रात के अंधेरे में बाउंड्री गिराने वाला कौन? पूर्व CSP का नाम आते ही FIR, Rewa का ये मामला क्यों बन गया 'राष्ट्रीय' मुद्दा?    

 
व्यावसायिक क्षेत्र के हाई-प्रोफाइल जमीन विवाद में प्रशासन का सख्त रुख, बाउंड्री गिराने पर अज्ञात के खिलाफ FIR, शक की सुई पूर्व CSP पन्नालाल अवस्थी पर

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा शहर के प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्र में कई दिनों से सुलग रहे हाई-प्रोफाइल भूमि विवाद के मामले में आखिरकार प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। विवादित जमीन की बाउंड्री गिराए जाने की घटना पर पुलिस ने मंगलवार देर शाम अज्ञात आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। इस कार्रवाई ने लंबे समय से तनावपूर्ण माहौल में चल रहे घटनाक्रम को एक नई दिशा दे दी है और व्यापारिक समुदाय में न्याय की उम्मीद जगाई है।

तनावपूर्ण माहौल: कहाँ से शुरू हुआ हाई-प्रोफाइल विवाद? 
यह मामला मुख्य रूप से पूर्व सीएसपी पन्नालाल अवस्थी और गुप्ता परिवार के बीच जमीन के मालिकाना हक को लेकर चल रहा है। FIR भले ही अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज की गई हो, लेकिन शिकायतकर्ता गुप्ता परिवार ने बाउंड्री ध्वस्त कराने का सीधा संदेह पूर्व सीएसपी अवस्थी पर जताया है। दूसरी ओर, पन्नालाल अवस्थी लगातार इन आरोपों को निराधार बताकर खारिज करते रहे हैं। इस विवाद ने शहर के व्यावसायिक माहौल में असुरक्षा की भावना पैदा कर दी थी।

क्या हुआ 5 नवंबर की रात को? 
विवाद की जड़ में वह घटना है जो करीब 40 साल पहले खरीदी गई जमीन पर बनी बाउंड्री को 5 नवंबर की रात अज्ञात व्यक्तियों द्वारा तोड़ दिए जाने से शुरू हुई। कमलेश गुप्ता के अनुसार, उन्होंने लगभग चार दशक पहले 22,000 वर्ग फीट भूमि खरीदी थी, जबकि उसी क्षेत्र में अवस्थी ने करीब दस वर्ष पूर्व जमीन खरीदी थी। गुप्ता परिवार का कहना है कि जब वे एक कार्यक्रम में व्यस्त थे, उसी दौरान पूरी बाउंड्री रातोंरात धराशायी कर दी गई।

व्यापारियों का आक्रोश और प्रशासन का घेराव 
इस घटना ने गुप्ता परिवार और क्षेत्र के प्रमुख व्यापारियों को आक्रोशित कर दिया। उनका आरोप था कि विवादित भूखंड पर कुछ लोग लगातार दबाव बना रहे थे और उनकी शिकायतों के बावजूद कोई आवश्यक कदम नहीं उठाए गए। बाउंड्री गिराए जाने को व्यापारियों ने अपने अधिकारों पर सीधा हमला बताया। विरोध दर्ज कराने के लिए, व्यापारियों ने पहले एयरपोर्ट पर उप-मुख्यमंत्री से मिलने का प्रयास किया और बाद में कलेक्ट्रेट का घेराव कर प्रशासन से तत्काल निष्पक्ष कार्रवाई की मांग उठाई।

विरोध के बाद पुलिस ने उठाया कदम 
व्यापारिक समुदाय के लगातार बढ़ते विरोध और दबाव के बाद, पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए प्रारंभिक जांच पूरी की और देर शाम FIR दर्ज की। व्यापारियों ने इस कार्रवाई को प्रशासन की ओर से एक बड़ा और सकारात्मक कदम माना है। लंबे समय से चल रहे इस गतिरोध के बाद FIR दर्ज होने से कानूनी प्रक्रिया अब शुरू हो गई है।

न्याय की दिशा में एक सकारात्मक कदम 
FIR दर्ज होने के बाद व्यापारिक समुदाय ने इसे न्याय की दिशा में एक सकारात्मक कार्रवाई बताया और प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया। उनका मानना है कि यह विवाद केवल जमीन के टुकड़े तक सीमित नहीं था, बल्कि शहर के व्यावसायिक माहौल और सुरक्षा की भावना से सीधे जुड़ा हुआ था। व्यापारियों ने उम्मीद जताई है कि आगे भी ऐसे हाई-प्रोफाइल मामलों में प्रशासन की ओर से निष्पक्ष और कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी, जिससे शहर में कारोबार का भरोसेमंद और सुरक्षित वातावरण बना रहे। अब सभी की निगाहें पुलिस की आगे की जांच और कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।