जज साहब के बगल में बैठकर करता था जालसाजी! सिरमौर न्यायालय का क्लर्क गिरफ्तार, पूरे कोर्ट में खलबली

 

ऋतुराज द्विवेदी, रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा। रीवा जिले से एक बेहद चौंकाने वाला और गंभीर मामला सामने आया है, जिसने न्यायपालिका से जुड़े एक कर्मचारी के अनैतिक कृत्य को उजागर किया है। नौकरी दिलाने के नाम पर ₹1,24,000 रुपए की ठगी करने के आरोप में सिरमौर पुलिस ने न्यायालय के एक लिपिक (Clerk) को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में नौकरी लगवाने का झांसा देकर एक फरियादी को शिकार बनाया था।

न्यायालय के लिपिक ने किया नौकरी का 'सौदा', 8 माह बाद गिरफ्तारी
एसडीओपी सिरमौर उमेश प्रजापति ने इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी की पहचान मुनेंद्र नाथ त्रिपाठी के रूप में हुई है, जो वर्तमान में जेएमएफसी सिरमौर न्यायालय में लिपिक के पद पर कार्यरत है। फरियादी अजीत कुशवाहा ने 1 फरवरी को थाना सिरमौर में एक लिखित आवेदन प्रस्तुत किया था, जिसमें लिपिक पर ठगी का आरोप लगाया गया था।

फरियादी ने रिपोर्ट में बताया कि मुनेंद्रनाथ त्रिपाठी ने उन्हें मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर से जारी हुए तामिलकर्ता और भृत्य (Peon) के पदों के विज्ञापन का लालच दिया। आरोपी ने इन पदों पर नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे एक बड़ी राशि, 1 लाख 24 हजार रुपए, ऐंठ लिए। इस मामले में पुलिस ने शिकायत के बाद करीब आठ माह तक गहन विवेचना की, जिसके बाद बुधवार को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।

'ऊंची पहुंच' का झांसा देकर बनाया शिकार: विश्वास और पद का दुरुपयोग
आरोपी लिपिक मुनेंद्र नाथ त्रिपाठी, जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के नागनपुर का निवासी है, उसने फरियादी को विश्वास में लेने के लिए अपने पद और कथित 'ऊंची पहुंच' की दुहाई दी। न्यायालय में कार्यरत होने के कारण उसके पास लोगों का विश्वास आसानी से अर्जित करने की सुविधा थी, जिसका उसने दुर्भावनापूर्ण उपयोग किया। उसने फरियादी से यह वादा किया कि वह अपनी पहुँच का इस्तेमाल कर सरकारी नौकरी दिलवा देगा।

पैसे देने के कुछ समय बाद ही फरियादी अजीत कुशवाहा को यह आभास हो गया था कि वह धोखाधड़ी का शिकार हो चुका है। जब नौकरी नहीं मिली और आरोपी ने पैसे लौटाने में आनाकानी की, तब फरियादी ने हिम्मत जुटाकर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। यह घटना दर्शाती है कि कैसे न्यायिक व्यवस्था से जुड़ा एक कर्मचारी भी नौकरी के लालच में बैठे बेरोजगारों को ठगने का काम कर रहा था।

भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(4) के तहत मामला दर्ज
सिरमौर पुलिस ने फरियादी की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करते हुए थाना सिरमौर में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318 (4) के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया। BNS की यह धारा ठगी और धोखाधड़ी के मामलों से संबंधित है। लंबी विवेचना पूरी होने के बाद, पुलिस ने बुधवार को आरोपी लिपिक मुनेंद्र नाथ त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तारी के बाद, आरोपी को माननीय न्यायालय में पेश किया गया है, जहाँ से आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अधिकारियों ने आम जनता से अपील की है कि सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर यदि कोई भी व्यक्ति पैसे की मांग करता है, भले ही वह किसी भी प्रतिष्ठित पद पर क्यों न हो, तो तुरंत सतर्क हो जाएं और स्थानीय पुलिस को सूचित करें। यह घटना उन सभी बेरोजगार युवाओं के लिए एक बड़ी चेतावनी है, जो जल्दी और बिना प्रतिस्पर्धा के नौकरी पाने के लिए धोखाधड़ी करने वालों के झांसे में आ जाते हैं।