Rewa News : स्कूल के मंदिर में प्याज का धंधा! रीवा के ओढ़की खुर्द स्कूल में बच्चों की जगह बोरियों का कब्जा, शिक्षा विभाग बेखबर
ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। रीवा जिले के ओढ़की खुर्द गांव में एक शर्मनाक मामला सामने आया है। गांव की शासकीय प्राथमिक पाठशाला में जहां बच्चों को बैठकर पढ़ाई करनी थी, वहां अब प्याज की बोरियां भरी पड़ी हैं। स्कूल को कुछ लोगों ने गोदाम में तब्दील कर दिया है और अधिकारी इससे पूरी तरह अनजान या अनदेखा बने हुए हैं।
स्कूल खुलने से पहले ही लूट ली पढ़ाई की जगह
गौरतलब है कि स्कूल 15 जून से दोबारा खुलने वाला है। लेकिन कक्षा-कक्ष में इस वक्त प्याज की बोरियां रखी हुई हैं। हालात ये हैं कि बच्चों के बैठने तक की जगह नहीं बची। ग्रामीणों का कहना है कि यदि यही स्थिति रही तो बच्चों को बोरियों पर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ेगी।
ग्रामीणों का फूटा गुस्सा
जब गांव के लोगों को इस बात की जानकारी लगी तो वे विद्यालAय पहुंच गए और जमकर विरोध दर्ज कराया। लोगों ने आरोप लगाया कि यह सब विद्यालय के जिम्मेदार लोगों की मिलीभगत से हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर बच्चों के भविष्य से ऐसा खिलवाड़ होता रहा तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
नियमों का खुला उल्लंघन
- इस घटना ने शिक्षा विभाग की व्यवस्था और प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
- सरकारी आदेशों के अनुसार विद्यालय परिसर का उपयोग किसी भी व्यावसायिक या निजी कार्य के लिए नहीं किया जा सकता।
- साथ ही, शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत बच्चों को स्वच्छ और सुरक्षित शैक्षणिक वातावरण देना अनिवार्य है।
अधिकारियों की चुप्पी संदिग्ध
सबसे हैरानी की बात ये है कि ना तो जनपद शिक्षा अधिकारी, ना खंड शिक्षा अधिकारी और ना ही पंचायत सचिव ने अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई की है। इससे यह भी साफ होता है कि कहीं ना कहीं प्रशासन की मिलीभगत या सिस्टम में लापरवाही जरूर है।
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि —
- स्कूल परिसर को तत्काल प्याज की बोरियों से खाली कराया जाए।
- जिम्मेदार अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई हो।
- पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए।
- बच्चों के लिए पढ़ाई का सुरक्षित माहौल तत्काल बहाल किया जाए।
वीडियो वायरल, सोशल मीडिया पर मचा हड़कंप
इस घटना का वीडियो भी वायरल हो चुका है। लोग सोशल मीडिया पर शिक्षा विभाग की लापरवाही को आड़े हाथों ले रहे हैं।
**सवाल अब ये है कि —
क्या रीवा का प्रशासन प्याज गोदाम बने स्कूल को दोबारा बच्चों का स्कूल बना पाएगा?**