"रीवा में अनशनकारी की तबियत बिगड़ी, मौत से लड़ रहे मीटर रीडर; क्या जागेगा विभाग?"

 

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा में विद्युत विभाग द्वारा ब्लैक लिस्टेड किए गए आउटसोर्स मीटर रीडर पिछले एक साल से अपनी बहाली की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। अपनी नौकरी वापस पाने की मांग को लेकर वे तीसरी बार आमरण अनशन पर बैठे हैं। रविवार को एक अनशनकारी प्रमोद चतुर्वेदी की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें बिछिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भारी बारिश के बावजूद मीटर रीडरों का अनशन कमिश्नर कार्यालय के बाहर जारी है।

क्या है पूरा मामला?
विद्युत विभाग ने अपनी आउटसोर्स कंपनी के तहत काम करने वाले लगभग 50 से अधिक मीटर रीडरों को "फोटो मीटर रीडिंग में लापरवाही" बरतने का आरोप लगाते हुए ब्लैक लिस्टेड कर दिया था और उन्हें नौकरी से निकाल दिया था। ये सभी मीटर रीडर तब से ही विभाग पर गलत तरीके से कार्रवाई करने और उन्हें बाहर करने का आरोप लगा रहे हैं।

लगातार अनशन और खोखले आश्वासन:
यह तीसरा मौका है जब ये मीटर रीडर अपनी मांगों को लेकर अनशन पर बैठे हैं।

पहला अनशन: इससे पहले, उन्होंने मुख्य अभियंता कार्यालय के बाहर अनशन किया था। तब मुख्य अभियंता ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर जांच का आदेश दिया था और दोबारा नौकरी पर रखने का आश्वासन दिया था, जिसके बाद अनशन समाप्त हो गया था।
दूसरा अनशन: कई महीनों तक कोई आदेश न आने पर, जून में उन्होंने कमिश्नर कार्यालय के बाहर आमरण अनशन शुरू कर दिया। तब मुख्य अभियंता ने अधीक्षण अभियंता (एसई) और शहर संभाग के कार्यपालन अभियंता को उन्हें मनाने भेजा था। साथ ही एक पत्र भी भेजा था कि सभी को विजिलेंस विभाग में रखा जाएगा। इस आश्वासन के बाद भी कुछ नहीं हुआ।

तीसरा अनशन (वर्तमान): इन खोखले आश्वासनों से निराश होकर, मीटर रीडरों ने फिर से 17 जून से कमिश्नर कार्यालय के बाहर आमरण अनशन शुरू कर दिया है।
अनशनकारी की तबियत बिगड़ी: भारी बारिश और प्रतिकूल मौसम के बावजूद अनशन जारी है। रविवार को अनशन पर बैठे प्रमोद चतुर्वेदी की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्हें तुरंत एम्बुलेंस की मदद से बिछिया अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उनका इलाज चल रहा है।

इस बार आर-पार की लड़ाई:
इस बार अनशन पर बैठे मीटर रीडरों ने दृढ़ निश्चय कर लिया है कि वे केवल आश्वासन पर अनशन समाप्त नहीं करेंगे। उनका कहना है कि जब तक उनकी बहाली का लिखित आदेश नहीं मिल जाता, तब तक उनका अनशन जारी रहेगा।

विंध्य आउटसोर्स कर्मचारी संगठन का समर्थन:
मीटर रीडरों के इस संघर्ष को विंध्य आउटसोर्स कर्मचारी संगठन ने भी अपना समर्थन दिया है। संगठन के प्रदेश सचिव सतीश चौबे ने चेतावनी दी है कि यदि विभाग ने अनशन पर बैठे मीटर रीडरों के साथ न्याय नहीं किया, तो विंध्य आउटसोर्स के सभी कर्मचारी उनके समर्थन में आंदोलन में उतर आएंगे। इस मामले ने विद्युत विभाग और आउटसोर्स कर्मचारियों के बीच बढ़ते तनाव को उजागर किया है।