रीवा में सड़क न होने से मौत: बीमार महिला ने एंबुलेंस न पहुंचने पर तोड़ा दम, प्रशासन पर उठे सवाल!
रीवा जिले के बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के गुहिया गांव में मंगलवार को एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहाँ सड़क न होने के कारण एक बीमार महिला की जान चली गई। इस घटना ने ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सुविधाओं की कमी और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मृतक महिला, सीता सिंह, तेज बुखार से पीड़ित थीं। परिजनों ने तुरंत 108 एंबुलेंस को कॉल किया, लेकिन गांव तक पक्की सड़क न होने की वजह से एंबुलेंस गांव से करीब डेढ़ किलोमीटर पहले ही रुक गई। महिला की हालत इतनी गंभीर थी कि उसे बाइक से अस्पताल ले जाना भी संभव नहीं हो पाया। नतीजतन, समय पर इलाज न मिल पाने के कारण सीता सिंह ने बिना उपचार के ही दम तोड़ दिया।
गुहिया गांव की स्थिति बेहद चिंताजनक है। परिजनों ने बताया कि गांव में करीब 25 घर हैं, लेकिन आज तक यहां कोई पक्की सड़क नहीं बनी है। बारिश के मौसम में तो स्थिति और भी बदतर हो जाती है, जब कीचड़ और दलदल के कारण लोग अपने घरों में ही कैद होने को मजबूर हो जाते हैं। मृतक महिला के परिजन सुनील सिंह ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि एक ओर प्रदेश सरकार गांव-गांव तक सड़क पहुंचाने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर उनके गांव के लोग इलाज जैसी बुनियादी जरूरत के लिए भी तरस रहे हैं।
इस घटना के बाद ग्रामीणों में भारी गुस्सा है और उन्होंने प्रशासन से जल्द से जल्द गांव में सड़क निर्माण की मांग की है। रीवा की कलेक्टर प्रतिभा पाल ने मामले का संज्ञान लिया है और जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह जांच की जाएगी कि गांव में सड़क क्यों नहीं बनी और एंबुलेंस गांव तक क्यों नहीं पहुंच पाई। कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना ग्रामीण भारत में बुनियादी ढांचे, विशेष रूप से सड़क कनेक्टिविटी, की कमी के भयावह परिणामों को दर्शाती है। ऐसी घटनाएं हमें याद दिलाती हैं कि बेहतर सड़क संपर्क न केवल सुविधा के लिए, बल्कि जीवन बचाने के लिए भी कितना आवश्यक है।