SGM विवाद के बाद अब अटल पार्क! रीवा कलेक्टर और IG निवास के गेट तक आ गई अश्लीलता! अटल पार्क में 'नंगा नाच', क्या अधिकारी मानते हैं कि ये उनकी 'जिम्मेदारी' नहीं है?

 

ऋतुराज द्विवेदी, रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) विंध्य क्षेत्र के हृदय कहे जाने वाले रीवा शहर में सार्वजनिक मर्यादा और प्रशासन का ख़ौफ़ तेजी से कम होता जा रहा है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण शहर के प्रमुख और खूबसूरत अटल पार्क में देखने को मिल रहा है, जो अब परिवार के घूमने या बुजुर्गों के टहलने की जगह कम, और खुलेआम अश्लीलता का केंद्र ('लवर पॉइंट') अधिक बन गया है। पार्क के भीतर युवक-युवतियां, विशेषकर कॉलेज और कोचिंग संस्थानों से आने वाले छात्र-छात्राएं, अश्लीलता की सारी हदें पार कर रहे हैं, जिससे आम जनता और परिवारों का वहाँ जाना दूभर हो गया है।

सार्वजनिक शर्मिंदगी: 'पार्क में जाने में अब शर्म आती है'
रीवा के अटल पार्क में दिन के उजाले में भी युवक-युवतियां बेखौफ होकर आपत्तिजनक स्थिति में बैठे दिखाई देते हैं। ताजा तस्वीरें (संदर्भित छवि) भी यही दिखाती हैं कि कैसे ये जोड़े, मोटरसाइकिल पर या झाड़ियों की ओट में बैठकर, सार्वजनिक शिष्टाचार को ताक पर रख रहे हैं।

पार्क में सुबह-शाम टहलने आने वाले स्थानीय निवासी बताते हैं कि स्थिति इतनी बदतर हो गई है कि अब वे अपने परिवारों, बच्चों या बुजुर्गों को लेकर पार्क में नहीं आ सकते। एक स्थानीय नागरिक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "पहले हम परिवार के साथ सुकून से बैठते थे, लेकिन अब चारों तरफ जो दृश्य दिखता है, उसे देखकर सर शर्म से झुक जाता है। पार्क में जाना अब एक शर्मिंदगी का अनुभव बन गया है।" कोचिंग और कॉलेज छूटने के समय यह भीड़ और बढ़ जाती है, जब वे सरेआम प्रशासन को चुनौती देते हैं।

कलेक्टर निवास और IG हाउस की नाक के नीचे चुनौती
इस पूरे मामले का सबसे चौंकाने वाला और गंभीर पहलू यह है कि यह अटल पार्क शहर के सबसे सुरक्षित और प्रशासनिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में स्थित है। पार्क के चारों तरफ सरकारी आवास हैं, जिनमें कलेक्टर निवास (Collector's Residence) और आईजी निवास (IG Residence) जैसे सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारियों के आवास भी शामिल हैं।

यह स्थिति सीधे तौर पर दर्शाती है कि इन युवाओं के मन में प्रशासन का ज़रा भी ख़ौफ़ नहीं बचा है। वे खुलेआम कानून और सामाजिक मर्यादा की धज्जियां उड़ा रहे हैं। जब जिला और पुलिस प्रशासन के मुखियाओं के आवासों के पास ही इस तरह की अव्यवस्था और अश्लीलता फैल रही है, तो यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या प्रशासन ने जानबूझकर आँखों पर पट्टी बांध रखी है? या यह सिर्फ पुलिस और पार्क प्रबंधन की घोर लापरवाही का नतीजा है? खुलेआम प्रशासन को चुनौती देने का यह तरीका रीवा की कानून व्यवस्था पर सीधा प्रहार है।

प्रशासन की खामोशी क्यों? क्या कानूनन कार्रवाई संभव नहीं?
सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह की अश्लील हरकतें करना भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत अपराध की श्रेणी में आता है। IPC की धारा 294 के तहत सार्वजनिक स्थान पर अश्लील कार्य या गाने गाना दंडनीय अपराध है, जिसमें जेल और जुर्माने का प्रावधान है।

इसके बावजूद, पुलिस की गश्त न होना और पार्क प्रबंधन की निष्क्रियता यह संकेत देती है कि या तो अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है (जो कलेक्टर निवास के पास असंभव है) या वे कार्रवाई करने से बच रहे हैं। कई बार पुलिसकर्मी ऐसे मामलों में युवाओं को चेतावनी देकर छोड़ देते हैं, जिससे उन्हें लगता है कि वे कानून की गिरफ्त से बच सकते हैं।

यदि प्रशासन तत्काल प्रभाव से पार्क में सख्त गश्त शुरू नहीं करता और अश्लीलता फैलाने वाले जोड़ों पर जुर्माना और वैधानिक कार्रवाई नहीं करता, तो यह 'लवर पॉइंट' की प्रवृत्ति पूरे शहर के अन्य पार्कों और सार्वजनिक स्थानों पर फैल सकती है। रीवा की जनता अब खोखली माफ़ी नहीं, बल्कि ठोस और कड़ा एक्शन चाहती है।

निष्कर्ष:
रीवा के अटल पार्क में पनपती यह अश्लीलता केवल कुछ युवाओं की व्यक्तिगत समस्या नहीं है, बल्कि यह रीवा की सार्वजनिक मर्यादा और प्रशासनिक इच्छाशक्ति का प्रतीक बन चुकी है। सरकारी आवासों के इतने करीब होने के बावजूद यदि कानून का डर समाप्त हो गया है, तो यह एक खतरनाक संकेत है। प्रशासन को तुरंत संज्ञान लेते हुए, न सिर्फ पुलिस गश्त बढ़ानी चाहिए, बल्कि सामाजिक और कानूनी मोर्चे पर भी इस समस्या से सख्ती से निपटना चाहिए, ताकि परिवार एक बार फिर गर्व से अटल पार्क में जा सकें।