Rewa News : अधिवक्ताओं ने जिला अधिवक्ता संघ के खिलाफ खोला मोर्चा, चेंबर आवंटन में अवैध वसूली का आरोप : न्यायाधीश से की कार्रवाई की मांग
ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। रीवा में 4 मई 2025 को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के पहले हाईटेक जिला न्यायालय भवन का भव्य लोकार्पण किया। करीब 95.93 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस अत्याधुनिक न्यायालय परिसर में 40 कोर्ट रूम, 296 अधिवक्ता कक्ष, 36 बैठक हॉल, बैंक, पोस्ट ऑफिस, मेडिकल सुविधा, लाइब्रेरी, कैंटीन और 750 अधिवक्ताओं के लिए बैठने की व्यवस्था सहित कई आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं ।
इस ऐतिहासिक अवसर पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस जे.के. माहेश्वरी, जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैथ सहित कई वरिष्ठ न्यायाधीश उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संबोधन में न्याय को प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार बताते हुए कहा कि सरकार समय पर न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पिछले डेढ़ वर्षों में प्रदेश में 30 से अधिक न्यायालय भवनों का लोकार्पण किया गया है ।
कार्यक्रम में उपस्थित न्यायाधीशों ने न्याय प्रणाली में लंबित मामलों की संख्या पर चिंता व्यक्त की और न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि रीवा की न्यायिक परंपरा समृद्ध रही है और नया न्यायालय भवन इस परंपरा को और सशक्त करेगा।
हालांकि, उद्घाटन के बाद अधिवक्ताओं और जिला अधिवक्ता संघ के बीच चेंबर आवंटन और फर्नीचर शुल्क को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ। अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि चेंबर के लिए 2.5 लाख रुपये और कुर्सी-टेबल के लिए 6,500 रुपये की अवैध वसूली की जा रही है। इस पर रोक लगाने की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा।
हालांकि, चेंबर आवंटन को लेकर अधिवक्ताओं और जिला अधिवक्ता संघ के बीच विवाद उत्पन्न हो गया है। अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया है कि चेंबर के लिए 2.5 लाख रुपये और कुर्सी-टेबल के लिए 6,500 रुपये की अवैध वसूली की जा रही है। इस पर रोक लगाने की मांग को लेकर दर्जनों अधिवक्ता जिला एवं सत्र न्यायाधीश से मिले और ज्ञापन सौंपा।
अधिवक्ताओं का कहना है कि नया न्यायालय भवन मध्य प्रदेश शासन द्वारा न्यायिक कार्य के लिए बनाया गया है और इसका संचालन न्यायालय के अधीन है। अधिवक्ता संघ द्वारा जारी नोटिस में 6,500 रुपये जमा करने पर ही सीट आवंटित करने की बात कही गई है, जिसे अधिवक्ताओं ने अनुचित बताया है।
विरोध करने वाले अधिवक्ताओं में नरेंद्र कुमार सिंह, कुंवर बहादुर सिंह, जयशंकर मिश्रा, ज्ञानेन्द्र प्रसाद मिश्रा, रितेश गुप्ता, वीरेन्द्र सिंह बघेल, दुर्गेश निगम, विनोद तिवारी, सुधीर सिंह, बृजेश सिंह, अर्चना श्रीवास्तव, जसराम विश्वकर्मा, इन्द्रलाल सोंधिया, शारदा श्रीवास्तव, कुंवर प्रताप सिंह, अनुपम श्रीवास्तव, प्रभुराज सिंह बघेल सहित अन्य शामिल हैं।
अधिवक्ताओं की मांग है कि अवैध वसूली पर तत्काल रोक लगाई जाए और चेंबर आवंटन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए।