Rewa News : बीएलओ को ब्रेन हेमरेज: SIR ड्यूटी के भारी दबाव में बिगड़ी हालत, नोडल अधिकारी पर कार्रवाई की मांग
ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा जिले में प्रशासनिक कार्य के दबाव की एक गंभीर घटना सामने आई है। सोमवार को एसआईआर (Special Summary Revision) प्रक्रिया के दौरान पुष्पराज नगर में पदस्थ सहायक शिक्षक विजय पांडेय को, जो बीएलओ (Booth Level Officer) के तौर पर ड्यूटी कर रहे थे, ब्रेन हेमरेज हो गया। गंभीर हालत में उन्हें तुरंत रीवा ले जाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल विजय पांडेय की हालत स्थिर बताई जा रही है, लेकिन इस घटना ने चुनाव/सर्वे ड्यूटी में लगे कर्मचारियों पर प्रशासनिक दबाव और लापरवाही को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
विजय पांडेय की ड्यूटी और बिगड़ती तबियत: बुखार में भी सर्वे क्यों करना पड़ा?
बीएलओ विजय पांडेय के अनुसार, उनकी तबियत गुरुवार देर शाम से ही खराब थी। उन्हें शनिवार और रविवार को तेज बुखार भी था। एसआईआर सर्वे क्या है? एसआईआर (Special Summary Revision) या विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण प्रक्रिया, मतदाता सूची को अपडेट करने का एक महत्वपूर्ण कार्य है। बीएलओ का कार्य घर-घर जाकर सर्वे करना और डेटा एकत्र करना होता है।
बुखार होने पर भी ड्यूटी क्यों नहीं हटाई गई? परिजनों का सीधा आरोप है कि बीमारी की जानकारी होने के बावजूद नोडल अधिकारी लगातार सर्वे पूरा करने का दबाव बनाते रहे। शारीरिक कमजोरी और बीमारी के बावजूद उन्हें राहत नहीं दी गई, जिसका परिणाम यह गंभीर स्वास्थ्य संकट है।
नोडल अधिकारियों पर परिजनों के गंभीर आरोप: मानसिक तनाव ने बिगाड़ी हालत
विजय पांडेय के परिवार ने इस पूरी घटना के लिए सीधे तौर पर प्रशासनिक लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। उनके आरोप बेहद गंभीर हैं:
- बीमारी को अनदेखा करना: अधिकारियों को हल्का फीवर होने की जानकारी दी गई थी, लेकिन उन्होंने इस बीमारी को पूरी तरह अनदेखा कर दिया।
- मानसिक दबाव: परिजनों का कहना है कि जिम्मेदार अधिकारी समय-सीमा के नाम पर लगातार मानसिक दबाव डाल रहे थे और किसी भी हालत में काम पूरी करने का दबाव था।
- राहत न देना: बीमारी की जानकारी होने के बाद भी कोई राहत या वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई।
बीएलओ को ब्रेन हेमरेज कैसे हुआ? परिजनों के अनुसार, लगातार काम करने के दबाव, शारीरिक कमजोरी और मानसिक तनाव की वजह से ही उनकी हालत बिगड़ी, जिसके चलते उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ।
सिर दर्द और बेहोशी के बाद ब्रेन हेमरेज की पुष्टि: प्रशासनिक लापरवाही क्या है?
बीएलओ विजय पांडेय ने जब सिर में तेज दर्द और बेहोशी की शिकायत की, तब परिवार के लोग उन्हें फौरन अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने जांच के बाद ब्रेन हेमरेज की पुष्टि की।
- प्रशासनिक लापरवाही क्या है? इस मामले में प्रशासनिक लापरवाही स्पष्ट है:
- स्वास्थ्य खराब होने की सूचना के बावजूद कर्मचारी को कार्यमुक्त न करना।
- समय-सीमा के नाम पर अनावश्यक मानसिक तनाव पैदा करना।
- कर्मचारी के जीवन और स्वास्थ्य को महत्व न देना।
यह घटना यह सवाल खड़ा करती है कि चुनाव और सर्वे जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में लगे कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी कौन लेगा।
परिजनों ने नोडल अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की
विजय पांडेय के परिजनों ने नोडल अधिकारी के खिलाफ तत्काल और सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यह घटना केवल एक व्यक्तिगत स्वास्थ्य संकट नहीं है, बल्कि अधिकारियों की संवेदनहीनता और अमानवीय कार्यशैली का नतीजा है।
नोडल अधिकारी ने दबाव क्यों बनाया? ऐसा अक्सर ऊपरी अधिकारियों के दबाव या लक्ष्य पूरा करने की जल्दबाजी के कारण होता है, जहां मानवीय पहलू को नजरअंदाज कर दिया जाता है। शिक्षा विभाग और प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं कि जब बीमारी की जानकारी थी, तो उन्हें राहत क्यों नहीं दी गई?
यह घटना सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी के दौरान होने वाले अत्यधिक तनाव और असुरक्षित कार्य परिस्थितियों पर ध्यान केंद्रित करती है, जिस पर तत्काल सुधार की आवश्यकता है।