्क में बैठकर कोरेक्स न पीने की अपील तक की थी, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है.

पहली बार नष्टीकरण: अब नहीं जमेगा थानों में स्टॉक!
पहले, जब्त की गई कोरेक्स सिरप थानों में लंबे समय तक जमा होती रहती थी, क्योंकि इसके नष्टीकरण की कोई निर्धारित प्रक्रिया नहीं थी. इससे थानों में 5−6 साल पुरानी जब्तियों का स्टॉक इकट्ठा होता जाता था, जिससे जगह की भी कमी होती थी.

डीआईजी राजेश सिंह चंदेल ने पुलिस मुख्यालय भोपाल और नारकोटिक्स विभाग से चर्चा कर सीमेंट फैक्ट्री में इसे नष्ट करने की अनुमति प्राप्त की. यह तय किया गया कि नशीली सिरप को पर्यावरण मानकों का पालन करते हुए सीमेंट प्लांट में जलाकर नष्ट किया जाएगा.

एसडीओपी उदित मिश्रा ने बताया कि यह अब 'एक बार की' प्रक्रिया नहीं रहेगी, बल्कि एक सतत अभियान के तौर पर चलेगी. जैसे शराब और गांजा का विनष्टीकरण नियमित होता है, उसी तरह अब नशीली कफ सिरप का भी वैज्ञानिक विधि से नियमित तौर पर नष्टीकरण किया जाएगा. यह कदम निश्चित रूप से रीवा पुलिस की नशे के खिलाफ जंग में एक निर्णायक मोड़ साबित होगा.