रीवा ब्रेकिंग: सीधे MLA को घेरने पहुंचा बेटा, BJP के साथ पीड़ित पिता ने SP को बताई 'कत्ल और लूट की साजिश'! क्या जेल जाएंगे सेमरिया विधायक?

 
सेमरिया विधायक अभय मिश्रा के खिलाफ सनसनीखेज आरोप। पीड़ित पिता ने एसपी को सौंपे गंभीर सबूत, भाजपा साथ खड़ी। अब क्या जेल जाएंगे विधायक?

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा जिले के चोरहटा थाना में शुरू हुआ सियासी-आपराधिक विवाद अब थमने का नाम नहीं ले रहा है, बल्कि यह और अधिक गंभीर मोड़ ले चुका है। सेमरिया विधायक अभय मिश्रा से जुड़े इस हाई-प्रोफाइल मामले में, पीड़ित अभिषेक तिवारी के पिता सतीश तिवारी ने एक सनसनीखेज आवेदन पुलिस अधीक्षक को सौंपा है, जिसमें विधायक और उनके साथियों पर 'हत्या के इरादे से अपहरण' और 'डकैती' जैसे बेहद गंभीर आरोप लगाए गए हैं। भाजपा इस मामले में पीड़ित के साथ मजबूती से खड़ी है और उसने एसपी कार्यालय पहुंचकर अभय मिश्रा पर इन धाराओं को बढ़ाने तथा तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है।

विवाद की जड़: बकाया वेतन की मांग से शुरू हुआ 'खूनी खेल' का आरोप
यह पूरा मामला सेमरिया विधायक अभय मिश्रा के फार्म हाउस में काम करने वाले अभिषेक तिवारी से जुड़ा है। अभिषेक के पिता सतीश तिवारी (ग्राम भलुहा, थाना सेमरिया) द्वारा एसपी को दिए गए आवेदन में विस्तार से बताया गया है कि:

  • उनका पुत्र अभिषेक तिवारी कई महीनों से विधायक अभय मिश्रा के यहां काम करता था और उसका कई महीने का वेतन बकाया था।
  • दिनांक 24 जुलाई 2025 को शाम लगभग 06 बजे अभिषेक विधायक अभय मिश्रा के फार्म हाउस पर अपना बकाया वेतन मांगने गया था।
  • आवेदन में आरोप है कि वहीं पर अभिषेक के साथ बेरहमी से मारपीट की गई। उसे जबरन व बलपूर्वक अपहरण कर लिया गया और पांच से अधिक व्यक्तियों द्वारा जबरन उसका मोबाइल छीनकर लूट (डकैती) की घटना को अंजाम दिया गया।
  • सतीश तिवारी का आरोप है कि ये सभी आपराधिक कृत्य उनके पुत्र की हत्या करने की नीयति से किए गए थे।

इसी घटना के बाद, अभिषेक तिवारी ने दहशत में या 'धैर्यहीन' (घायल) अवस्था में चोरहटा थाने में अपराध क्रमांक 397/25 पर मामला दर्ज करवाया था।

'फर्जी FIR' का आरोप और राजनीतिक षड्यंत्र का दावा
मामले को और जटिल बनाते हुए, सतीश तिवारी ने अपने आवेदन में दावा किया है कि विधायक अभय मिश्रा सहित अन्य आरोपीगण, इस घटना से बचने और अपने अपराध को छिपाने के उद्देश्य से, दिनांक 24 जुलाई 2025 को दोपहर 12 बजे सिविल लाइन्स थाना रीवा में उनके पुत्र अभिषेक तिवारी के विरुद्ध अपराध क्रमांक 312/25 पर एक नितांत झूठी और असत्य रिपोर्ट दर्ज करवा दी। यह एक आपराधिक षड्यंत्र का स्पष्ट प्रमाण है, जिसकी निष्पक्ष जांच जरूरी है।

भाजपा का कड़ा रुख: 'हत्या के इरादे से अपहरण' और 'डकैती' की धाराएं जोड़ने की मांग
इस गंभीर घटना के बाद, पूर्व भाजपा विधायक केपी त्रिपाठी पीड़ित अभिषेक तिवारी के पक्ष में पूरी मजबूती से खड़े हो गए हैं। अपनी जनता के हर सुख-दुख में साथ रहने वाले केपी त्रिपाठी के साथ भाजपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को पीड़ित अभिषेक तिवारी के पिता सतीश तिवारी को लेकर एसपी कार्यालय का घेराव किया।

  • एसपी की अनुपस्थिति में एडिशनल एसपी को सौंपे गए ज्ञापन में सतीश तिवारी ने पुलिस अधीक्षक से विनम्र अनुरोध किया है कि:
  • उनके पुत्र अभिषेक तिवारी के विरुद्ध थाना सिविल लाइन्स रीवा में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 312/25 की निष्पक्ष जांच कराई जाए और मामला खारिज (निरस्त) किया जाए।
  • झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने में शामिल सभी षड्यंत्रकारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाए।
  • सबसे महत्वपूर्ण, आरोपीगणों के विरुद्ध थाना चोरहटा में पंजीबद्ध विषयांकित अपराध (अपराध क्रमांक 397/25) में सभी तथ्यों का समावेश करते हुए भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा-109 (दुष्प्रेरण), 140(1) (सदोष परिरोध), 310(2) (डकैती में हत्या) एवं 311 (डाकूओं का गिरोह) को समाविष्ट किया जाए। आवेदन में यह भी बताया गया है कि यह आपराधिक कृत्य डकैती की परिभाषा के अंतर्गत आता है और हत्या के इरादे से किया गया है।
  • शिकायतकर्ता ने अपने पुत्र की वीडियो रिकॉर्डिंग भी प्रमाण के रूप में पुलिस अधीक्षक के अवलोकनार्थ प्रस्तुत की है।
  • सभी आरोपीगणों की तत्काल गिरफ्तारी की जाए।

आवेदन में ढेकहा तिराहे पर लगे शासकीय व निजी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और आसपास के व्यक्तियों से पूछताछ की भी मांग की गई है, ताकि सभी षड्यंत्रकारियों का कृत्य स्वयं उजागर हो सके।

यह मामला अब केवल मारपीट या पैसे के विवाद तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि इसमें हत्या के इरादे, अपहरण, डकैती, और राजनीतिक साजिश जैसे गंभीर आरोप जुड़ गए हैं। रीवा की राजनीति में यह विवाद और अधिक गहराता जा रहा है, और अब सबकी निगाहें पुलिस प्रशासन पर टिकी हैं कि वे इस आवेदन पर क्या कार्रवाई करते हैं और क्या अभय मिश्रा सहित अन्य आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता की ये गंभीर धाराएं लगाई जाती हैं।