बड़ा स्कैंडल : रीवा GMH की HOD पर आरोप: मरीज़ों को 3 दिन तक बिना इलाज तड़पाया, प्राइवेट पेशेंट न भेजने पर डॉक्टरों का जीना मुहाल!

 
जीएमएच रीवा के गायनी विभाग में एचओडी डॉ. बीनू सिंह और इस्तीफा देने वाली डॉ. पूजा गंगवार के बीच आरोपों-प्रत्यारोपों का सिलसिला वीडियो के जरिए सामने आया, जिसमें विभाग की आंतरिक कलह और मरीज़ों की दुर्दशा पर गंभीर सवाल उठे।

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) श्याम शाह मेडिकल कॉलेज (SSMC) से संबद्ध गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल (GMH) रीवा के गाइनी विभाग में डॉक्टरों के बीच जारी संघर्ष अब सार्वजनिक रूप से 'वीडियो वार' में बदल गया है। शिकायतों और इस्तीफों से शुरू हुआ यह विवाद, तब और भड़क गया जब एचओडी डॉ. बीनू सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस्तीफा देने वाली डॉ. पूजा गंगवार और अन्य शिकायतकर्ताओं पर गंभीर आरोप लगाए। अब, डॉ. पूजा गंगवार ने खुद एक 3.37 मिनट का वीडियो जारी कर पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने विभाग की आंतरिक खींचतान और बिगड़े हालातों की असली कहानी बयां की है। यह वीडियो लड़ाई अब आर-पार के मोड़ पर पहुँच गई है।

डॉ. पूजा गंगवार का पलटवार: वीडियो जारी और बदले का आरोप 
वीडियो की शुरुआत में डॉ. पूजा गंगवार ने स्पष्ट किया कि अब 'स्पष्टीकरण का समय' आ गया है। उन्होंने सीधे तौर पर एचओडी डॉ. बीनू सिंह पर बदला लेने का आरोप लगाया है। डॉ. गंगवार के अनुसार, उनकी नौकरी छोड़ने और विभाग में कई डॉक्टरों के बीच असंतोष का मुख्य कारण मानसिक प्रताड़ना (Mental Torture) है। उन्होंने दावा किया कि इतनी मेहनत से हासिल की गई क्लास वन ऑफिसर की नौकरी कोई डॉक्टर तभी छोड़ता है, जब वह अत्यधिक मानसिक दबाव में हो।

क्यों बदला लिया जा रहा है?
डॉ. गंगवार ने आरोप लगाया कि डॉ. बीनू सिंह पर पूर्व में सरकारी मरीज़ों को प्राइवेट में भेजने के मामले में डिपार्टमेंटल इन्क्वायरी बैठ चुकी है। हालांकि जांच के बाद उन्हें एचओडी के पद पर वापस बैठा दिया गया। डॉ. गंगवार का कहना है कि इसी जांच और पद से हटाए जाने का बदला अब एचओडी उन सभी डॉक्टरों से ले रही हैं जो उनके खिलाफ थे या उनकी बात नहीं मानते थे।

द्वेष की जड़: डॉ. पद्मा शुक्ला के खिलाफ दबाव 

  • डॉ. पूजा गंगवार ने विवाद की असल जड़ बताते हुए कहा कि एचओडी डॉ. बीनू सिंह और एक अन्य सीनियर डॉक्टर डॉ. पद्मा शुक्ला के बीच व्यक्तिगत द्वेष है।
  • उन्होंने आरोप लगाया कि शुरुआत में डॉ. बीनू सिंह ने उन पर यह दबाव बनाया था कि वह डॉ. पद्मा शुक्ला के खिलाफ एक झूठी शिकायत दर्ज करें।
  • जब डॉ. गंगवार ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया, तो एचओडी लगातार उन्हें परेशान करने लगीं।
  • डॉ. गंगवार ने दावा किया कि डॉ. पद्मा शुक्ला की यूनिट में कार्यरत लगभग सभी डॉक्टरों को एचओडी द्वारा इसी कारण से लगातार परेशान किया गया और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।

मानसिक प्रताड़ना और HOD की अनुपस्थिति पर सवाल 

  • डॉ. पूजा गंगवार ने डॉ. बीनू सिंह के उन आरोपों को झूठा ठहराया जिनमें उन्होंने ड्यूटी में लापरवाही की बात कही थी। डॉ. गंगवार ने दावा किया कि उन्होंने जितनी छुट्टियाँ लीं, एचओडी मैडम ने उससे दोगुनी (Double) छुट्टियाँ लीं।
  • "अस्पताल में मरीज मर रहे हैं और एचओडी मैडम मेडिकल लीव लेकर शादियों में घूम रही हैं। उनके लाइव लोकेशन से इस बात की पुष्टि की जा सकती है।"

उन्होंने आगे कहा कि जब एचओडी खुद 11 बजे अस्पताल आती हैं और 1 बजे चली जाती हैं, तो उन्हें यह कैसे पता चलेगा कि सुबह के राउंड में कौन डॉक्टर आया और कौन नहीं। यह स्थिति न केवल चिकित्सकीय अनुशासन पर, बल्कि मरीज़ों के इलाज पर भी सवाल खड़े करती है।

मातृ मृत्यु के आरोप का खंडन

  • डॉ. पूजा गंगवार ने उस मातृ मृत्यु (Maternal Mortality) के आरोप पर भी सफाई दी जिसका इस्तेमाल एचओडी उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के लिए कर रही थीं।
  • उन्होंने बताया कि जिस महिला की मृत्यु हुई थी, ऑपरेशन सफल रहा था और वह स्टेबल हो गई थी।
  • मृत्यु का कारण ऑपरेशन में गलती नहीं, बल्कि बाद में हुआ एनेस्थीसिया कॉम्प्लीकेशन (Anaesthesia Complication) था।
  • उन्होंने स्पष्ट किया कि इस संबंध में दो से तीन बार स्पष्टीकरण दिया जा चुका है, इसके बावजूद एचओडी इसे आधार बनाकर उन्हें मानसिक तौर पर प्रताड़ित कर रही हैं, जबकि इसमें कोई तथ्य नहीं है।

विभाग में भ्रष्टाचार और पद का दुरुपयोग
डॉ. गंगवार ने एचओडी पर पद का दुरुपयोग करने और विभाग के माहौल को जानबूझकर बिगाड़ने का सबसे गंभीर आरोप लगाया।

  • उन्होंने बताया कि जब कोई प्राइवेट पेशेंट आता है या कोई दूसरे डॉक्टर का मरीज होता है, तो एचओडी उस पर चीखती-चिल्लाती हैं, उसकी फाइलें फेंक देती हैं और कहती हैं कि वह उसी डॉक्टर को दिखाए।
  • सबसे गंभीर बात यह है कि वह ऐसे मरीज़ों को दो से तीन दिन तक बिना इलाज के पड़े रहने देती हैं।
  • उनका प्रयास रहता है कि मरीज की हालत बिगड़ जाए ताकि इसका दोष संबंधित डॉक्टर पर आए।
  • यह स्थिति सीधे तौर पर विंध्य क्षेत्र के गरीब और जरूरतमंद मरीज़ों के इलाज के अधिकार का हनन है।

जनता के लिए अनुरोध और निष्कर्ष
डॉ. पूजा गंगवार ने अपने वीडियो के अंत में एचओडी डॉ. बीनू सिंह को एक अंतिम संदेश दिया है। उन्होंने अनुरोध किया है कि एचओडी को पद की गरिमा को बनाए रखना चाहिए, ठीक वैसे ही जैसे पूर्व में डॉ. कल्पना यादव ने बनाई थी।

उनका सीधा अनुरोध है कि विंध्य की जनता पर ऐहसान करें और उन्हें समुचित इलाज उपलब्ध होने दें। यह वीडियो वार केवल दो डॉक्टरों की लड़ाई नहीं है, बल्कि यह रीवा के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था की जमीनी हकीकत और आंतरिक भ्रष्टाचार को उजागर करता है। पुलिस और प्रशासन को अब इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर मरीज़ों के हित में निर्णायक कदम उठाने की जरूरत है।