Rewa News : कोरोना काल में बंद हुआ मिहिर सेन तरणताल अब संकट में, नगर निगम ने नहीं की कोई पहल

 

REWA NEWS : कोरोना के दौरान बंद हुआ विंध्य का इकलौता मिहिर सेन तरणताल आज तक नहीं शुरू हो पाया है। अब तो इसके अस्तित्व पर संकट है। दरअसल, कोविड के दौरान तरणताल को बंद कर दिया गया था। सभी खेल गतिविधियां रोक दी गई थीं। अब सब कुछ सामान्य होने के बाद भी तरणताल को नहीं खोला गया है। इसकी हालत अत्यंत दयनीय हो चुकी है। जल्द ही इसकी मरम्मत कराकर शुरू नहीं किया गया तो यह इतिहास बन जाएगा।

विगत दो वर्षों से कोरोना का दंश झेल रहा मिहिर सेन तरणताल विंध्य की धरोहरों में शामिल है। यह नगर निगम द्वारा संचालित किया जाता रहा है। यहां तैराकी की गतिविधियां होती थीं। दो साल से बंद होने से यह जर्जर हालत में पहुंच गया है। ऐसे में तैयारी से जुड़े खिलाड़ियों ने इसे जल्द शुरू कराने की मांग की है। सीनियर तैराकों ने इसे पुन: शुरू करने के लिए नगर निगम को ज्ञापन दिया और पत्र भी लिखा है, लेकिन इसके बाद भी अधिकारी तरणताल को शुरू करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

2022 में दो माह के लिए हुआ था शुरू: तरणताल 2022 में दो महीने के लिए शुरू किया गया था। इसके बाद बंद हुआ तो आज तक ताला नहीं खुला। समय रहते इसका सौंदर्यीकरण नहीं किया गया तो अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। राष्ट्रीय तैराक आशुतोष बताते हैं कि इसमें बच्चे तैराकी का गुर सीखा करते थे। प्रतिवर्ष प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाता था, लेकिन अब इसके लिए कोई आगे नहीं आ रहा है।

यह विंध्य का ही नहीं बल्कि प्रदेश का इकालौता तरणताल है, जहां प्रतिवर्ष तैराकी प्रशिक्षण की गतिविधियां संचालित होती थीं। कोविड के समय से ही बंद पड़ा है। अब जब सबकुछ सामान्य हो चुका है तो तरणताल शुरू होना चाहिए जिससे बच्चे प्रशिक्षण ले सकें।

अंतरराष्ट्रीय स्तर का पूल

रीवा के मिहिर सेन तरणताल की डिजाइन उच्च मापदंडों को ध्यान रखकर की गई थी। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर का डायविंग पूल है। यहां से कई राष्ट्रीय तैराक निकले तथा विंध्य का नाम रोशन किया। राष्ट्रीय तैराक रावेन्द्र सोनी, नेशनल गेम्स में गोल्ड मेडलिस्ट श्रद्धा द्विवेदी, आशुतोष तिवारी, आष्कृत तिवारी, विकास पाण्डेय ने यहीं से तैराकी सीखी है।

घास-फूस और गंदगी से पटा

कभी साफ-सुथरा और सुंदर दिखने वाला यह ऐतिहासिक तरणताल जगह-जगह टूट गया है। सफाई नहीं होने से घास-फूस और गंदगी से पटा हुआ है। परिसर में भी कचरा फैला हुआ है। प्रसाधन के दरवाजे, टाइल्स व फर्श टूटे हैं और अंदर गंदगी पसरी है। मौके पर बताया गया कि अर्से से इसकी साफ-सफाई भी नहीं कराई गई है। जबकि रख-रखाव की जिम्मेदारी नगर निगम की ही है।

मछलियां और मेढक

तरणताल की साफ-सफाई कराकर खेल गतिविधियां तो शुरू नहीं हुई बल्कि बारिश के कारण यहां पानी भर गया है और इस गंदे पानी में मछलियां और मेढक अठखेलियां कर रहे हैं। बताया गया कि तरणताल बहुत समय तक खाली पड़ा रहा लेकिन वर्तमान में बारिश का गंदा पानी हुाआ है।