मुकुंदपुर में 'भारत सरकार' लिखी गाड़ियों से ठगी का प्रयास: 4 नकली अधिकारी गिरफ्तार, रीवा का युवक भी शामिल!
मैहर के ताला थाना क्षेत्र में फर्जीवाड़ा उजागर, पुलिस ने दो लग्जरी गाड़ियां जब्त कीं
ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) मध्य प्रदेश के मैहर जिले के ताला थाना अंतर्गत मुकुंदपुर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ कुछ युवक 'भारत सरकार' का अधिकारी बनकर लोगों को ठगने की फिराक में थे। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक युवक रीवा जिले का भी निवासी है। यह घटना दर्शाती है कि शॉर्टकट में पैसे कमाने के लालच में लोग किस हद तक आपराधिक कदम उठा रहे हैं।
नकली अधिकारी बनकर कैसे ठगी करते हैं और मुकुंदपुर में क्या हुआ?
यह घटना 17 जुलाई, 2025 की दोपहर की है। फरियादी बितिनेश शुक्ला (34 वर्ष), निवासी मुकुंदपुर, ने 18 जुलाई को ताला थाना में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के अनुसार, 17 जुलाई को मोहम्मद इमरान (निवासी मुकुंदपुर) और उसके साथ 5-6 अन्य लोग एक सफेद अर्टिगा कार (नंबर MP 04 EC 1744) में घूम रहे थे। इस कार पर लाल रंग की पट्टी में 'भारत सरकार' लिखा हुआ था और बीच में अशोक चक्र भी बना हुआ था। इस गाड़ी के पीछे एक और अर्टिगा कार (क्रमांक MP 17 ZM 9325) चल रही थी, जिसमें कुछ अन्य लोग बैठे थे, जिनकी उम्र 23 से 24 साल के बीच थी।
ये सभी खुद को सरकारी अधिकारी बता रहे थे और कह रहे थे कि उन्हें शासन की तरफ से भेजा गया है। फरियादी को यह मामला संदिग्ध लगा, क्योंकि मोहम्मद इमरान कोई सरकारी कर्मचारी नहीं था, फिर भी वह इन लोगों के साथ घूम रहा था। यह एक स्पष्ट संकेत था कि कुछ गड़बड़ है। संदिग्ध गतिविधियों को देखते हुए, फरियादी ने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दे दी।
पुलिस ने नकली अफसरों को कैसे पकड़ा और क्या कार्रवाई की?
शिकायत मिलते ही मुकुंदपुर चौकी प्रभारी, उप निरीक्षक नागेश्वर प्रसाद मिश्रा ने तत्काल इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी। पुलिस ने शिकायत पर धारा 319/2 और 204 भारतीय न्याय संहिता के तहत अपराध दर्ज किया। इसके बाद मुकुंदपुर कस्बे में वाहनों की चेकिंग शुरू की गई।
पुलिस की सक्रियता और त्वरित कार्रवाई के कारण, चार आरोपियों को पकड़ लिया गया। इन युवकों ने शासकीय अधिकारी बनकर लोगों से धोखाधड़ी करने का प्रयास किया था, और साथ ही अशोक स्तंभ जैसे राष्ट्रीय प्रतीक का प्रयोग छलकपट के लिए किया था, जो एक गंभीर अपराध है। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनकी दोनों लग्जरी अर्टिगा कारों को भी जब्त कर लिया है। यह पुलिस की सराहनीय कार्रवाई है जिसने एक बड़े धोखाधड़ी के प्रयास को विफल कर दिया।
धोखाधड़ी के आरोप में कौन-कौन गिरफ्तार हुआ?
पुलिस ने इस मामले में जिन चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनके नाम और पते इस प्रकार हैं:
- मोहम्मद इमरान खान (पिता मोहम्मद इसहाक मदनी, उम्र 35 वर्ष) - निवासी मुकुंदपुर, मैहर।
- मोहम्मद फईम अंसारी (पिता असीम, उम्र 23 वर्ष) - निवासी राजीव गांधी नगर, भजनपुरा, उत्तर पूर्व दिल्ली।
- मोहम्मद असलम (पिता मोहम्मद साबिर, उम्र 25 वर्ष) - निवासी राजीव गांधी नगर, दिल्ली।
- शुभम तिवारी (पिता सच्चितानंद तिवारी, उम्र 24 वर्ष) - निवासी सोनवर्ष, थाना गढ़, जिला रीवा।
इनमें से दो आरोपी दिल्ली के हैं, एक स्थानीय मुकुंदपुर का है, और एक आरोपी रीवा जिले का है। यह दर्शाता है कि यह एक संगठित गिरोह हो सकता है जो विभिन्न स्थानों से संचालित हो रहा था। पुलिस ने इनके पास से दो अर्टिगा कारें भी जब्त की हैं, जिन पर 'भारत सरकार' लिखा हुआ था।
कानूनी प्रावधान और आरोप: क्या है इन अपराधों की गंभीरता?
अशोक चक्र का दुरुपयोग क्या होता है और धोखाधड़ी के आरोप में क्या सजा होती है?
इन आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता के तहत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
धारा 319/2 (छलकपट/धोखाधड़ी): यह धारा धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति के वितरण को प्रेरित करने से संबंधित है। इसमें दोषी पाए जाने पर कैद और जुर्माने का प्रावधान होता है।
धारा 204 (किसी लोक सेवक के तौर पर प्रतिरूपण): यह धारा किसी लोक सेवक (सरकारी अधिकारी) के रूप में खुद को गलत तरीके से प्रस्तुत करने से संबंधित है। इसमें भी कारावास और जुर्माने का प्रावधान है।
अशोक स्तंभ और 'भारत सरकार' का दुरुपयोग: राष्ट्रीय प्रतीकों या सरकारी पहचान का धोखाधड़ी के उद्देश्य से उपयोग करना एक गंभीर अपराध है। यह राष्ट्रीय सम्मान के अपमान का भी मामला बन सकता है, जिसके तहत कठोर दंड का प्रावधान है।
यह मामला दर्शाता है कि ऐसे अपराधी लोगों को भ्रमित करने और ठगने के लिए सरकारी प्रतीकों और पहचान का बेधड़क दुरुपयोग करते हैं। जनता को ऐसे संदिग्ध व्यक्तियों से सावधान रहना चाहिए और किसी भी संदेह की स्थिति में तत्काल पुलिस को सूचित करना चाहिए। पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों और उनके संभावित पिछले अपराधों की भी जाँच कर रही होगी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1: यह घटना किस जिले और थाना क्षेत्र में हुई थी?
A1: यह घटना मैहर जिले के ताला थाना अंतर्गत मुकुंदपुर में हुई थी।
Q2: पकड़े गए आरोपी खुद को क्या बता रहे थे?
A2: पकड़े गए आरोपी खुद को 'भारत सरकार' का अधिकारी बता रहे थे।
Q3: कुल कितने आरोपी गिरफ्तार किए गए और वे कहाँ-कहाँ के निवासी हैं?
A3: कुल चार आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। इनमें दो दिल्ली के, एक मुकुंदपुर (मैहर) का और एक रीवा जिले का निवासी है।
Q4: पुलिस ने आरोपियों से कौन-सी गाड़ियां जब्त की हैं?
A4: पुलिस ने दो अर्टिगा कारें जब्त की हैं, जिन पर 'भारत सरकार' लिखा हुआ था।
Q5: आरोपियों पर किन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है?
A5: आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 319/2 और 204 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है, साथ ही अशोक स्तंभ के दुरुपयोग का भी आरोप है।