रीवा शिक्षा विभाग में भूचाल! कलेक्टर के एक आदेश ने उड़ाए सबके होश: डीपीसी विनय मिश्रा बने प्रभारी DEO, वरिष्ठ अधिकारी सन्न!

 

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो)  रीवा के शिक्षा विभाग में इन दिनों ऐसा उथल-पुथल मचा है, जिसे जानकर हर कोई भौचक्का रह गया है। कलेक्टर कार्यालय, जिला रीवा द्वारा दिनांक 26/06/2025 को जारी आदेश (क्रमांक -01/शिक्षा/2025/ 509) के अनुसार, जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) की कुर्सी पर किसे बिठाया जाएगा, इस पर पिछले दो दिनों से चल रहे अटकलों और कयासों के बीच, कलेक्टर ने एक ऐसा फैसला सुनाया है जिसने शिक्षा जगत के सारे समीकरण उलट दिए हैं और वरिष्ठ अधिकारियों को गहरे सदमे में डाल दिया है।

कमिश्नर रीवा संभाग रीवा के आदेश क्र. /116/ तीन / स्था. / 1/2025 / रीवा दिनांक 23 जून 2025 द्वारा श्री सुदामा लाल गुप्ता, जिला शिक्षा अधिकारी, रीवा को "अनुपमा नियुक्ति के प्रकरणों में लापरवाही एवं अनियमितता बरतने के कारण निलंबित" किए जाने के बाद यह पद रिक्त हुआ था। स्थानीय स्तर पर प्रभारी DEO चुनने की जिम्मेदारी कलेक्टर को सौंपी गई थी। हर कोई सोच रहा था कि किसी वरिष्ठ और अनुभवी अधिकारी को यह जिम्मेदारी मिलेगी, और कई अधिकारी इस पद के लिए जोर-जुगाड़ में लगे थे। लेकिन, कलेक्टर ने सबको चौंकाते हुए विनय कुमार मिश्रा, जिला परियोजना समन्वयक, जिला शिक्षा केंद्र रीवा को तत्काल प्रभाव से प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी, जिला रीवा का दायित्व सौंप दिया है।

"इस आदेश ने सभी को चौंका दिया है और कुल मिलाकर शिक्षा जगत के ही अच्छे दिन लद गए हैं," विभाग के भीतर से आ रही प्रतिक्रियाएं बताती हैं।

निलंबित DEO सुदामा लाल गुप्ता के बाद खाली हुई इस महत्वपूर्ण कुर्सी पर स्थानीय स्तर पर प्रभार किसे मिलेगा, यह तय करने की जिम्मेदारी कमिश्नर ने कलेक्टर को सौंपी थी। हर कोई सोच रहा था कि किसी वरिष्ठ और अनुभवी अधिकारी को यह जिम्मेदारी मिलेगी, और कई अधिकारी इस पद के लिए जोर-जुगाड़ में लगे थे। लेकिन, कलेक्टर ने सबको चौंकाते हुए विनय कुमार मिश्रा को प्रभारी डीईओ नियुक्त कर दिया है।

जूनियर ने मारी बाजी: डीपीसी सीधे बने DEO, अब वरिष्ठ करेंगे उनके अंडर काम!
विनय कुमार मिश्रा की यह नियुक्ति इसलिए भी चौंकाने वाली है क्योंकि वे कई वरिष्ठ अधिकारियों और प्राचार्यों को दरकिनार करते हुए इस पद पर पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि विनय मिश्रा पहले सीधी में बीआरसीसी (ब्लॉक रिसोर्स सेंटर कोऑर्डिनेटर) थे, जिसके बाद उन्हें सीधे डीपीसी (जिला परियोजना समन्वयक) बनाया गया। और अब, इस ताबड़तोड़ पदोन्नति की कड़ी में उन्हें सीधे डीईओ की कुर्सी मिल गई है।

इस आदेश का सीधा मतलब यह है कि अब कई उप संचालक और वरिष्ठ प्राचार्य स्तर के अधिकारी विनय मिश्रा के अधीन काम करेंगे, जो उनके लिए गले नहीं उतर रहा है। पहले भी सुदामा लाल गुप्ता को, जो सबसे जूनियर थे, डीईओ बनाया गया था। अब कलेक्टर ने भी उसी नक्शे कदम पर चलते हुए एक बार फिर जूनियर को ही प्रभार सौंपकर नियमानुसार चलने की सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।

"शिक्षा विभाग का भगवान ही मालिक": एडीएम को जेडी और डीपीसी को डीईओ!
रीवा के शिक्षा विभाग में चल रही इन नियुक्तियों को लेकर तीखी आलोचना हो रही है। लोग कह रहे हैं कि "रीवा में शिक्षा विभाग का भगवान ही मालिक है।" सवाल उठ रहे हैं कि शासन-प्रशासन और राजनेता आखिर इस महत्वपूर्ण विभाग को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं।

अटकलें लगाई जा रही हैं कि यह सब "लूटखसोट" का नतीजा है, जिसके कारण अब प्रशासनिक अधिकारियों को शिक्षा विभाग की कमान संभालनी पड़ रही है। कमिश्नर ने पहले ही संयुक्त संचालक (जेडी) का प्रभार एक एडीएम (अपर जिला मजिस्ट्रेट) को दे दिया था, और अब डीपीसी को डीईओ बना दिया गया है, जबकि उनसे भी वरिष्ठ अधिकारी और अनुभवी प्राचार्य रीवा में मौजूद थे।

यह स्थिति न केवल शिक्षा विभाग में अनुशासनहीनता का माहौल पैदा कर रही है, बल्कि योग्य और वरिष्ठ अधिकारियों के मनोबल पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रही है। फिलहाल, सभी की निगाहें अब भोपाल से आने वाले नियमित डीईओ के आदेश पर टिकी हुई हैं, उम्मीद है कि यह आदेश शिक्षा विभाग में स्थिरता और नियमों की वापसी लाएगा।