"विंध्य के किसानों के लिए अमित शाह का 'मास्टर प्लान': 5 हजार किसानों ने छोड़ा जहर, अब रीवा बनेगा प्राकृतिक खेती का हब!"

 
गृह मंत्री अमित शाह ने रीवा के बसामन मामा गोधाम से दिया प्राकृतिक खेती का मंत्र। अटल जी को याद कर विंध्य के किसानों को दिखाई नई राह।

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) भारत के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बुधवार को एक दिवसीय प्रवास पर विंध्य की हृदयस्थली रीवा पहुंचे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य बसामन मामा गोधाम में संचालित गौ-संरक्षण और प्राकृतिक खेती के अनूठे प्रयोगों का अवलोकन करना था। उनके साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल भी मौजूद रहे।

अटल जी की विरासत और बघेली प्रेम का स्मरण
अमित शाह का यह दौरा पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर हुआ। अपने संबोधन की शुरुआत में शाह ने अटल जी को याद करते हुए कहा, "अटल जी के मन में रीवा के लिए विशेष स्थान था। वे यहां की 'बघेली' बोली और संस्कृति के मुरीद थे। आज उनकी जयंती पर विंध्य में होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।" उन्होंने उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके आग्रह और संकल्प के कारण ही वह इस गोधाम के दिव्य दर्शन कर पाए।

बसामन मामा गोधाम: सिर्फ गौशाला नहीं, एक आधुनिक अर्थव्यवस्था
रीवा जिले के सिरमौर क्षेत्र में स्थित बसामन मामा गौ-अभ्यारण्य आज पूरे देश के लिए मिसाल बन चुका है। 52 एकड़ के विशाल परिसर में फैले इस धाम में:

  • 9,000 से अधिक गायें: यहां बेसहारा और बीमार गौवंश का संरक्षण किया जा रहा है।
  • अर्थव्यवस्था का केंद्र: कलेक्टर प्रतिभा पाल के अनुसार, यहाँ गोबर से केवल खाद ही नहीं, बल्कि गोबर पेंट, फिनाइल, और लकड़ी के विकल्प के रूप में गो-काष्ठ का उत्पादन हो रहा है।
  • रोजगार सृजन: 100 से अधिक स्थानीय लोग इस प्रकल्प से जुड़कर आजीविका कमा रहे हैं।

अमित शाह का मंत्र: 'एक गाय और 21 एकड़ की खेती'
गृह मंत्री ने किसानों से रासायनिक खाद (Chemical Fertilizer) छोड़ने की पुरजोर अपील की। उन्होंने एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण साझा करते हुए बताया कि:

  • स्वास्थ्य पर असर: केमिकल खेती के कारण कैंसर, बीपी और शुगर जैसी बीमारियां घर-घर पहुँच रही हैं।
  • प्राकृतिक समाधान: एक देशी गाय के गोबर और गोमूत्र से 21 एकड़ तक की जमीन पर बिना खाद खरीदे बेहतरीन फसल उगाई जा सकती है।
  • स्वयं का अनुभव: अमित शाह ने गर्व से बताया कि उन्होंने खुद अपने निजी खेतों में प्राकृतिक खेती अपनाई है और इसके परिणाम अद्भुत हैं।

विंध्य का गौरव: एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट और गोधाम
शाह ने कहा कि रीवा अब केवल अपनी ऐतिहासिक पहचान के लिए नहीं, बल्कि भविष्य की ऊर्जा और कृषि के लिए जाना जाता है। एक तरफ एशिया का सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट रीवा की शान है, तो दूसरी तरफ बसामन मामा गोधाम प्राकृतिक खेती का 'ग्रोथ इंजन' बन रहा है। उन्होंने विंध्य के किसानों को दलहन, चावल, चना और सरसों की प्राकृतिक खेती के प्रकल्प को बड़े पैमाने पर अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

पीपल के वृक्ष का महत्व और 'पांच पेड़' का संकल्प
अमित शाह ने बसामन मामा के बलिदान को याद करते हुए भावुक संदेश दिया। उन्होंने बताया कि कैसे बसामन मामा ने एक पीपल के पेड़ की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। उन्होंने आह्वान किया:

  • "धरती हमारी मां है, इसे जहर (केमिकल) देकर कंक्रीट मत बनाइए। पर्यावरण की रक्षा के लिए हर नागरिक कम से कम 5 पीपल के पेड़ लगाने और प्राकृतिक खेती को अपनी जीवनशैली बनाने का संकल्प ले।"

किसानों का बदला नजरिया: 50 गांवों की नई क्रांति
अभ्यारण्य के प्रभाव से आसपास के 50 गांवों के लगभग 5,000 किसान पूरी तरह से रासायनिक मुक्त खेती की ओर बढ़ चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को जमीन पर उतारते हुए ये किसान अब 'एक एकड़–एक मौसम' के सिद्धांत पर काम कर रहे हैं, जिससे न केवल मिट्टी की उर्वरता बढ़ रही है, बल्कि आम जनता को पौष्टिक आहार भी मिल रहा है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. अमित शाह ने रीवा की यात्रा कब की? अमित शाह 25 दिसंबर 2025 को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर रीवा पहुंचे थे।
Q2. बसामन मामा गोधाम में कुल कितनी गायें हैं? वर्तमान में यहाँ 9,000 से अधिक बेसहारा और बीमार गायों का संरक्षण किया जा रहा है।
Q3. प्राकृतिक खेती का '21 एकड़ वाला मॉडल' क्या है? अमित शाह के अनुसार, एक देशी गाय से प्राप्त होने वाले गोबर और गोमूत्र का उपयोग करके किसान 21 एकड़ भूमि पर बिना किसी रासायनिक उर्वरक के सफल खेती कर सकता है।
Q4. बसामन मामा कौन थे? बसामन मामा विंध्य क्षेत्र के एक पूजनीय लोक देवता हैं, जिन्होंने एक पीपल के वृक्ष को कटने से बचाने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था।
Q5. गोधाम में गोबर से क्या-क्या बनाया जा रहा है? वहाँ गोबर और गोमूत्र से जैविक खाद, प्राकृतिक पेंट, फिनाइल (गोनाइल) और गो-काष्ठ (ईंधन के लिए लकड़ी) जैसे उत्पाद बनाए जा रहे हैं।