Rewa News: रीवा से वंदे भारत ट्रेन संचालन की तैयारी, डीआरएम ने स्टेशन में देखी सुविधाएं

 

पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर के डीआरएम विवेक शील बुधवार दोपहर रीवा पहुंचकर स्टेशन परिसर का बारीकी से निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने वंदे भारत ट्रेन की रीवा से चलने की संभावनाओं पर अधिकारियों से चर्चा की। स्टेशन परिसर में यात्रियों से जुड़ी सुविधाओं का अवलोकन किया। उनके रीवा दौरे की प्रमुख वजह रीवा से इंदौर तक प्रस्तावित वंदेभारत ट्रेन से जुड़ी सुविधाओं का परीक्षण करना ही था।

सतना से वह सड़क मार्ग के जरिए रीवा पहुंचे। रास्ते में पडऩे वाले स्टेशनों का भी जायजा लिया। डीआरएम के साथ जबलपुर से कई अन्य अधिकारी भी थे। स्टेशन परिसर में एक और एंट्री गेट बनाने का निर्देश दिया है। ताकि, यात्रियों के प्रवेश व निकासी के समय भीड़ का भार न रहे। सुरक्षा व्यवस्था व संकेतक भी देखे। कहा, स्टेशन परिसर के हर हिस्से में यात्रियों को ट्रेनों व उनसे जुड़ी सूचनाएं मिलें, इसके भी इंतजाम किए जाएं।

गोविंदगढ़ स्टेशन का कार्य पूरा कराने निर्देश

गोविंदगढ़ स्टेशन का कार्य देखने पहुंचे डीआरएम ने अफसरों से कहा, जो कार्य अधूरे हैं, उन्हें जल्द पूरा कराएं। इस स्टेशन का लोकार्पण भी जल्द कराना है। यहां पर यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए संसाधन मुहैया कराने के निर्देश दिया। गोविंदगढ़ स्टेशन परिसर में हड़ताल पर बैठे किसानों के संबंध में कहा, उन्हें नियमों के अनुसार, मुआवजा दिया जा चुका है। नौकरी को लेकर सरकार का नया सर्कुलर आ गया है। जिस वजह से अब सरकार के स्तर पर ही जो कुछ होगा तो होगा। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वह क्षेत्र में रेलवे के विस्तार में सहयोग दें।

प्राथमिक उपचार की व्यवस्था रहे

स्टेशन परिसर में यात्रियों की सुविधा के लिए प्राथमिक उपचार की व्यवस्था बनाने के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया है। कुछ यात्रियों ने भ्रमण के दौरान उनसे कहा, यहां पर किसी दुर्घटना के बाद करीब सात किमी दूर संजयगांधी अस्पताल जाना पड़ता है। इस पर डीआरएम ने अधिकारियों से कहा, प्राथमिक उपचार स्टेशन परिसर में रहे, इसकी तत्काल व्यवस्था कराएं।

बोले, वंदे भारत को लेकर शेड्यूल नहीं

डीआरएम विवेक शील ने बताया, रीवा में वंदे भारत कब चलेगा और कहां तक चलेगी, इस बात का कोई शेड्यूल तय नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि अभी केवल संभावनाओं की जानकारी मंगाई गई है। इसलिए निरीक्षण कर पूरी वस्तुस्थिति से अवगत कराया जा रहा है। इस पर कोई भी निर्णय मंत्रालय के स्तर ही लिया जाएगा।