1 किलो का थायराइड, 30% हार्ट पंपिंग: मौत भी हार गई! रीवा के मिनर्वा मेडिसिटी ने असंभव को बनाया संभव
1 किलो थायराइड, कमजोर दिल और 30% हार्ट पंपिंग के बावजूद मिनर्वा द मेडिसिटी में 11 घंटे की सफल सर्जरी, वह भी आयुष्मान कार्ड से पूरी तरह निःशुल्क।
ऋतुराज द्विवेदी, रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा के मिनर्वा द मेडिसिटी हॉस्पिटल ने एक और मिसाल कायम करते हुए एक असंभव-सी लगने वाली सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। यह कहानी है 16 वर्षीय साहिल खान की, जो जन्म से ही थायरॉयड की एक दुर्लभ और गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। उनके गले में लगभग 1 किलो की एक विशाल थायराइड ग्रंथि विकसित हो गई थी, जिसके कारण उनका जीवन दूभर हो गया था। सांस लेने में तकलीफ और सामान्य गतिविधियों में असमर्थता ने उन्हें और उनके परिवार को गहरे संकट में डाल दिया था। कई बड़े अस्पतालों ने उनके कमजोर दिल और मात्र 30% हार्ट पंपिंग के कारण ऑपरेशन करने से इनकार कर दिया था, जिससे परिवार की सारी उम्मीदें टूट चुकी थीं।
जटिलता के बावजूद डॉक्टरों ने दिखाया साहस
जब साहिल को मिनर्वा द मेडिसिटी लाया गया, तो डॉक्टरों की टीम ने उनकी गंभीर स्थिति का मूल्यांकन किया। यह साफ था कि उनकी जान बचाने का एकमात्र तरीका सर्जरी ही था, जो बेहद जोखिम भरा था। इस चुनौती को स्वीकार करते हुए, रीवा के जाने-माने प्लास्टिक सर्जन डॉ. सिद्धार्थ सिंह और एनेस्थीसिया विभाग के प्रमुख डॉ. अभिषेक मिंज ने मिनर्वा की क्रिटिकल टीम के साथ मिलकर इस 11 घंटे लंबी सर्जरी को करने का फैसला किया। मरीज का दिल बहुत कमजोर था और उसकी पंपिंग क्षमता मात्र 30% थी, जो किसी भी सर्जिकल टीम के लिए एक बड़ी चुनौती थी। जरा सी भी चूक जीवन पर भारी पड़ सकती थी। लेकिन डॉक्टरों की विशेषज्ञता और साहस ने इस जोखिम भरे ऑपरेशन को सफल बना दिया।
आयुष्मान कार्ड ने बनाया मुफ्त इलाज संभव
इस सफल सर्जरी के पीछे सबसे खास बात यह रही कि साहिल का पूरा इलाज भारत सरकार की आयुष्मान कार्ड योजना के अंतर्गत हुआ। इस योजना ने सुनिश्चित किया कि साहिल के परिवार को एक भी पैसा खर्च न करना पड़े। मिनर्वा द मेडिसिटी हॉस्पिटल ने इस कठिन सर्जरी को पूरी तरह मुफ्त में किया, जो उनकी सामाजिक प्रतिबद्धता और मानव सेवा के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि इस सफलता का श्रेय डॉ. शिरीष मिश्रा और डॉ. धर्मेश पटेल के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन को जाता है। उनकी रणनीति और दूरदर्शिता ने ही टीम को इस तरह की जटिल परिस्थितियों से निपटने में मदद की।
आज, साहिल तेजी से ठीक हो रहे हैं और एक सामान्य जीवन की ओर लौट रहे हैं। उनके परिजनों ने भावुक होकर कहा, "रीवा में इस तरह की जटिल सर्जरी संभव नहीं थी। लेकिन मिनर्वा द मेडिसिटी और यहां की टीम ने यह असंभव काम कर दिखाया। और सबसे बड़ी बात यह है कि हमें इलाज पर कोई खर्च नहीं करना पड़ा, इसका पूरा श्रेय आयुष्मान कार्ड को जाता है।"
विंध्य क्षेत्र के लिए एक नई उम्मीद
यह उपलब्धि साबित करती है कि अब विंध्य क्षेत्र के मरीजों को गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए मेट्रो शहरों में जाने की जरूरत नहीं है। मिनर्वा द मेडिसिटी जैसी सुविधाओं और अनुभवी डॉक्टरों की टीम के साथ, रीवा अब उच्च-स्तरीय चिकित्सा सेवाओं का केंद्र बन रहा है। यहां आयुष्मान कार्ड योजना के अंतर्गत निःशुल्क कार्डियक और प्लास्टिक सर्जरी जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए एक वरदान साबित हो रही हैं।