विंध्य में चिकित्सा क्रांति: रीवा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल ने रचा इतिहास, दो महिलाओं के दिल के छेद बिना सर्जरी किए बंद

 
रीवा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल (SSH) की बड़ी छलांग: अब विंध्य में विश्वस्तरीय हृदय उपचार संभव

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) विंध्य क्षेत्र के चिकित्सा इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। रीवा स्थित सुपरस्पेशलिटी अस्पताल ने साबित कर दिया है कि अब गंभीर हृदय रोगों के इलाज के लिए दिल्ली या मुंबई जैसे महानगरों की दौड़ लगाने की आवश्यकता नहीं है। कार्डियोलॉजी विभाग की टीम ने एक ही दिन में दो अत्यंत जटिल 'एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट' (ASD) यानी दिल के छेद को बिना किसी बड़े ऑपरेशन के सफलतापूर्वक बंद कर दिया है।

मैहर और सतना की महिलाओं को मिला नया जीवन
इस गौरवपूर्ण उपलब्धि की सबसे खास बात यह है कि इसका लाभ क्षेत्र की दो महिलाओं को मिला।

  • पहली मरीज: मैहर की रहने वाली 48 वर्षीय महिला।
  • दूसरी मरीज: सतना की रहने वाली 45 वर्षीय महिला। ये दोनों लंबे समय से सांस फूलने और शारीरिक कमजोरी से परेशान थीं। जांच में पता चला कि इनके दिल में जन्मजात छेद (ASD) था, जिसका इलाज केवल सर्जरी ही था। लेकिन डॉक्टरों ने आधुनिक तकनीक का सहारा लेकर इसे सुगम बना दिया।

बिना चीर-फाड़ के 'डिवाईस क्लोजर' तकनीक का चमत्कार
परंपरागत रूप से, दिल के छेद को बंद करने के लिए 'ओपन हार्ट सर्जरी' करनी पड़ती थी, जिसमें छाती पर बड़ा चीरा लगाया जाता था और रिकवरी में महीनों लग जाते थे।

कैथेटराइजेशन तकनीक की विशेषताएं:

  • कोई टांका नहीं: इसमें शरीर पर कोई बड़ा कट या टांका नहीं लगाया जाता।
  • मात्र एक छोटी डिवाइस: पैर की नस के जरिए एक विशेष डिवाइस (बटन जैसा) दिल तक पहुंचाया जाता है और छेद को प्लग कर दिया जाता है।
  • जल्द डिस्चार्ज: मरीज को 24 से 48 घंटों के भीतर अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है।
  • शून्य निशान: शरीर पर कोई ऑपरेशन का निशान नहीं रहता।

इन योद्धाओं ने हासिल की सफलता: डॉ. एस.के. त्रिपाठी और टीम का कमाल
इस ऐतिहासिक प्रक्रिया को कार्डियोलॉजी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एस.के. त्रिपाठी एवं डॉ. सुरेंद्र तिवारी की अनुभवी जोड़ी ने अंजाम दिया। डॉक्टरों की सूझबूझ और तकनीकी कौशल के कारण ही यह जटिल प्रक्रिया सफल हो सकी।

टीम के अन्य प्रमुख सदस्य:

कैथलैब टेक्नीशियन: जय नारायण मिश्रा, सुधांशु, मनीष, सत्यम, सुमन, विजय एवं सोनाली।
नर्सिंग स्टाफ: सतेंद्र।

विभागाध्यक्ष डॉ. वी.डी. त्रिपाठी के मार्गदर्शन में पूरी टीम ने समन्वय के साथ काम किया, जिससे विंध्य क्षेत्र में पहली बार एक साथ दो डिवाइस क्लोजर संभव हो सके।

ASD (दिल में छेद) के लक्षणों को न करें नजरअंदाज
अक्सर लोग दिल के छेद के लक्षणों को सामान्य कमजोरी समझकर छोड़ देते हैं। डॉ. त्रिपाठी के अनुसार, यदि आपको निम्नलिखित समस्याएं हैं, तो तुरंत 2D इको टेस्ट कराना चाहिए:

  • सीढ़ियां चढ़ते समय या चलते समय सांस फूलना।
  • बार-बार फेफड़ों में संक्रमण (Infection) होना।
  • बहुत जल्दी थकान महसूस होना।
  • दिल की धड़कन असामान्य होना।

उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने दी बधाई: क्षेत्र के लिए बड़ी सौगात
इस बड़ी कामयाबी पर मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि "रीवा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल अब विंध्य के लिए वरदान साबित हो रहा है। गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को अब अपने घर के पास ही उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं मिल रही हैं।" अस्पताल के डीन डॉ. सुनील अग्रवाल और सुपरिंटेंडेंट डॉ. अक्षय श्रीवास्तव ने भी इस सफलता को टीम वर्क का परिणाम बताया है।

निष्कर्ष: स्वास्थ्य के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होता विंध्य
रीवा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल की यह उपलब्धि केवल एक मेडिकल प्रोसीजर नहीं है, बल्कि उन हजारों परिवारों के लिए उम्मीद की किरण है जो आर्थिक तंगी या जानकारी के अभाव में इलाज नहीं करा पाते थे। आयुष्मान योजना और आधुनिक तकनीक के संगम ने रीवा को मेडिकल हब बना दिया है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. दिल का छेद (ASD) क्या होता है? यह एक जन्मजात बीमारी है जिसमें दिल के ऊपरी दो कक्षों (Atria) के बीच की दीवार में छेद रह जाता है, जिससे शुद्ध और अशुद्ध रक्त आपस में मिल जाता है।
2. डिवाइस क्लोजर प्रक्रिया में कितना समय लगता है? आमतौर पर इस प्रक्रिया में 1 से 2 घंटे का समय लगता है और मरीज अगले दिन से चलने-फिरने लगता है।
3. क्या यह इलाज रीवा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में नियमित उपलब्ध है? हाँ, कार्डियोलॉजी विभाग में डॉ. एस.के. त्रिपाठी और उनकी टीम द्वारा यह आधुनिक उपचार अब नियमित रूप से किया जा रहा है।
4. क्या इस इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड का लाभ मिलता है? जी हाँ, पात्र मरीज शासन की योजनाओं और आयुष्मान भारत कार्ड के तहत इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
5. बिना सर्जरी छेद बंद करने के क्या फायदे हैं? इसमें दर्द कम होता है, अस्पताल में कम रुकना पड़ता है, और ओपन हार्ट सर्जरी के जोखिमों से बचा जा सकता है।