Rewa News : रात के अंधेरे में 'आस्था' पर हमला! हनुमान जी की मूर्ति चोरी, सनातन धर्म का अपमान : पुलिस पर उठे सवाल
ऋतुराज द्विवेदी, रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) मध्य प्रदेश के रीवा स्थित जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर से एक अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय घटना सामने आई है। यहाँ न्यायालय के पूर्व और उत्तर कोने में वासुदेव (पीपल के पेड़ के पास) स्थापित प्राचीन पंचमुखी हनुमान जी की प्रतिमा मंगलवार, 14 अक्टूबर की आधी रात को चोरी हो गई। यह प्रतिमा केवल एक धार्मिक मूर्ति नहीं थी, बल्कि इसका गहरा ऐतिहासिक महत्व भी था, जिसकी पूजा-अर्चना न्यायालय के कर्मचारियों, अधिवक्ताओं और आस-पास के भक्तों द्वारा नियमित रूप से की जाती थी।
चोरी की घटना का विवरण और प्रतिमा का महत्व:
अधिवक्ता प्रदीप सिंह और अनिल चतुर्वेदी के अनुसार, यह प्रतिमा न्यायालय परिसर में पीपल के पेड़ के पास बिराजमान थी और वर्षों से यहाँ धार्मिक आस्था का केंद्र रही है। पंचमुखी बजरंगबली की यह मूर्ति अत्यंत प्राचीन और ऐतिहासिक मानी जाती थी, जिसके कारण इसकी चोरी ने न सिर्फ भक्तों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है बल्कि न्यायालय परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।
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स्थान: रीवा जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर, पूर्व और उत्तर का कोना, वासुदेव (पीपल के पेड़ के पास)।
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समय: 14 अक्टूबर की मध्य रात्रि।
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प्रतिमा: प्राचीन पंचमुखी हनुमान जी।
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महत्व: यह प्रतिमा समस्त अधिवक्ताओं, कर्मचारियों और स्थानीय लोगों के लिए आस्था का प्रतीक थी, जहाँ वे नियमित रूप से दर्शन और पूजा के लिए पहुंचते थे।
अधिवक्ताओं एवं भक्तों में आक्रोश और कड़ी कार्रवाई की मांग:
प्रतिमा चोरी की सूचना मिलने पर रीवा के अधिवक्ताओं में गहरा आक्रोश उत्पन्न हो गया है। उन्होंने इस कृत्य को सनातन धर्म का अपमान और लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला बताया है। अधिवक्ताओं ने पुलिस प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई करने और मूर्ति को जल्द से जल्द ढूंढकर उसी स्थान पर पुनः स्थापित करने की मांग की है।
अधिवक्ताओं ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि यदि इस मामले में जल्द कार्रवाई नहीं हुई और दोषियों को पकड़ा नहीं गया, तो वे कड़े कदम उठाने को विवश होंगे। उनकी मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:
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दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई: चोरी जैसा निंदनीय कार्य करने वाले सामाजिक तत्वों पर कठोर कानूनी कार्यवाही हो।
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प्रतिमा की वापसी और पुनर्स्थापना: चोरी हुई प्राचीन पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति को जल्द से जल्द बरामद कर न्यायालय परिसर में उसी स्थान पर पुनः स्थापित किया जाए।
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सुरक्षा सुनिश्चित करना: भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए न्यायालय परिसर की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाए।
पुलिस से त्वरित जांच की गुहार: पुलिस ने रीवा कोर्ट की मूर्ति ढूंढने के लिए क्या कदम उठाए हैं?
अधिवक्ताओं और प्रबुद्धजनों ने पुलिस अधीक्षक एवं अन्य उच्च अधिकारियों से निवेदन किया है कि मामले की तत्काल और गहन जांच शुरू की जाए। चूंकि प्रतिमा का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व बहुत अधिक है, इसलिए इस चोरी को सामान्य चोरी न मानकर गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा जाना चाहिए।
इस घटना ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि धार्मिक स्थलों और प्राचीन विरासतों की सुरक्षा कितनी आवश्यक है। यह चोरी न केवल एक संपत्ति का नुकसान है, बल्कि यह रीवा के लोगों की आस्था और सांस्कृतिक धरोहर पर भी एक आघात है।
निष्कर्ष और अपील: हनुमान जी की मूर्ति चोरी क्यों हो गई?
पंचमुखी हनुमान जी की प्रतिमा चोरी होने की यह घटना असामाजिक तत्वों की बढ़ती दुस्साहस को दर्शाती है। अधिवक्ताओं की यह मांग पूरी तरह से न्यायसंगत है कि दोषियों को पकड़ा जाए और मूर्ति को वापस लाकर स्थापित किया जाए।
धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं, और अब प्रशासन का यह दायित्व है कि वह त्वरित कार्रवाई कर न्याय सुनिश्चित करे। इस मामले में पुलिस का रवैया और कार्रवाई ही यह तय करेगी कि सार्वजनिक आस्था और धार्मिक स्थलों की गरिमा समाज में कितनी सुरक्षित है।