शिक्षा विभाग में 'भूचाल'! क्या स्कूल अब गुंडों का अड्डा? प्रिंसिपल की पिटाई पर DEO का एक्शन: भृत्य पर FIR क्यों नहीं?

 

ऋतुराज द्विवेदी, रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा जिले के हर्दीकपसा स्थित विद्यालय में एक अत्यंत अशोभनीय और अनुशासनहीनता से भरी घटना सामने आई है। विद्यालय के प्राचार्य आर.पी. भूर्तिया पर उन्हीं के विद्यालय में पदस्थ भृत्य (चपरासी) राकेश शुक्ला ने हमला कर दिया।

घटना की गंभीरता इसलिए भी अधिक है क्योंकि यह हमला केवल गाली गलौज तक सीमित नहीं रहा, बल्कि भृत्य राकेश शुक्ला ने गांव के कुछ लोगों और अपने पुत्र को बुलाकर प्राचार्य के साथ जमकर मारपीट की। विद्यालय परिसर में हुआ यह कृत्य अनुशासन की सभी सीमाओं को लांघता है।

शिकायत और जांच: कार्रवाई का आधार 
इस गंभीर घटना के बाद, प्राचार्य आर.पी. भूर्तिया ने तुरंत इसकी शिकायत संबंधित थाने में दर्ज कराई और साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) रीवा, रामराज मिश्र को भी लिखित में सूचना दी।

जांच का आदेश: डीईओ रामराज मिश्र ने मामले की गंभीरता को समझते हुए, वीईओ सिरमौर को घटना की वस्तुस्थिति की जांच करने के निर्देश दिए।
जांच रिपोर्ट: वीईओ सिरमौर द्वारा तैयार की गई जांच प्रतिवेदन में भृत्य राकेश शुक्ला द्वारा प्राचार्य के साथ गाली गलौज और मारपीट की पुष्टि हुई।

डीईओ द्वारा तत्काल निलंबन की कार्रवाई 
जांच रिपोर्ट के आधार पर, जिला शिक्षा अधिकारी रामराज मिश्र ने तत्काल और कठोर कार्रवाई करते हुए आरोपी भृत्य के खिलाफ सख्त कदम उठाया।

निलंबन: आज (जांच प्रतिवेदन उपरांत) संबंधित भृत्य राकेश कुमार शुक्ला को निलंबित कर दिया गया।
मुख्यालय निर्धारण: निलंबन अवधि के दौरान, भृत्य राकेश कुमार शुक्ला का मुख्यालय वीईओ कार्यालय जवा नियत किया गया है।

यह कार्रवाई शिक्षा विभाग द्वारा कार्यस्थल पर अनुशासनहीनता, हिंसा और वरिष्ठ अधिकारियों के प्रति अभद्रता को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त न करने का स्पष्ट संदेश देती है। डीईओ का यह निर्णय विद्यालय परिसर में सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखने की दिशा में एक ठोस कदम है।

निष्कर्ष 
रीवा के हर्दीकपसा स्कूल में प्राचार्य पर उनके ही भृत्य द्वारा किया गया हमला एक गंभीर प्रशासनिक और आपराधिक मामला था। जिला शिक्षा अधिकारी रामराज मिश्र ने शीघ्र जांच के बाद भृत्य राकेश कुमार शुक्ला को निलंबित करके यह साबित कर दिया कि शिक्षा संस्थानों में अराजकता और हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। यह कार्रवाई अन्य कर्मचारियों के लिए भी एक चेतावनी है कि ड्यूटी के दौरान अनुशासनहीनता का परिणाम कठोर हो सकता है।