Rewa News : "विंध्यवासियों के लिए खुशखबरी: रीवा अस्पताल को मिला 321 करोड़ का तोहफा", अब नवीन ओपीडी भवन, मेटरनिटी ब्लॉक, नर्सिंग कॉलेज एवं हॉस्टल, मल्टी लेवल पार्किंग की मिलेगी सुविधा

 

रीवा के संजय गांधी चिकित्सालय में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने 321.94 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। यह निर्णय हाल ही में इंदौर में हुई राज्य की मंत्री परिषद की बैठक में लिया गया, जिसमें उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने इस परियोजना को "विंध्य क्षेत्र के लिए एक बड़ा परिवर्तनकारी प्रयास" बताया ।

प्रस्तावित सुविधाएं

इस बजट के तहत निम्नलिखित प्रमुख सुविधाओं का निर्माण और उन्नयन किया जाएगा:

  • नवीन ओपीडी भवन: रोगियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए, अत्याधुनिक आउटडोर पेशेंट डिपार्टमेंट का निर्माण किया जाएगा।

  • मेटरनिटी ब्लॉक: गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष सुविधाओं से युक्त मेटरनिटी ब्लॉक की स्थापना।

  • नर्सिंग कॉलेज एवं हॉस्टल: नर्सिंग शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नया कॉलेज और छात्रावास।

  • मल्टी-लेवल पार्किंग: अस्पताल परिसर में पार्किंग की सुविधा को बेहतर बनाने के लिए बहु-स्तरीय पार्किंग का निर्माण।

  • आवासीय परिसर: चिकित्सकों और स्टाफ के लिए आधुनिक आवासीय सुविधा।

  • मॉडर्न किचन और डोरमेट्री: रोगियों और स्टाफ के लिए आधुनिक रसोईघर और डोरमेट्री की व्यवस्था।

  • न्यूक्लियर मेडिसिन ब्लॉक एवं कैंसर इकाई के लिए बंकर: कैंसर रोगियों के लिए न्यूक्लियर मेडिसिन ब्लॉक और रेडियोथेरेपी के लिए बंकर का निर्माण।

क्षेत्रीय प्रभाव

यह परियोजना न केवल रीवा बल्कि पूरे विंध्य क्षेत्र के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में एक महत्वपूर्ण सुधार लाएगी। इससे क्षेत्रीय निवासियों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाएं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होंगी, जिससे उन्हें बड़े शहरों की ओर रुख करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

भविष्य की दिशा

उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल के अनुसार, यह परियोजना रीवा को एक प्रमुख चिकित्सा केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ ही, यह पहल मध्यप्रदेश सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त और व्यापक बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

यदि आप इस परियोजना के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं या इसकी प्रगति पर अपडेट प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप मध्यप्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित विभाग की सोशल मीडिया प्रोफाइल्स पर नियमित रूप से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।