रीवा में '2001 नियम' का सरेआम उल्लंघन! शिक्षक शोभनाथ यादव पर तीसरा बच्चा होने के बावजूद सरकारी नौकरी जारी रखने का आरोप, अब गिरेगी गाज? शिक्षा विभाग पर भी उठ रहे सवाल!

 
रीवा में शिक्षक की 'तीसरी संतान' ने खोली पोल! शोभनाथ यादव पर गंभीर आरोप, 2001 के बाद तीसरा बच्चा होने पर भी 'गलत तरीके' से जारी रखी सरकारी नौकरी, अब 'बेजा लाभ' वसूली की मांग! DEO-BEO की भी भूमिका सवालों के घेरे में!

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा जिले में एक शासकीय शिक्षक पर नियमों का उल्लंघन कर नौकरी में बने रहने और शासकीय लाभ प्राप्त करने का गंभीर आरोप लगा है। जवा तहसील के ग्राम बम्बधर निवासी शोभनाथ यादव, जो वर्तमान में प्राथमिक विद्यालय बबन्धर क्रमांक 2 (डाइस कोड 23140920202) में शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं, पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2001 के बाद तीसरी संतान होने के बावजूद इस जानकारी को शासन से छिपाकर नौकरी जारी रखी। इस मामले ने शिक्षा विभाग में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है, और संबंधित अधिकारियों (DEO-BEO) की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।

क्या है पूरा मामला?
शिकायत के अनुसार, आरोपी शोभनाथ यादव के प्रथम पुत्र दुर्गेश यादव का जन्म 16/05/1997 को हुआ था। उनके द्वितीय पुत्र भावेश यादव का जन्म सन् 2000 में हुआ। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उनकी तीसरी संतान (पुत्री) का जन्म 01/10/2005 को हुआ है।

मध्य प्रदेश शासन के नियमों के अनुसार, वर्ष 2001 के बाद तीसरी संतान का जन्म होने पर शासकीय सेवा के लिए व्यक्ति अयोग्य हो जाता है। आरोप है कि शोभनाथ यादव ने इस आवश्यक शर्त का सीधा उल्लंघन किया है और बिना कोई सूचना दिए प्राथमिक विद्यालय बबन्धर क्रमांक 2 में शिक्षक के पद पर पदस्थ होकर शासकीय सेवा का गलत लाभ प्राप्त कर रहे हैं।

शिक्षा विभाग के अधिकारियों की भूमिका पर सवाल:
यह सवाल उठना लाजिमी है कि एक शासकीय शिक्षक द्वारा इतने गंभीर नियम का उल्लंघन कैसे किया गया और यह मामला इतने वर्षों तक शिक्षा विभाग के संज्ञान में क्यों नहीं आया। क्या संबंधित बीईओ (ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर) और डीईओ (जिला शिक्षा अधिकारी) ने कभी शिक्षकों के व्यक्तिगत रिकॉर्ड की ठीक से जांच नहीं की, या फिर इस मामले को जानबूझकर नजरअंदाज किया गया? यह शिकायत सीधे तौर पर शिक्षा विभाग में निगरानी और पारदर्शिता की कमी को उजागर करती है।

शिकायत और अपेक्षित कार्रवाई:
शोभनाथ यादव पिता काशी यादव निवासी ग्राम बबन्धर, जनपद पंचायत जवा, तहसील जवा, जिला रीवा (म०प्र०) के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही करते हुए शासन से प्राप्त 'बेजा लाभ' की वसूली किए जाने की मांग की गई है। शिकायत में यह भी कहा गया है कि आरोपी वर्तमान में संकुल सितलहा, जिला रीवा में पदस्थ हैं।

इस गंभीर आरोप के सामने आने के बाद, अब देखना यह होगा कि शिक्षा विभाग और प्रशासन इस मामले में कितनी तेजी और निष्पक्षता से जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करते हैं। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो शोभनाथ यादव पर सेवा समाप्ति के साथ-साथ वेतन वसूली जैसी कठोर कार्रवाई भी हो सकती है। साथ ही, उन अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है जिनकी लापरवाही या मिलीभगत से यह कथित धोखाधड़ी संभव हुई।