सत्ता के आदेश को ठेंगा: रीवा में बेखौफ चल रहा था अवैध अहाता, नगर निगम ने की बड़ी कार्रवाई

 

शराबबंदी के बावजूद खुलेआम चल रहा था गैरकानूनी अहाता, पुलिस-आबकारी विभाग की अनदेखी पर उठे सवाल; नगर निगम ने संभाली कमान, भूखंड निरस्तीकरण की चेतावनी।

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पूरे प्रदेश में शराब के अहातों (शराब पीने की जगह) पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद, रीवा शहर के ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र में एक अवैध अहाता खुलेआम संचालित हो रहा था। इस गैरकानूनी गतिविधि पर आखिरकार नगर निगम ने बड़ी कार्रवाई की है, जिससे आबकारी और पुलिस विभाग की चौंकाने वाली लापरवाही खुलकर सामने आ गई है।

किसकी जिम्मेदारी थी कार्रवाई की? (Who should have acted?)
इस प्रकार की अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने की प्राथमिक जिम्मेदारी सीधे तौर पर आबकारी विभाग और पुलिस विभाग की होती है। आबकारी विभाग शराब के ठेकों और अहातों के लाइसेंस जारी करने, उनकी निगरानी करने और नियमों का उल्लंघन होने पर कार्रवाई करने के लिए अधिकृत है। वहीं, पुलिस विभाग का काम कानून-व्यवस्था बनाए रखना और अवैध गतिविधियों को रोकना है।

इस मामले में, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में अहाता संचालन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया था । इसके बावजूद, रीवा में यह गैरकानूनी अहाता बेरोकटोक चल रहा था, और आबकारी व पुलिस विभाग मूकदर्शक बने हुए थे । उनकी इस 
उदासीनता ने अवैध गतिविधियों को पनपने का मौका दिया और सरकारी नीति का खुलेआम उल्लंघन होता रहा।

किसने की कार्रवाई? (Who actually acted?)
जब आबकारी और पुलिस विभाग ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई, तो नगर निगम ने इस मामले में दखल दिया। नगर निगम के आयुक्त के निर्देश पर उपायुक्त सिद्दीकी के नेतृत्व में टीम ने ट्रांसपोर्ट नगर में संचालित इस गैरकानूनी अहाते पर कार्रवाई की । नगर निगम की टीम ने मौके पर पहुंचकर अहाते को सील कर ताला जड़ दिया ।

नगर निगम के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह अवैध अहाता 
बिना किसी अनुमति के संचालित हो रहा था । जिस जमीन पर यह अहाता चल रहा था, वह लीज पर दी गई थी, लेकिन अहाता संचालन के लिए 
नगर निगम से कोई अनुमति नहीं ली गई थी । नगर निगम ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि अहाता संचालक वैध दस्तावेज और अनुमति प्रस्तुत नहीं करते हैं, तो 
भूखंड निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी । भूखंड संचालक अजय तबेर के नाम से था, लेकिन उन्होंने कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए और किरायानामा की वैधता भी जांची जा रही है ।

मुख्य अंतर्दृष्टि और निष्कर्ष (Key Insights and Conclusion)

यह घटना कई गंभीर अंतर्दृष्टियों को उजागर करती है:

  • प्रशासनिक जवाबदेही की कमी: आबकारी और पुलिस विभाग की स्पष्ट निष्क्रियता ने प्रशासनिक जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। यह दर्शाता है कि संबंधित विभागों के बीच समन्वय और कानून प्रवर्तन में कमी है ।
  • नगर निगम की सक्रिय भूमिका: इस मामले में नगर निगम की सक्रियता एक सकारात्मक पहलू है। इसने दिखाया कि स्थानीय निकाय भी कानून-व्यवस्था बनाए रखने और अवैध गतिविधियों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, खासकर तब जब अन्य विभाग अपनी जिम्मेदारी से पीछे हट रहे हों ।
  • नीति क्रियान्वयन में बाधाएं: प्रदेश स्तर पर अहाता प्रतिबंध की नीति होने के बावजूद, स्थानीय स्तर पर इसका खुलेआम उल्लंघन हो रहा था। यह नीति के प्रभावी क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियों को दर्शाता है और इसमें सुधार की आवश्यकता पर बल देता है ।
  • अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने की आवश्यकता: यह मामला स्पष्ट करता है कि बिना अनुमति के चल रहे ऐसे कारोबार कानूनी प्रक्रियाओं की अनदेखी कर धड़ल्ले से जारी थे। नगर निगम की कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि अब ऐसी गतिविधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे ।
  • नियमित निगरानी की अनिवार्यता: ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकारी संपत्तियों और लीज पर दी गई जमीनों की नियमित और कड़ी निगरानी की आवश्यकता है, ताकि समय रहते अवैध गतिविधियों का पता चल सके और उन पर अंकुश लगाया जा सके।

यह घटना रीवा में कानून के शासन और प्रशासनिक प्रभावशीलता पर एक बड़ी बहस छेड़ती है, और संबंधित विभागों को अपनी भूमिका और जिम्मेदारियों के प्रति अधिक सक्रिय होने की आवश्यकता है।

 केवल संरचना और मुख्य बिंदु 

H1: रीवा में अवैध अहाते पर नगर निगम का 'सर्जिकल स्ट्राइक': आबकारी और पुलिस विभाग की 'उदासीनता' पर गंभीर सवाल (Rewa: Municipal Corporation's 'Surgical Strike' on Illegal Ahata - Serious Questions on Excise & Police 'Indifference')

H2: शराबबंदी के बावजूद खुलेआम उल्लंघन: क्या रीवा में नियमों की अनदेखी हो रही थी? (Open Violation Despite Liquor Ban: Were Rules Overlooked in Rewa?)

  • बिंदु: मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पूरे प्रदेश में शराब के अहातों पर पूर्ण प्रतिबंध।

  • बिंदु: रीवा शहर के ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र में एक अवैध अहाते का खुलेआम संचालन।

  • विश्लेषण: यह दिखाता है कि राज्य-स्तरीय नीति का स्थानीय स्तर पर उल्लंघन हो रहा था।

H2: किसकी जिम्मेदारी थी कार्रवाई की? पुलिस और आबकारी विभाग की 'मूकदर्शक' भूमिका (Whose Responsibility Was Action? Police & Excise Dept's 'Silent Spectator' Role)

  • बिंदु: अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने की प्राथमिक जिम्मेदारी आबकारी विभाग और पुलिस विभाग की होती है।

  • बिंदु: आबकारी विभाग शराब लाइसेंस और निगरानी के लिए अधिकृत है, पुलिस कानून-व्यवस्था के लिए।

  • बिंदु: पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रतिबंध के बावजूद, रीवा में ये विभाग निष्क्रिय रहे।

  • विश्लेषण: उनकी उदासीनता ने अवैध गतिविधियों को पनपने का मौका दिया और सरकारी नीति का उल्लंघन होता रहा, जिससे प्रशासनिक जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठे।

H2: किसने की कार्रवाई? नगर निगम ने संभाली कमान, अवैध अहाते को सील कर ताला जड़ा (Who Actually Acted? Municipal Corporation Took Charge, Sealed and Locked Illegal Ahata)

  • बिंदु: जब आबकारी और पुलिस विभाग ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई, तो नगर निगम ने दखल दिया।

  • बिंदु: नगर निगम के आयुक्त के निर्देश पर उपायुक्त सिद्दीकी के नेतृत्व में टीम ने कार्रवाई की।

  • बिंदु: अहाता बिना किसी अनुमति के संचालित हो रहा था; जमीन लीज पर थी, लेकिन नगर निगम से अहाता चलाने की अनुमति नहीं ली गई थी।

  • बिंदु: नगर निगम ने चेतावनी दी है कि वैध दस्तावेज न प्रस्तुत करने पर भूखंड निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।

  • बिंदु: भूखंड संचालक अजय तबेर के नाम से था, लेकिन उन्होंने कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए और किरायानामा की वैधता जांची जा रही है।

  • विश्लेषण: नगर निगम की सक्रियता एक सकारात्मक पहलू है, जो दिखाता है कि स्थानीय निकाय भी कानून-व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

H2: मुख्य अंतर्दृष्टि और निष्कर्ष: प्रशासनिक जवाबदेही और नीति क्रियान्वयन में बाधाएं (Key Insights and Conclusion: Administrative Accountability & Hurdles in Policy Implementation)

  • बिंदु: आबकारी और पुलिस विभाग की स्पष्ट निष्क्रियता ने प्रशासनिक जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े किए।

  • बिंदु: संबंधित विभागों के बीच समन्वय और कानून प्रवर्तन में कमी दिखाई देती है।

  • बिंदु: प्रदेश स्तर पर अहाता प्रतिबंध की नीति होने के बावजूद, स्थानीय स्तर पर इसका उल्लंघन हो रहा था, जो नीति क्रियान्वयन में चुनौतियों को दर्शाता है।

  • बिंदु: बिना अनुमति के चल रहे कारोबार कानूनी प्रक्रियाओं की अनदेखी कर धड़ल्ले से जारी थे।

  • बिंदु: सरकारी संपत्तियों और लीज पर दी गई जमीनों की नियमित और कड़ी निगरानी की अनिवार्यता उजागर हुई।

  • विश्लेषण: यह घटना रीवा में कानून के शासन और प्रशासनिक प्रभावशीलता पर एक बड़ी बहस छेड़ती है, और संबंधित विभागों को अपनी भूमिका और जिम्मेदारियों के प्रति अधिक सक्रिय होने की आवश्यकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1: रीवा में किस जगह पर अवैध अहाते पर कार्रवाई की गई? A1: रीवा शहर के ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र में एक गैरकानूनी अहाते पर कार्रवाई की गई।

Q2: इस अहाते पर कार्रवाई करने की मुख्य जिम्मेदारी किसकी थी? A2: इस प्रकार के अवैध अहातों पर कार्रवाई करने की मुख्य जिम्मेदारी सीधे तौर पर आबकारी विभाग और पुलिस विभाग की होती है।

Q3: किस विभाग ने इस अवैध अहाते को सील किया? A3: नगर निगम की टीम ने आयुक्त के निर्देश पर इस अवैध अहाते को सील कर ताला लगा दिया।

Q4: क्या अहाता संचालन के लिए कोई कानूनी अनुमति ली गई थी? A4: नहीं, अहाता संचालन के लिए नगर निगम से कोई अनुमति नहीं ली गई थी, और यह अवैध रूप से चल रहा था।

Q5: यदि संचालक अनुमति प्रस्तुत नहीं करते हैं तो क्या कार्रवाई की जाएगी? A5: नगर निगम ने चेतावनी दी है कि यदि संचालक वैध अनुमति प्रस्तुत नहीं करते हैं, तो भूखंड निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।

Q6: मध्य प्रदेश सरकार ने अहाता संचालन पर कब प्रतिबंध लगाया था? A6: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में अहाता संचालन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया था।